Lok Sabha Election 2024: देश में इस समय एक के बाद एक बड़े आयोजन कतार में है. भारत ने अगले हफ्ते के लिए शेड्यूल जी 20 के अध्यक्षता की तैयारी शुरू है वहीं,31 अगस्त और 1 अक्टूबर को विपक्ष की गठबंधन इंडिया की तीसरी मीटिंग मुंबई में होने के लिए प्लान्ड है. इसके साथ ही कुछ राजनीतिक धुरंधर कयास लगा रहे हैं कि मोदी सरकार कई कारणों के चलते लोकसभा का चुनाव समय से पहले कराने का फैसला ले सकती है. हाल के दिनों में पहले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, बिहार के सीएम नीतीश कुमार और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री भी मध्यावधि चुनाव की आशंका जता चुके हैं. हालांकि, इन सभी की बातों को सिरे से खारिज करते हुए मोदी कैबिनेट के एक शीर्ष मंत्री ने बताया कि ऐसा कोई कारण नहीं है कि सरकार समय से पहले चुनाव कराने की सोच रखें. 


इन नेताओं ने जताया है पूर्व चुनाव की संभावना
नेटवर्क 18 की रिपोर्ट के मुताबिक मोदी कैबिनेट के मंत्री ने कहा कि बीजेपी की सरकार "अपना कार्यकाल पूरा करेगी". उनका कहना है कि ये कदम गलत होगा क्योकि 2019 चुनाव में जनता ने बीजेपी पार्टी को अपार जनादेश देकर पांच साल के लिए चुना है. दरअसल, कुछ दिनों पहले ममता बनर्जी ने इस पर दावा किया था कि "बीजेपी पर भरोसा नहीं कर सकते. वह दिसंबर या जनवरी में चुनाव करवा सकती है." उन्होंने कहा था कि भारत के चुनाव आयुक्त का चयन करने वाली कमेटी से बीजेपी ने सीजेआई को भी हटा दिया है." 


वहीं, नीतीश कुमार ने इसपर कहा कि यह जरूरी नहीं है कि 2024 लोकसभा चुनाव समय पर ही हों. ये किसी भी समय हो सकते हैं. इन दोनों के साथ ही इंडिया गठबंधन में शामिल तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने भी इस साल जून में कुछ ऐसा ही दावा करते हुए कहा था कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव हारने के बाद बीजेपी अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव समय से पहले करा सकती है.


ये भी एक बड़ी वजह?
अब ऐसी खबर हो भी क्यों न जब, बीजेपी लोकसभा चुनाव के ऐलान से पहले ही लोकसभा की 160 सीटों पर उम्मीदवार उतारने की बात कर रही हो. कुछ दिनों पहले दिल्ली की एक बैठक में बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा 2019 चुनाव में हारे हुए और पार्टी के नजरिए से 160 कमजोर सीटों के लिए काफी पहले से तैयारी में है. बीजेपी के इस फार्मूला में कई बहुचर्चित सीटें शामिल हैं. जैसे कांग्रेस के पूर्व चीफ सोनिया गांधी की गढ़ रायबरेली, सपा नेता डिंपल यादव की मैनपुरी सीट और शरद पवार की बेटी की संसदीय सीट शामिल हैं. साथ ही क्यास लगाए जा रहे हैं कि बीजेपी इस साल के अंत में पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव के साथ ही आम चुनाव भी करवा सकती है. 


इससे पहले भी हुए हैं समय से पहले चुनाव
हालांकि, इससे पहले देश में तीन बार लोकसभा भंग कर आम चुनाव करवाये जा चुके हैं, जिसमें से दो बार कांग्रेस ने समय से पहले चुनाव करवाकर जीत दर्ज किए थें जबकि एक बार बीजेपी की अटल बिहारी वाजपेयी के सरकार में यह कारनामा हुआ था, जिसमें वाजपेयी को 2004 में कांग्रेस के हाथो सत्ता गंवानी पड़ी थी. साल 1971 में चौथी लोकसभा को भंग कर उस समय की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी नें पांचवी लोकसभा के लिए समय से पूर्व चुनाव करवाए थें, जिसमें कांग्रेस को 352 सीटें मिली थी. जबकि इंदिरा गांधी के निधन के बाद, राजीव गांघी ने आठवीं लोकसभा चुनाव के समय से पहले करवाया था, जिसमें कांग्रेस को अबतक का सबसे ज्यादा सीटें मिली थी. 


हम समय से पहले चुनाव क्यों कराना चाहेंगे?- बीजेपी सूत्र
News18 को मध्यावधि चुनाव कराने की बातों पर एक और वरिष्ठ बीजेपी नेता ने मंत्री के विचार को ही दोहराते हुए कहा कि पार्टी ये कदम क्यों उठाएगी. उन्होंने तर्क के साथ बताया कि 
दूनिया के तमाम नेताओं की तुलना में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वर्ल्‍ड लीडर्स की रैंकिंग में पहला स्थान है. पीएम मोदी फ्रांस के इमैनुएल मैक्रॉन या अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन जैसे नेताओं से भी पॉपुलर हैं तो हम समय से पहले चुनाव क्यों कराना चाहेंगे?


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