नई दिल्ली: तमिलनाडू के तूतीकोरिन लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रही कानीमोझी का राजनीतिक सफर काफी लंबा नहीं है लेकिन प्रभावशाली जरूर है. 01 जनवरी 1968 को चेन्नई में जन्मी कनीमोझी, डीएमके प्रमुख और तमिलनाडु के पूर्व सीएम करुणानिधि और उनकी तीसरी पत्नी रजति अम्मल की बेटी हैं. वो राज्यसभा सांसद, कवयित्री और पत्रकार हैं. उनकी प्रारंभिक शिक्षा चर्च पार्क के प्रजेंटेशन कान्वेंट स्कूल से हुई, उसके बाद उन्होंने मद्रास विश्वविद्यालय के एथिराज महिला कॉलेज से अर्थशास्त्र में परास्नातक किया था. वह कविताएं भी लिखती है. उन्होंने तमिल भाषा में कई कविताएं भी लिखी हैं और बहुत सारी तमिल कविताओं का अंग्रेजी में अनुवाद भी किया है.


व्यक्तिगत जीवन


कनिमोझी का जन्म चेन्नई में 1968 में हुआ था. वे कवियित्री भी हैं और पत्रकारिता में भी उन्हें अच्छा अनुभव रहा है. वे अंग्रेजी अखबार हिन्दू में भी काम कर चुकी हैं. 1989 में उन्होंने शादी की थी लेकिन उनका तालाक हो गया. 1997 में उन्होंने तमिल लेखक अरविंदन से शादी की.


राजनीतिक सफर


मई, 2007 में डीएमके ने कनिमोझी को राज्यसभा का सदस्य बनाया और 2013 में वह फिर से राज्यसभा सदस्य चुनी गईं. वह राज्यसभा में तमिलनाडु का एक तरह से चेहरा हैं और अक्सर राज्य के मसले उठाती रही हैं. वह हिंदू नेशनल प्रेस यूनियन के अध्यक्ष पद पर चुनी जाने वाली पहली महिला थीं. वह डीएमके की वीमेन विंग की सचिव हैं.


2 G घोटाले में आया था नाम


2जी स्पेक्ट्रम घोटाले में कनीमोझी का नाम आया था. इस मामले में सीबीआई ने जो चार्जशीट दाखिल किया था, उसके मुताबिक कनिमोझी का अपने परिवार द्वारा संचालित कलईंगर टीवी में 100 फीसदी हिस्सेदारी है, लेकिन कनिमोझी ने अपना बचाव करते हुए कहा कि कंपनी में उनकी सिर्फ 20 फीसदी हिस्सेदारी है और वह वित्तीय मामले नहीं देखतीं. इस कथित घोटाले के मामले में उन्हें 20 मई, 2011 को गिरफ्तार भी किया गया था.


सीबीआई के आरोप के मुताबिक चैनल को चलाने के पीछे मुख्य दिमाग कनिमोझी का था और उन्होंने पूर्व टेलीकॉम मंत्री ए. राजा के साथ मिलकर डीबी रियलिटी के प्रमोटर शाहिद बलवा से संदिग्ध तरीके से कलईंगर टीवी में 200 करोड़ रुपए का निवेश कराया. हालांकि 21 दिसंबर, 2017 को सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने कनिमोझी और ए राजा सहित 19 आरोपियों को 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन केस में बरी कर दिया.


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