Karnataka: कर्नाटक की सियासत में लिंगायत और वोक्कालिगा समुदाय (Lingayat and Vokkaliga communities ) का काफी दबदबा माना जाता है. कर्नाटक में लिंगायत की आबादी 17 प्रतिशत है जो कि राज्य की बड़ी जनसंख्या है. वहीं वोक्कालिगा समुदाय की आबादी लगभग 12 फीसदी है. लोगों का मानना है कि लिंगायत और वोक्कालिगा समुदाय जिस पार्टी के साथ जुड़ते हैं तो पासा पलट देते हैं. वोक्कालिगा समुदाय से राज्य में अब तक 7 मुख्यमंत्री रह चुके हैं.


जानें 2018 के चुनाव में वोक्कालिगा और लिंगायत की सीटें 


कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 166 उम्मीदवारों की सूची जारी की है. इसमें से लिंगायत समुदाय के उम्मीदवारों को 43 टिकट दिए गए हैं. साल 2018 के चुनाव में कांग्रेस ने इतनी ही सीटें लिंगायत समुदाय के उम्मीदवारों को दी थीं. हालांकि कांग्रेस केवल 17 सीटों पर जीत हासिल कर पाई थी.


वहीं बीजेपी ने लिंगायत समुदाय के 55 कैंडिडेट उतारे थे, जबकि 40 सीटों पर ही लिंगायत उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की थी. वहीं वोक्कालिगा के लिए कांग्रेस ने अपने कुल 166 उम्मीदवारों में से अब तक 29 सीटें ही आवंटित की हैं. बताते चलें कि साल 2018 में कांग्रेस ने वोक्कालिगा समुदाय से 41 सीटों पर उम्मीदवार खड़े किए थे. हालांकि बीजेपी अभी तक चुनाव के लिए एक भी लिस्ट जारी नहीं कर पाई है. उम्मीद है कि बीजेपी की पहली लिस्ट आज या कल जारी की जा सकती है. इस संबंध में रविवार (9 अप्रैल) को बीजेपी की बैठक होने वाली है. 


चुनाव के लिए कितनी सीटें आरक्षित की गई हैं?


चुनाव आयोग ने 29 मार्च को ही कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए आरक्षित सीटों की घोषणा कर दी थी. बताते चलें कि लिंगायत और वोक्कालिगा के अलावा कर्नाटक में एससी समुदाय की 17 प्रतिशत आबादी और 7 प्रतिशत की आबादी एसटी की है. विधानसभा चुनाव में एससी समुदाय के लिए 36 सीटें और एसटी समुदाय के लिए 15 सीटें चुनाव आयोग ने आरक्षित की हैं. 


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