Lok Sabah Election 2024: लोकसभा चुनाव के लिए सभी दल अपनी-अपनी तैयारियां कर रहे हैं. तमिलनाडु में सभी पार्टियों का चुनावी अभियान जोरों-शोरों पर है. यहां होने वाले चुनाव के लिए लगभग सभी दलों ने अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है. 39 लोकसभा सीट वाले तमिलनाडु की 6 सीट पर किसी भी दल ने महिला प्रत्याशी को मैदान में नहीं उतारा है.
हैरान करने वाली बात यह है कि राज्य में पुरुष वोटरों के मुकाबले महिलाओं की संख्या ज्यादा है. इसके बावजूद किसी भी पार्टी ने मध्य चेन्नई, पोलाची, सलेम, तंजावुर, वेल्लोर और विल्लुपुरम जैसे निर्वाचन क्षेत्रों से किसी महिला उम्मीदवार को मैदान में नहीं उतारा.
तमिलनाडु में महिला वोटर्स ज्यादातमिलनाडु में पुरुष मतदाताओं की संख्या 3 करोड़ है, जबकि महिला वोटर्स की संख्या 3.1 करोड़ है. इसे क्षेत्र में लैंगिक असमानता के एक प्रतिबिंब के रूप में देखा जा रहा है. नाम तमिझार काची एकमात्र ऐसी पार्टी है, जिसने राज्य में 50 फीसदी महिलाओं को मैदान में उतारा है. इस मामले में अन्य दल बहुत पीछे हैं. अधिकांश निर्वाचन क्षेत्रों में महिलाओं ने स्वतंत्र उम्मीदवारों के रूप में नामांकन दाखिल किया है.
न चाहिए प्रॉक्सी उम्मीदवार- खुशबू सुंदरभारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी समिति की सदस्य और राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य खुशबू सुंदर ने कहा, "ऐसा नहीं है कि हमारे पास महिला आवेदक नहीं हैं, लेकिन उनमें से ज्यादातर को पुरुष नियंत्रण करते हैं. इसलिए ऐसे (प्रॉक्सी) उम्मीदवार न होना ही बेहतर है. हमारे पास चुनाव लड़ने के लिए तमिलिसाई सुंदरराजन और थमिझाची थंगापांडियन जैसी अधिक सक्षम महिलाएं मौजूद हैं. सभी राजनीतिक दलों को इस दिशा में काम करना चाहिए."
निर्दलीय उम्मीदवार हैं महिलाएंहालांकि, राज्य के 33 जिलों में कुछ निर्दलीय महिला उम्मीदवार मैदान में हैं. दसवीं कक्षा पास गृहिणी सूर्या कैमरे के निशान पर कांचीपुरम से चुनाव लड़ रही हैं. उनके पति पेशे से ड्राइवर हैं. सूर्या का कहना है, ''मैं बाल कल्याण योजनाएं लाना चाहती हूं और नशीली दवाओं की लत के खिलाफ लड़ना चाहती हूं.''
जब सूर्या से उनके अभियान के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, "मैं अपने पति से सलाह लेती हूं. हालांकि, सभी महिला उम्मीदवारों को उनके परिवार के पुरुष सदस्यों का समर्थन नहीं मिलता. वहीं, चेन्नई उत्तर से 'गन्ना किसान' चुनाव चिह्न पर चुनाव लड़ रहीं सारा फातिमा का कहना है कि वह कई महिलाओं को स्वतंत्र उम्मीदवारों के रूप में देखकर खुश हैं. वह कहती हैं, "मेरे पास मेरे दोस्त है और सोशल मीडिया भी है."
जल्द लागू हो महिला आरक्षणराजनीतिक विश्लेषक वामसी चंद्रन का मानना है कि सभी राजनीतिक पार्टियों को महिलाओं के लिए अधिक पद क्रिएट करने चाहिए. इससे चुनाव में आधी से अधिक आबादी की भागीदारी सुनिश्चित होगी. सीपीआई (एम) नेता यू वासुकी ने संसद और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 फीसदी आरक्षण को शीघ्र लागू करने की वकालत की. उन्होंने कहा, "अगर इसे लागू किया जाता है तो हमें राजनीतिक दलों से महिलाओं को मैदान में उतारने का अनुरोध नहीं करना पड़ेगा. महिलाओें को टिकट देना ही होगा.
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