Lok Sabha Election 2024: भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने पंजाब में अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान किया है. पंजाब प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने मंगलवार (26 मार्च) को कहा कि पार्टी पंजाब में अकेले लोकसभा चुनाव लड़ेगी और वह शिरोमणि अकाली दल (SAD) के साथ गठबंधन नहीं करेगी. इससे पहले दोनों पार्टियों के बीच गठबंधन के कयास लगाए जा रहे थे.

पिछले हफ्ते सूत्रों ने कहा था कि अगर दोनों पार्टियां राज्य में सीट बंटवारे पर आम सहमति पर पहुंचती हैं तो अकाली दल और भाजपा चुनाव पूर्व समझौता कर सकते हैं. अकाली दल बीजेपी के सबसे पुराने सहयोगियों में से एक था. हालांकि, अकाली दल ने निरस्त किए गए कृषि कानूनों को लेकर सितंबर 2020 में एनडीए से नाता तोड़ लिया था.

वैसे अकाली दल अकेली पार्टी नहीं है, जो चुनाव से पहले एनडीए से अलग हुई है. इससे पहले हरियाणा में जननायक जनता पार्टी (JJP), ओडिशा में बीजू जनता दल (BJD) और महाराष्ट्र में शिवसेना भी एनडीए से अलग हो चुकी हैं. इन राज्यों में बीजेपी अकेले चुनाव लड़ रही है. 

NDA से गठबंधन तोड़ने वाले दलों से बीजेपी को नुकसानमाना जा रहा है कि चुनाव के पहले NDA से गठबंधन तोड़ने वाले दल बीजेपी को नुकसान पहुंचा सकते हैं. यह दल बीजेपी के 400 सीट जीतने के लक्ष्य में रोड़ा बन सकते हैं. दरअसल, इन सभी दलों का अपने-अपने राज्य में काफी वर्चस्व है और अपना बड़ा वोट बैंक भी है. ऐसे में सवाल यह है कि क्या बीजेपी इन दलों को वोट बैंक को अपने पाले ला पाएगी?

पंजाब अकाली दल पहुंचाएगी नुकसानपंजाब में अकाली दल एक प्रमुख राजनीतिक पार्टी है. 2019 के लोकसभा चुनाव में, अकाली दल और बीजेपी ने मिलकर चुनाव लड़ा, हालांकि दोनों दलों के खाते में 2-2 सीटें आई थीं.  इस चुनाव में अकाली दल को 27 फीसदी से ज्यादा वोट मिले थे, जबकि बीजेपी को 10 फीसदी से भी कम वोट मिले थे.

जेजेपी बनेगी खतराहरियाणा में जेजेपी की जाट वोटर्स पर मजबूत पकड़ है, जहां 25 फीसदी जाट वोट है. यहां बीजेपी ने अकेले चुनाव लड़ने की घोषणा की है. कहा जा रहा है कि बीजेपी ने जाटव वोट बैंक में सेंध लगाने के लिए जेजेपी से गठबंधन खत्म किया है, क्योंकि पिछली बार यह वोट कांग्रेस के पाले में ज्यादा गया था. ऐसे में यहां बीजेपी को कम नुकसान होने की संभावना है.

हालांकि, दुष्यंत चौटाला ने राजस्थान की 20 सीट पर अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है, जो बीजेपी के लिए खतरे की घंटी है. ये सभी उम्मीदवार कांग्रेस से ज्यादा बीजेपी को नुकसान पहुंचा सकते हैं. सियासी जानकारों के मुताबिक जेजेपी राजस्थान में 2-3 सीट से ज्यादा नहीं जीत पाएगी, लेकिन इन सीटों पर बीजेपी के जाट वोट में सेंध जरूर लगा देगी.

महाराष्ट्र में शिवसेना बन सकती है अड़चनइसी तरह महाराष्ट्र में बीजेपी-शिवसेना के बीच गठबंधन था. दोनों दलों ने पिछला चुनाव मिलकर लड़ा था. महाराष्ट्र शिवसेना एक ताकतवर दल माना जाता है, जिसके पास मजबूत मराठा वोट बैंक है. हालांकि, अब शिवसेना में दो-फाड़ हो चुके हैं. इसका एक गुट एनडीए और दूसरा इंडिया गठबंधन के साथ है.

बीजेपी ने शिवसेना से अलग हुए गुट को एनडीए में जगह दी है, लेकिन इससे उसे कोई लाभ होता दिखाई नहीं दे रहा है. दरअसल, शिवसेना के टूटने से उद्धव ठाकरे गुट को सहानुभूति वोट मिल सकता है. शिवसेना का उद्धव गुट इंडिया अलायंस का हिस्सा है.

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