नई दिल्ली: हरियाणा विधानसभा चुनाव में आज कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने दक्षिण हरियाणा के महेंद्रगढ़ में दूसरी रैली की. इससे पहले इस रैली को कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी को संबोधित करना था लेकिन उनकी तबियत ख़राब होने के कारण राहुल गांधी को इस रैली में भेजा गया. क्या यह महज़ इत्तफ़ाक है कि हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा राहुल गांधी की दूसरी रैली में भी नहीं पहुंचे. इससे पहले राहुल गांधी ने मेवात के नूंह में पहली रैली की थी उसमें भी भूपेंद्र हुड्डा मौजूद नहीं थे.
महेंद्रगढ़ में आज जब राहुल गांधी की दूसरी रैली हुई है तो उसमें भी भूपेंद्र हुड्डा नहीं पहुंचे. सूत्रों के मुताबिक़ इससे पहले जब सोनिया गांधी को रैलीको संबोधित करना था तब भूपेंद्र हुड्डा का इस रैली में शामिल होना था. 18 अक्टूबर बकायदा उनका कार्यक्रम रिलीज़ हुआ था, उसमें विस्तार से लिखा गया था कि भूपेंद्र हुड्डा सोनीपत से हेलीकॉप्टर से उड़ेंगे और महेंद्रगढ़ लैंड करेंगे.
दरअसल भूपेन्द्र हुड्डा पिछले पांच साल से हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष बनना चाहते थे लेकिन राहुल गांधी के अध्यक्ष रहते ये मुमकिन नहीं हो पाया. लेकिन जैसे ही राहुल गांधी ने अध्यक्ष पद से इस्तीफ़ा दिया और सोनिया गांधी कांग्रेस अध्यक्ष बनीं तो भूपेन्द्र हुड्डा को विधायक दल का नेता बनाया गया. इसके साथ ही इलेक्शन मैनेजमेंट कमेटी की ज़िम्मेदारी दी गई. एक तरह से ग़ुलाम नबी आज़ाद ने उन्हें पूरे चुनाव की कमान सौंपी.
जब राहुल गांधी अध्यक्ष थे तो हरियाणा के प्रभारी महासचिव कमलनाथ रहे हों या फिर अशोक गहलोत दोनों की तमाम कोशिशों के बाद भी राहुल गांधी ने अशोक तंवर को हरियाणा के अध्यक्ष पद से नहीं हटाया गया. उस वक़्त भी राहुल गांधी हुड्डा को विधायक दल का नेता बनाने पर राज़ी थे लेकिन हुड्डा कभी भी तैयार नहीं हुए.
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जब अशोक गहलोत कांग्रेस पार्टी के संगठन महासचिव थे तब तब उन्होंने राहुल गांधी और भूपेन्द्र हुड्डा को दिल्ली के ताज मानसिंह होटल में लंच भी करवाया था. ताकि कोई समाधान निकल सके लेकिन पिछले पाँच साल में राहुल गांधी और भूपेंद्र हुड्डा के बीच कोईभी निर्णायक बैठक नहीं हो पाई.
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