Lok Sabha Election 2024: उत्तर प्रदेश की जौनपुर अदालत ने अपहरण और रंगदारी मांगने के मामले में पूर्व सांसद और जनता दल यूनाइटेड (JDU) के राष्ट्रीय महासचिव धनंजय सिंह को दोषी करार दिया है. उन्हें कोर्ट ने सात साल कैद की सजा सुनाई है. दोषी करार दिए जाने से एक दिन पहले उन्होंने समाजवादी पार्टी (सपा) मुखिया अखिलेश यादव से एक शादी समारोह में मुलाकात की थी, इसको लेकर सियासी गलियारों में खूब चर्चा हो रही है.
सूत्रों के मुताबिक, कहा जा रहा था कि धनंजय सिंह लोकसभा का चुनाव का टिकट चाहते थे. जेडीयू के राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में शामिल होने के बाद वह जौनपुर सीट पर को लेकर दावा ठोंक रहे थे. हालांकि, उन्हें सफलता नहीं मिली, क्योंकि भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने महाराष्ट्र के पूर्व गृह राज्य मंत्री कृपा शंकर सिंह को जौनपुर लोकसभा क्षेत्र से प्रत्याशी बना दिया.
इसके कुछ ही देर बाद धनंजय ने भी जौनपुर से लोकसभा चुनाव को लेकर इरादा जताया. उन्होंने दो मार्च को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपनी पोस्ट में कहा, 'साथियों! तैयार रहिए...लक्ष्य बस एक लोकसभा 73, जौनपुर.'
अखिलेश यादव से मुलाकातइसके बाद धनंजय सिंह लखनऊ में 4 मार्च को एक शादी समारोह में समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव से मिले. इस मुलाकात के बाद यह माना जा रहा था कि वह इंडिया गठबंधन के टिकट पर जौनपुर से ताल ठोक सकते हैं. हालांकि, ऐसा कुछ होता, इससे पहले ही मंगलवार (6 मार्च) को उन्हें अचानक 46 महीने पहले दर्ज की गई एक एफआईआर के आधार पर कोर्ट ने सजा सुना दी.
अपहरण और रंगदारी के आरोप में जेलनमामि गंगे परियोजना के प्रबंधक अभिनव सिंघल ने मई 2020 को जौनपुर में धनंजय सिंह और उनके साथी विक्रम के खिलाफ अपहरण और रंगदारी मांगने के आरोप में मुकदमा दर्ज कराया था. मुकदमा दर्ज होने के बाद इस मामले में पूर्व सांसद धनंजय सिंह गिरफ्तार भी हुए थे. हालांकि, बाद में उन्हें इलाहाबाद हाई कोर्ट से जमानत मिल गई थी.
सपा के बड़े नेता कर रहे थे धनंजय सिंह की सिफारिशजेल जाने के बाद सिंह अब चुनाव नहीं लड़ सकेंगे. हालांकि, चर्चा है कि अब उनकी पत्नी श्रीकला जौनपुर से इलेक्शन लड़ेंगी. सूत्रों के मुताबिक समाजवादी पार्टी का गुट चाहता था कि पार्टी जौनपुर से धनंजय सिंह को मैदान में उतारे.
कहा जा रहा है कि उनके रिश्ते सपा के कई बड़ा नेताओ के साथ रहे हैं. इनमें शिवपाल यादव और रामगोपाल यादव के भी शामिल हैं. इन नेताओं का मानना है कि धनंजय सिंह एक मजबूत उम्मीदवार हैं और उन्हें चुनाव में आजमाया जा सकता था.