कानपुर: इत्र नगरी कन्नौज में इन दिनों सियासी हवाएं तेज हो गई हैं. 2019 लोकसभा के लोकसभा चुनाव लिए डिम्पल यादव 6 अप्रैल को नामांकन भर सकती हैं. डिम्पल यादव जब नामांकन करने कन्नौज जांएगी तो उनके साथ अखिलेश यादव और परिवार के सदस्य मौजूद रहेंगे. अभी इस बात पर संशय बना हुआ है कि मुलायम सिंह मौजूद रहेंगे या नहीं. मंगलवार को अखिलेश यादव कन्नौज जायेंगे और पार्टी के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं से मुलाकात करके नामांकन की रूप रेखा तैयार करेंगे. इसके साथ ही अखिलेश यादव चुनावी रणनीति पर भी चर्चा करेंगे.
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कन्नौज समाजवादी पार्टी का गढ़ है बीते 23 वर्षो से सपा का एकक्षत्र राज रहा है. भारतीय जनता पार्टी ने सन 1996 कन्नौज लोकसभा सीट जीती थी. बीजेपी के चन्द्रभूषण सिंह सांसद बने थे. 23 साल बीत जाने के बाद किसी भी दल ने कन्नौज में जीत का स्वाद नहीं चखा है. कन्नौज संसदीय सीट पर सपा से डिम्पल यादव और बीजेपी के सुब्रत पाठक के बीच लड़ाई है. 2014 के लोकसभा चुनाव में भी डिम्पल यादव और सुब्रत पाठक आमने सामने थे. लेकिन जीत डिम्पल यादव की हुई थी.
सपा के वरिष्ठ नेता मजहरुल हक उर्फ़ मुन्ना दरोगा के मुताबिक कन्नौज समाजवादियों का गढ़ है. डिम्पल यादव कन्नौज की बहु हैं और पूरे कन्नौज की जनता डिम्पल यादव के साथ है. उन्होंने कहा कि चुनाव की तैयारी उन्हें करनी पड़ती है जिन्हें हार का डर होता है और सिर्फ चुनाव के वक्त ही दस्तक देते हैं. लेकिन समाजवादी तो हर वक्त क्षेत्र की जानता के बीच में रहते हैं. उन्होंने कहा 2014 में जो मोदी हवा चली थी अब वो हवा निकल गई है. उन्होंने दावा किया कि डिम्पल यादव कन्नौज से लोकसभा चुनाव बड़े अंतर से जीत रही हैं.
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मजहरुल हक ने बताया कि मंगलवार से प्रत्याशियों के नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो रही है. मंगलवार को राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव सड़क मार्ग से कन्नौज आएंगे. इसके बाद हेलीकाप्टर से लखनऊ के लिए रवाना होंगे. इस बीच अखिलेश यादव पार्टी के कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों से मुलाकात कर नामांकन और चुनावी रणनीति पर चर्चा करेगें. हो सकता है कि 6 या 7 अप्रैल को एक रोड शो किया जाए जिसमें परिवार के सदस्य होंगे. इसके बाद नामांकन का पर्चा दाखिल किया जाए.
कन्नौज लोकसभा सीट में 5 विधानसभा सीटें आती हैं. जिसमें कन्नौज की सदर विधानसभा, छीबरामऊ विधानसभा और तिर्वा विधानसभा इसके साथ ही जनपद कानपुर देहात की रसूलाबाद विधानसभा और जनपद औरैया की बिधुना विधानसभा सीटें शामिल हैं. क्षेत्रफल की द्रष्टि से यह बहुत बड़ा इलाका है और इसकी भगौलिक स्थिति भी विषम परिस्थितियों वाली है.
कन्नौज संसदीय क्षेत्र में 1553 मतदान केंद्र हैं, कन्नौज लोकसभा सीट में 18,53,987 वोटर हैं. जिसमें पुरुष वोटरों की संख्या 10,13,505 हैं वही महिला वोटरों की संख्या 840482 है.
2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने कानपुर बुंदेलखंड की 10 लोकसभा सीटों में से 09 सीटों पर जीत दर्ज की थी. लेकिन बीजेपी के हाथ से कन्नौज की सीट फिसल गई थी. कन्नौज में तीन विधानसभा सीटें हैं. 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 2 विधानसभा सीटों पर कब्ज़ा जमाया था वहीं सपा को एक हाथ एक विधानसभा सीट लगी थी.
2014 के लोकसभा चुनाव में सुब्रत पाठक डिम्पल यादव से मात्र 13,907 वोटों से हार गए थे. इस हार के अंतर को ध्यान में रखते हुए बीजेपी ने सुब्रत पाठक को एक और मौका दिया है. मोदी लहर भी कन्नौज की सीट बीजेपी को जीत नहीं दिला पाई थी.
कन्नौज लोकसभा सीट 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने कन्नौज से सुब्रत पाठक को डिम्पल यादव के अपोजिट मैदान में उतारा था. मोदी लहर का असर कन्नौज लोकसभा सीट पर नहीं पड़ा था. डिम्पल यादव ने सुब्रत पाठक को हरा कर समाजवादी पार्टी की साख बरकरार रखी थी. डिम्पल यादव को 489,164 वोट मिले थे और बीजेपी के सुब्रत पाठक को 469,257 वोट हासिल हुए थे. डिम्पल यादव ने सुब्रत पाठक को 13,907 वोटों से हराया था.