नई दिल्ली: रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण इस वक्त देश की राजनीति में एक सशक्त नेता के तौर पर जानी जाती है. रक्षा मंत्रालय जैसी जिम्मेदारी उनके कंधों पर है. ऐसा पहली बार हुआ है जब भारत के इतिहास में कोई महिला पूर्ण सामायिक रक्षा मंत्री बनी हैं. निर्मला सीतारमण भारतीय जनता पार्टी की की सदस्य हैं. रक्षा मंत्री से पहले वह वाणिज्य और उद्योग और कारपोरेट मामलों की राज्य मंत्री रह चुकी हैं. इतनी शक्तिशाली पद कायम सीतारमण के बारे में आइए जानते हैं. कैसा रहा उनका व्यक्तिगत जीवन और राजनीतिक सफर


व्यक्तिगत जीवन


निर्मला सीतारमण का जन्म 18 अगस्त 1959 में तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली में हुआ था. निर्मला ने तमिलनाडु से सीतालक्ष्मी रामास्वामी कॉलेज से स्नातक की डिग्री हासिल की हैं और जवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय से एम. फिल किया. इसके बाद निर्मला सीतारमण ने BBC की विश्व सेव आमीन में भी कार्य कर चुकी हैं.
निर्मला का विवाह डॉ. परकाल प्रभाकर से हुआ जो लंदन के स्कूल ऑफ इकोनोमिक और भारत के जवाहरलाल नेहरू के पूर्व छात्र रह चुकें हैं. निर्मला पति एक राईट-फोलियो कंपनी में एमडी के पद पर हैं.


दोनों की शादी को लेकर भी दिलचस्प किस्सा है. दरअसल उनके पति डॉ परकाल प्रभाकर और निर्मला सीतारमण दोनों ही पहले जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में एक साथ पढाई कर चुके हैं. वही से प्यार शादी में बदल गई. अभी उनकी एक पुत्री हैं. शादी के बाद दोनों लंदन शिफ्ट हो गए थे, फिर पुत्री के जन्म के बाद वे भारत वापस आ गए और हैदराबाद में बस गए.


राजनीतिक जीवन


निर्मला सीतारमण ने साल 2006 में बीजेपी ज्वाइन किया था. इसके बाद साल 2007 में उनके पति परकाल प्रभाकर ने चीरंजीवी के पार्टी में शामिल हो गए. हालांकि बाद में साल 2000 में वह बीजेपी के आंध्र प्रदेश यूनिट के प्रवक्ता बने थे. जिस वक्त बीजेपी के पार्टी अध्यक्ष नितिन गडकरी थे उस वक्त साल 2010 में उन्हें पार्टी के 6 प्रमुख प्रवक्ताओं में शामिल किया गया था.


इसके बाद जब 2014 में बीजेपी की सरकार बनी तो निर्मला सीतारमण को साल 2016 में 26 मई को स्वतंत्र चार्ज के तहत मिनिस्टर ऑफ स्टेट का पद दिया गया. इसके बाद उन्हें वाणिज्य और उद्योग और कारपोरेट मामलों की राज्य मंत्री रह चुकी हैं. इसके बाद इन्हें साल 2017 में पीएम मोदी के कैबिनेट में सबसे महत्वपूर्ण पदों में एक रक्षा मंत्रालय सौंपा गया. 3 सितंबर 2017 को सीतारमण ने रक्षा मंत्री के तौर पर शपक्ष ली.


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