Lok Sabha Election 2024: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर (Manohar Lal Khattar) ने मंत्रियों के साथ मंगलवार ( 12 मार्च) की सुबह इस्तीफा दे दिया. मुख्यमंत्री ने मंत्रिमंडल में होने वाले फेरबदल से पहले इस्तीफा दिया है. खट्टर के इस्तीफे की खबर जेजेपी के साथ राज्य में बीजेपी संग गठबंधन के टूटने के बाद सामने आई. इस्तीफा सौंपने से पहले खट्टर ने अपने आवास पर सभी बीजेपी मंत्रियों के साथ बैठक भी की थी.


खट्टर के अचानक इस्तीफा देने के बाद सवाल उठ रहा है लोकसभा चुनाव से ठीक पहले हरियाणा में जो हो रहा है, क्या वह बीजेपी का ही गेम प्लान था. सूत्रों के मुताबिक बीजेपी काफी समय से जेजेपी से अलग होना चाहती थी पर दुष्यंत चौटाला तैयार नहीं थे. सूत्रों ने बताया कि अगर दोनों दल साथ लड़ते तो जाटों का वोट न बीजेपी को मिलता और न ही जेजेपी को ऐसे में बीजेपी ने जेजेपी से अलग होने का मन बना लिया था. सूत्रों ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि बीजेपी मंत्रिमंडल में जेजेपी को शामिल करना नहीं चाहती थी. इतना ही नहीं पार्टी निर्दलीय विधायकों का समर्थन ले सकती है और उन्हें कैबिनेट में जगह दे सकती है.


लोकसभा सीट शेयर करना नहीं चाहती बीजेपी
सूत्रों के मुताबिक दुष्यंत की तरफ से 2 लोकसभा सीट की मांग की जा रही थी. वहीं, बीजेपी राज्य की सभी 10 सीटों पर लड़ना चाहती थी, क्योंकि इस वक्त सभी सीटों पर उसके सांसद हैं. रिपोर्ट के मुताबिक जेजेपी नेता और डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने सोमवार (11 मार्च) को नई दिल्ली में बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की, जहां कथित तौर पर उन्हें बताया गया कि बीजेपी उनके साथ कोई लोकसभा सीट साझा नहीं करेगी.


खट्टर ने निर्दलीय नेताओं के साथ की बैठक
इतना ही नहीं मंगलवार (12 मार्च) सुबह केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ दुष्यंत की निर्धारित बैठक नहीं हो पाई. 2019 के विधानसभा चुनावों में जेजेपी और बीजेपी ने साथ मिलकर सरकार बनाई थी. जानकारी के मुताबिक, खट्टर ने निर्दलीय विधायकों के साथ बैठक भी की. इस दौरान उन्होंने यह जानने की कोशिश की निर्दलीय विधायकों का झुकाव किस तरफ है.


मुख्यमंत्री का मिला निर्दलीय विधायकों का साथ
पृथला से निर्दलीय विधायक नयन पाल रावत ने बताया कि सीएम ने उन्हें मिलने के लिए बुलाया था. "उन्होंने पूछा कि क्या मैं बीजेपी के साथ हूं. मैंने उनसे कहा कि मैं और अन्य निर्दलीय विधायक हमेशा सीएम के साथ रहे हैं और पहले दिन से ही BJP का समर्थन कर रहे हैं."


वर्तमान में 90 सदस्यीय हरियाणा विधानसभा में बीजेपी के पास 41 विधायक हैं, जबकि कांग्रेस के 30, जेजेपी के 10 और आईएनएलडी और हरियाणा लोकहित पार्टी के एक-एक विधायक के अलावा 7 निर्दलीय विधायक हैं. पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 36.5 प्रतिशत, कांग्रेस को 28.13 और जेजेपी को  27.34 प्रतिशत वोट मिला था. 


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