Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव 2024 से पहले कांग्रेस पार्टी में एक और दरार पड़ सकती है. ऐसी अटकलें हैं कि मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और पार्टी के सबसे पुराने नेताओं में से एक कमलनाथ बीजेपी में शामिल हो सकते हैं. कई बड़े नेता कांग्रेस छोड़ चुके हैं. यहां हम उन बड़े नेताओं के बारे में बता रहे हैं, जिन्होंने 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद कांग्रेस पार्टी छोड़ी.


ज्योतिरादित्य सिंधिया
माधवराव सिंधिया के बेटे ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मार्च 2020 में कांग्रेस पार्टी छोड़ी थी. वह पार्टी के शीर्ष नेताओं में शामिल थे और 2018 में मध्य प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनने के बाद उनके मुख्यमंत्री बनने के आसार थे, लेकिन कमलनाथ को मुख्यमंत्री बनाया गया था. माना जाता है कि यहीं से वह पार्टी से रूठ गए थे. लगभग एक साल बाद उन्होंने 22 विधायकों के साथ बीजेपी का दामन थाम लिया था और राज्य में सरकार बदल गई थी.


सुष्मिता देव
ऑल इंडिया महिला कांग्रेस की अध्यक्ष रहीं सुष्मिता ने अगस्त 2021 में कांग्रेस छोड़ी थी. वह असम में पार्टी के सबसे अहम नेताओं में से एक थी. कांग्रेस छोड़ने के बाद वह टीएमसी का हिस्सा बनीं और राज्यसभा सांसद भी बनीं.


अमरिंदर सिंह
पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने नवंबर 2021 में कांग्रेस का दामन छोड़ा था. इसके बाद उन्होंने अपनी खुद की पार्टी बनाई. हालांकि, एक साल के अंदर ही उन्होंने अपनी पंजाब लोक कांग्रेस पार्टी का विलय बीजेपी में कर दिया था.


आरपीएन सिंह
जनवरी 2022 में आरपीएन सिंह ने कांग्रेस छोड़ बीजेपी का दामन थाम लिया था. तीन बार के विधायक रहे आरपीएन सिंह का कहना था कि कांग्रेस अब वह पार्टी नहीं रह गई है जो पहले हुआ करती थी. वह 30 साल तक कांग्रेस का हिस्सा रहे थे. उनके पिता भी इंदिरा गांधी सरकार का हिस्सा थे.


अश्विनी कुमार
फरवरी 2022 में कांग्रेस छोड़ने वाले अश्विनी कुमार यूपीए सरकार मे कैबिनेट मंत्री भी रहे थे. वह 40 साल तक पार्टी का हिस्सा थे और सोनिया गांधी के सबसे विश्वासपात्र नेताओं में शामिल थे.


हार्दिक पटेल
गुजरात के पाटीदार नेता हार्दिक पटेल ने मई 2022 में कांग्रेस छोड़ दी थी. उनका कहना था कि पार्टी के बड़े नेता अपने फोन में आने वाले मैसेज को लेकर ज्यादा चिंतित हैं और राज्य स्तर के नेता चिकन पार्टी में व्यस्त हैं.


कपिल सिब्बल
कपिल सिब्बल ने मई 2022 में कांग्रेस पार्टी छोड़ी थी. इससे दो महीने पहले उन्होंने कहा था कि गांधी परिवार को शीर्ष नेतृत्व छोड़ देना चाहिए और अन्य नेताओं को आगे बढ़ाना चाहिए. कांग्रेस छोड़ने के बाद वह समाजवादी पार्टी के समर्थन से राज्यसभा में निर्दलीय सांसद बने.


सुनील जाखड़
पंजाब कांग्रेस समिति के पूर्व अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने मई 2022 में पार्टी छोड़ी थी. 50 साल तक पार्टी में रहने के बाद जब उन्हें शो कॉज नोटिस मिला तो उन्होंने सोनिया गांधी के काम करने के तरीके पर सवाल खड़े किए और पार्टी से इस्तीफा दे दिया. बाद में वह बीजेपी के साथ जुड़े.


गुलाम नबी आजाद
गुलाम नबी आजाद ने अगस्त 2022 में पार्टी छोड़ी थी. उन्होंने सोनिया गांधी को पांच पन्ने का लेटर लिखकर अपनी बात कही थी. उन्होंने कहा था कि कांग्रेस इस स्थिति में पहुंच चुकी है कि पार्टी कभी वापसी नहीं कर पाएगी.


जयवीर शेरगिल
जयवीर ने अगस्त 2022 में कांग्रेस छोड़ी थी. वह बीजेपी में शामिल हुए और फिलहाल पार्टी के प्रवक्ता हैं. वह 2018 में कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता थे. उन्होंने भी कांग्रेस छोड़ने से पहले पार्टी के शीर्ष नेताओं पर गंभीर आरोप लगाए थे.


मिलिंद देवड़ा
मिलिंद देवड़ा ने जनवरी 2024 में कांग्रेस छोड़कर एकनाथ शिंदे की अगुआई वाली शिवसेना पार्टी का दामन थाम लिया. राहुल गांधी के करीबी नेताओं में शामिल रहे देवड़ा ने कांग्रेस पर उन्हें तवज्जो न देने का आरोप लगाया था.


अशोक चव्हाण
फरवरी 2024 में कांग्रेस से अलग हुए अशोक चव्हाण बीजेपी का हिस्सा बन चुके हैं.

यह भी पढ़ें: लोकसभा चुनाव 2024: बिहार के लिए असदुद्दीन ओवैसी ने बनाया खास प्लान, सीमांचल की एक नहीं इतनी सीटों पर है AIMIM की नजर