Karnataka Election Results 2023 : कर्नाटक विधानसभा का चुनाव संपन्न हो चुका है. राज्य में 13 मई शनिवार को कांग्रेस ने बहुमत हासिल कर ली है. अब वहां पर कांग्रेस अपनी सरकार बनाने की तैयारी कर रही है, लेकिन चुनाव के बाद हार-जीत के कारणों का विश्लेषण जारी है. इसी बीच चुनाव के बाद लोकनीति सीएसडीएस का सर्वे भी सामने आया है. इसमें कई बातें चौंकाने वाली हैं.


63% मतदाताओं ने कहा-पीएम मोदी से नहीं हुए प्रभावित 


लोकनीति सीएएस ने अपने सर्वेक्षण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे और उनके द्वारा किए गए प्रचार अभियान के बारे में लोगों से राय ली. दरअसल, लोकनीति ने अपने सर्वे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किए गए प्रचार अभियान से मतदान पर हुए प्रभाव के बारे में लोगों से राय मांगी. मतदाताओं के दो-तिहाई के करीब उत्तरदाताओं जिनकी संख्या 63% है, ने कहा कि प्रधानमंत्री के भाषणों और रोड-शो के चलते उनके मतदान करने के तरीके पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा.


हालांकि, बीजेपी को चुनाव जिताने के लिए पीएम मोदी अब भी सबसे बड़े चेहरे के रूप में मायने रखते हैं. वहीं, भाजपा को वोट देने वाले प्रत्येक 10 (61%) उत्तरदाताओं में से छह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रचार भाषणों ने उनके मतदान करने के तरीकों को प्रभावित किया है. सर्वेक्षण में यह भी तथ्य सामने आया है  कि कांग्रेस और जेडीएस को जिन मतदाताओं ने वोट दिया है. वे यह मानते हैं कि पीएम मोदी के भाषणों ने उनके मतदान के तरीके को प्रभावित नहीं किया है. 


प्रधानमंत्री मोदी ने किया था धुआंधार प्रचार 


कर्नाटक में 10 मई को मतदान होने थे. इससे पूर्व चुनाव प्रचार में सभी पार्टियों ने जमकर मतदान किया. भाजपा ने भी सत्ता में वापसी के लिए कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी थी. पार्टी में सबसे बड़े प्रचारक के रूप में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं वहां प्रचार अभियान की बागडोर संभाले हुए थे. उन्होंने अपने व्यस्ततम समय में भी कर्नाटक में पार्टी की जीत सुनिश्चित करने के लिए धुआंधार 18 रैलियां और 6 बड़े रोड-शो किए. प्रधानमंत्री ने जनता के बीच कांग्रेस को हिंदुत्व विरोधी बताने का प्रयास करते हुए मतदाताओं से उसे वोट नहीं देने की भी अपील की. प्रधानमंत्री के अलावा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी ने भी कुछ जनसभाओं को संबोधित किया था. गृहमंत्री अमित शाह, पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा जोकि स्वयं दक्षिण भारत से आते हैं, ये सभी लोग प्रचार अभियान में शामिल थे. लेकिन फिर भी पार्टी को बुरी तरह से हार का सामना करना पड़ा. 


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