Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव 2024 में तीन चरणों के मतदान संपन्न हो चुके हैं. उत्तर प्रदेश (uttar pradesh) में जहां बीजेपी अपने 'मिशन 80' को भुनाने के लिए अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग रणनीति अपना रही है, वहीं बहुजन समाज पार्टी (bsp) ने समाजवादी पार्टी (sp) की रणनीति और वोट बैंक में सेंध लगाने की तैयारी कर ली है. बसपा ने इस बार सपा के मुकाबले 5 गुना ज्यादा मुस्लिम प्रत्याशियों (muslims candidate) को टिकट देकर मुस्लिम समुदाय को लुभाया है और सपा के 'एमवाई समीकरण' (my equation in up) को तोड़ने की प्लानिंग की है.



सपा ने 5 मुस्लिम उम्मीदवारों को दिया है टिकट


2019 में सपा-बसपा ने साथ में चुनाव लड़ा था और दोनों पार्टियों ने 37-37 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे. इस बार बसपा जहां 78 सीटों पर चुनाव लड़ रही है वहीं अखिलेश यादव की पार्टी INDIA गठबंधन का हिस्सा है और 62 सीटों पर चुनाव लड़ रही है. इस बार के चुनाव में सपा की मुश्किलें किसी और ने नहीं बल्कि पिछले चुनाव की सहयोगी मायावती ने बढ़ा दी है. माना जाता है कि उत्तर प्रदेश में हमेशा मुस्लिम समुदाय सपा को वोट करती है और साथ में यादवों के वोट के साथ सपा मजबूती के साथ चुनाव लड़ती है, लेकिन इसबार मामला थोड़ा अलग है. क्योंकि खुद को मुसलमानों की हितैषी दिखाने वाली सपा ने इस बार मात्र 5 मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट दिया है जो पिछली बार से आधा है. पिछली बार सपा ने यूपी में 10 मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट दिया था.


6 यादव उम्मीदवारों पर बीएसपी ने जताया है भरोसा


बसपा ने इस बार दलित के साथ ही मुसलमान उम्मीदवारों पर विश्वास जताया है. मायावती ने उत्तरप्रदेश में जहां 2019 के चुनाव में 6 मुस्लिम उम्मीदवारों को उतारा था, वहीं इस बार 22 मुस्लिम उम्मीवारों पर उन्होंने भरोसा जताया है. वहीं कांग्रेस की बात करें तो यूपी में कांग्रेस ने दो मुसलमान उम्मीदवार उतारे हैं. समाजवादी पार्टी को बढ़-चढ़ कर वोट करने वाले यादव समुदाय को भी बसपा ने लुभाने की कोशिश है और 6 यादव उम्मीदवार अपने कोटे से उतारे हैं, वहीं सपा ने 5 यादव उम्मीदवारों को टिकट दिए हैं, जिसमें देखने वाली बात ये है कि पांचों उम्मीदवार उनके कुनबे के ही हैं.


ठाकुर उम्मीदवारों में बीजेपी ने की कटौती


वहीं ब्राह्मण और ठाकुर समुदाय पर भरोसा जताने वाले बीजेपी ने, जहां पिछली पार 17 ठाकुर उम्मीदवारों को टिकट दिए थे, वहीं इस बार 14 ठाकुर प्रत्याशियों को मैदान में उतारा है. 2014 में बीजेपी 21 ठाकुर उम्मीदवारों को टिकट दिए थे. बीजेपी ने इस बार भले ही कम प्रत्याशी दिए हों, लेकिन उनकी आबादी से ज्यादा प्रत्याशी उतारे हैं. यूपी में 7 फीसदी के करीब ठाकुर मतदाता है, लेकिन वो अपनी आबादी से ज्यादा हमेशा चुनाव जीतते रहे हैं. सूबे की 80 लोकसभा सीट में से 20 सीट पर ठाकुर समाज का मजबूत दखल है. सूबे में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह भी ठाकुर समुदाय से आते हैं.