Smriti Irani On Priyanka Gandhi: कर्नाटक में कांग्रेस के मेनिफेस्टो में बजरंग दल पर कार्ऱवाई करने के वादे को लेकर बयानबाजी तेज हो गई है. एक तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कह रहे हैं कि यह हनुमान भगवान के भक्तों को ताले में बंद करने का प्रयास है. वहीं इसकी काट करते हुए कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार कह रहे हैं कि हमारी पार्टी की सरकार बनते ही राज्य में हम हनुमान मंदिर बनाएंगे. 


इसी बीच शुक्रवार (5 मई) को केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता स्मृति ईरानी ने प्रियंका गांधी को लेकर बड़ा दावा किया. उन्होंने कहा, ''मैं डीके शिवकुमार से कहना चाहती हूं कि वो मुख्यमंत्री नहीं बनेंगे. ऐसे में अच्छा है कि हनुमान मंदिर बनाने को लेकर झूठे वायदे नहीं करें. क्या उन्हें प्रियंका गांधी के बारे में पता है? मैं ऐसा इसलिए कह रही हूं क्योंकि मैंने 2019 के लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान अमेठी में उन्हें (प्रियंका गांधी) गली में नमाज अदा करते हुए देखा है.''


स्मृति ईरानी ने आगे कहा कि हम सब जानते हैं कि जो इस्लाम में विश्वास रखते हैं वो मंदिर नहीं बनाएंगे. डीके शिवकुमार के नेता (प्रियंका गांधी) ही मूर्ति पूजा और मंदिर के खिलाफ है तो क्या ऐसे में डीके शिवकुमार मंदिर बना पाएंगे. 






कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने स्मृति ईरानी पर हमले करते हुए कहा कि वो झूठ बोल रही हैं. इससे कर्नाटक में होने वाली हार की झुंझलाहट साफ़ दिख रही है. उन्होंने आगे कहा कि वैसे आप मौन सिर्फ गांधी परिवार के खिलाफ विष उगलने के लिए ही तोड़ती हैं. दिल्ली में आपके घर से कुछ ही दूरी पर इस देश की सबसे होनहार बेटियां शोषण के खिलाफ धरने पर बैठी हैं, लेकिन उनके लिए एक शब्द नहीं फूटा आपसे? 


डीके शिवकुमार ने क्या कहा था?


कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार ने गुरुवार (4 मई) को मैसूर की देवी चामुंडेश्वरी के दर्शन के बाद कहा था कि कांग्रेस की सरकार बनने पर हम पूरे राज्य में हनुमान मंदिर का निर्माण करेंगे. शिवकुमार ने कहा, ‘‘राम दूत आंजनेय (हनुमान) के मंदिर हर जगह हैं. हम भी उनके भक्त हैं. विशेष रूप से हम कन्नड़वासियों में उनके प्रति गहरी आस्था है जहां इस बात के पक्के प्रमाण हैं कि आंजनेय का जन्म (इसी) राज्य में हुआ था. 


कांग्रेस ने मेनिफेस्टो में क्या कहा है?


कांग्रेस ने अपने मेनिफेस्टो में कहा, ''हमारा मानना है कि कानून और संविधान पवित्र हैं. बजरंग दल, पीएफआई, नफरत और शत्रुता फैलाने वाले दूसरे संगठन, चाहे वह बहुसंख्यकों के बीच के हों या अल्पसंख्यकों के बीच के हों, वे कानून और संविधान का उल्लंघन नहीं कर सकते. हम ऐसे संगठनों पर कानून के तहत प्रतिबंध लगाने समेत निर्णायक कार्रवाई करेंगे.’’


ये भी पढ़ें- Karnataka Election 2023: 'कर्नाटक में हर जगह बनवाएंगे हनुमान मंदिर, युवाओं को...', BJP के हमलावर रुख के बीच प्रदेश कांग्रेस चीफ डीके शिवकुमार का एलान