Kurhani Assembly Seat: बिहार की कुढ़नी विधानसभा पर हो रहे उपचुनाव में आज (05 दिसंबर) वोटिंग शुरू हो चुकी है. इस उपचुनाव में सीधी चुनौती बीजेपी और जेडीयू के बीच है. बीजेपी-जेडीयू का 'तलाक' होने के बाद ये पहला मौका है, जब प्रत्यक्ष रूप से दोनों एक-दूसरे के सामने खड़े हों. सत्ता के इस संघर्ष में चुनावी प्रचार के दौरान आरोप-प्रत्यारोप का एक लंबा दौर देखने को मिला था. विकास के मुद्दों के साथ-साथ जातीय समीकरणों को भी साधने का पूरा प्रयास किया गया. 


आरजेडी विधायक अनिल कुमार सहनी को अयोग्य घोषित किए जाने के कारण इस सीट पर उपचुनाव हो रहा है. इस सीट पर कुल 13 उम्मीदवार मैदान में हैं, लेकिन मुख्य मुकाबला बीजेपी और जेडीयू के बीच ही माना जा रहा है. बीजेपी ने यहां एकबार फिर से केदार प्रसाद गुप्ता पर भरोसा जताया है, जबकि जेडीयू ने पूर्व मंत्री मनोज कुशवाह पर अपना दांव खेला है. 


कुढ़नी में फिर आमने सामने BJP-JDU


दोनों लंबे समय बाद फिर से एक दूसरे के खिलाफ खड़े हुए हैं. इससे पहले दोनों के बीच मुकाबला 2015 में हुआ था. उस चुनाव में बीजेपी के केदार प्रसाद गुप्ता के सामने मनोज कुशवाहा को हार का सामना करना पड़ा था. ये पहला चुनाव है जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव एक साथ चुनावी प्रचार मे उतरे थे. इससे पहले मोकामा और गोपालगंज में हुए उपचुनावों में दोनों ने एक साथ मंच साझा नहीं किया था. लिहाजा मुकाबला एक-एक सीट के साथ टाई रहा था.


लालू-नीतीश का वोटर आएगा साथ?


इस उपचुनाव में सभी की निगाहें टिकी हुई हैं. तेजस्वी इस वक्त अपने पिता लालू यादव का इलाज कराने के लिए सिंगापुर गए हुए हैं. उन्होंने बड़े ही आक्रामक अंदाज में चुनावी अभियान शुरू किया था, लेकिन उसे अंत तक नहीं ले जा सके. 'चुपचाप तीर छाप' का नारा देकर उन्होंने अपने वोटरों को स्पष्ट संदेश दिया था कि इस चुनाव में तीर के निशान पर ही मुहर लगानी है. इस चुनाव से साफ हो जाएगा कि नीतीश और लालू के वोटरों में समझौता हुआ है या नहीं. 


जातीय समीकरणों से दिलचस्प मुकाबला


जातीय समीकरणों के लिहाज से VIP और AIMIM जैसे छोटे-छोटे दलों ने मुकाबले को काफी दिलचस्प बना दिया है. इस सीट के 40 हजार कुशवाहा वोटरों पर मनोज कुशवाहा अपना दावा कर रहे हैं. तो वहीं 45 हजार सवर्ण, 23 हजार बनिया को बीजेपी अपना कोर वोटर समझ रही है. 25 हजार सहनी समाज के वोटरों की दम पर ही मुकेश सहनी ने अपना प्रत्याशी उतार दिया है. तो वहीं 22 हजार मुस्लिम वोटरों में सेंधमारी करने के लिए ओवैसी का प्रत्याशी भी मैदान में है. 18 हजार भूमिहार वोटर पर भी सभी की निगाह है. 


08 दिसंबर को आएगा रिजल्ट


यदि मुस्लिम वोटरों में सेंधमारी हुई तो महागठबंधन का प्रत्याशी फंस सकता है. वहीं 19 प्रतिशत दलित वोटरों पर चिराग पासवान भी अपनी नजरें जमाए हुए हैं. इस तरह से इस सीट पर कुल 3 लाख 11 हजार 728 वोटर हैं. आज हो रही वोटिंग में सभी प्रत्याशियों की किस्मत EVM में कैद हो जाएगी और 08 दिसंबर को पता चलेगा कि कुढ़नी का नया विधायक कौन होगा?


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