Himachal And Gujarat  Results VIP Seat: आज देश की नज़रें दो अहम राज्यों के चुनावी परिणाम पर टिकी हैं. हर कोई ये जानना चाहता है कि पहाड़ी राज्य हिमाचल और गुजरात में किस पार्टी को सत्ता मिलेगी. रिजल्ट के इस अहम दिन कुछ ऐसी सीटें भी हैं, जिनको इस चुनाव की हॉट सीटें कही जा रही हैं, जिसमें वो सीटें भी शामिल हैं, जहां से दोनों राज्यों के मुख्यमंत्री भी ताल ठोंक रहे हैं.


पर्वतीय राज्य हिमाचल में हर पांच साल में सत्ता बदलने का रिवाज कायम रहेगा या फिर यहां का सियासी इतिहास बदल जाएगा, ये आज साफ होगा. 12 नवंबर को राज्य में एक चरण में वोटिंग हुई है. सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) विकास के एजेंडे की बदौलत चुनावी सफलता दोहराने की उम्मीद कर रही है. वहीं मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस को चार दशक पुरानी परंपरा के बरकरार रहने की आशा है. आज हिमाचल की 68 सीटों के 412 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला होगा, जिसमें मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के पुत्र विक्रमादित्य सिंह और पूर्व बीजेपी प्रमुख सतपाल सिंह सत्ती शामिल हैं.


वही गुजरात विधानसभा चुनाव में बीजेपी, कांग्रेस और आप के बीच मुकाबला है. पीएम मोदी के गृह राज्य में गुरूवार (8 दिसंबर) को 182 सीटों पर सारी पार्टी के उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला होगा. एक ओर बीजेपी सत्ता में कायम रहना चाहती है तो वहीं कांग्रेस दोबारा अपना विश्वास पाना चाहती है. वहीं आम आदमी पार्टी पंजाब के इतिहास को दोहराना चाहती है. तीनों ही पार्टियों के बीच गुजरात की सभी महत्वपूर्ण सीटों पर कांटे की टक्कर है. राज्य की 10 वीआईपी सीटों में खंभालिया, घाटलोडिया, सूरत, वीरमगाम, मोरबी, मानीनगर, गोधरा, उत्तर जामनगर और दानिलिम्दा, द्वारका सीट शामिल हैं. जानें राज्य की हॉट सीटों के बारे में.


हिमाचल


 1. सिराज विधानसभा सीट 


हिमाचल के सीएम जयराम ठाकुर (Jairam Thakur) सिराज सीट से छठवीं बार चुनावी मैदान में उतरे हैं. इस सीट से जयराम ठाकुर पांच बार विधायक रह चुके है. इस बार सीएम जयराम का मुकाबला फिर से कांग्रेस के चेतराम ठाकुर के साथ है. 2017 के विधानसभा चुनाव में जयराम ठाकुर ने कांग्रेस के चेतराम ठाकुर को 11,254 के भारी मतों के अंतर से हराया था.


2. शिमला ग्रामीण क्षेत्र


शिमला ग्रामीण सीट से हिमाचल प्रदेश के सीएम रह चुके वीरभद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह चुनावी मैदान में हैं. यहां से विक्रमादित्य सिंह पिछला चुनाव जीत चुके है, वहीं बीजेपी ने यहां से कांग्रेस के संभावित मुख्यमंत्री उम्मीदवार को चुनौती देने के लिए रवि मेहता को मैदान में उतारा है.


3. हरोली विधानसभा सीट


हिमाचल के हरोली विधानसभा सीट से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) के नेता मुकेश अग्निहोत्री (Mukesh Agnihotri) फिलहाल मौजूदा विधायक हैं. इस बार के चुनाव में वे जीत की हैट्रिक लगाने की तैयारी में हैं. उन्होंने 2017 में हिमाचल प्रदेश की हरोली सीट से चुनाव जीता था. उन्होंने 35 हजार 095 मत और 53.748 फीसदी से विजय हासिल की थी.


4. ठियोग विधानसभा सीट


ठियोग विधानसभा सीट के मौजूदा विधायक राकेश सिंघा हैं. इस बार उनका मुकाबला न सिर्फ कांग्रेस और बीजेपी से हैं, बल्कि आम आदमी पार्टी से भी है. विधानसभा चुनाव 2022 में यहां की जनता किसे अपने विधायक के रूप में चुनने वाली है. इस विधानसभा क्षेत्र में CPIM, बीजेपी और कांग्रेस के बीच कड़ी टक्कर है. 


5. डलहौजी विधानसभा सीट


हिमाचल प्रदेश की डलहौजी विधानसभा सीट (Dalhousie Assembly Seat) पर कांग्रेस अपना वर्चस्व कायम किया हुआ है. कांग्रेस पार्टी से डलहौजी विधानसभा सीट से उम्मीदवार आशा कुमारी छह बार विधायक रह चुकी हैं. छतीसगढ़ सरकार के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह की बहन आशा कुमारी छतीसगढ़ सरकार के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह की बहन है. इस बार उनका मुकाबला BJP के डीएस ठाकुर से है. आम आदमी पार्टी ने मनीष सरीन (AAP Manish Sareen) पर दांव खेला है. 2017 के विधानसभा चुनावों में आशा कुमारी को 24 हजार 224 यानी 48.77 फीसदी वोट मिले थे. 


6. फतेहपुर सीट


हिमाचल प्रदेश के फतेहपुर सीट पर सबकी नजरें हैं.  BJP ने कृपाल परमार को 2017 के चुनाव में टिकट दिया था लेकिन तब वे कांग्रेस के पूर्व मंत्री सुजान सिंह पठानिया से चुनाव हार गए. कांग्रेस पार्टी ने इस बार दिवंगत कांग्रेस नेता सुजान सिंह पठानिया के बेटे भवानी सिंह पठानिया को अपना उम्मीदवार बनाया है जबकि बीजेपी ने राकेश पठानिया पर भरोसा दिखाया है. इस सीट पर कांग्रेस के सुजान स‍िंह ने भाजपा के बलदेव ठाकुर को मात देकर 2012 में कब्जा किया था. वहीं इस सीट पर 2019 में हुए उप-चुनाव में भवानी स‍िंह पठान‍िया ने जीत दर्ज की थी. 


गुजरात


1.खंभालिया विधानसभा सीट 


आम आदमी पार्टी ने गुजरात में इतिहास को दोहराने के लिए खंभालिया सीट से सीएम फेस के लिए उम्मीदवार इसुदान गढ़वी को चुनावी मैदान में उतारा है, जिनका सीधा मुकाबला कांग्रेस के विक्रम मदाम और बीजेपी के वयोवृद्ध मुलु बेरा से होगा. अगर इस सीट के जातिय समीकरण की बात करें तो यहां अहिरों का वर्चस्व रहा है और हर बार यहां अहिर समुदाय का नेता ही विधायक बनता है. इसलिए इसुदान गढ़वी के लिए यहां कड़ा मुकाबला रहने वाला है. सिर्फ साल 1967 में कोई गैर अहिर समुदाय का व्यक्ति यहां से नेता बना था. 


2. घाटलोडिया विधानसभा सीट 


अहमदाबाद जिले की घाटलोडिया सीट को बीजेपी का गढ़ माना  जाता है, क्योंकि इस सीट ने गुजरात को पहले दो सीएम भूपेंद्र पटेल और आनंदीबेन पटेल दिए है. इसलिए इस बार बीजेपी ने भूपेंद्र पटेल को ही दावेदारी सौंपी है. हालांकि यहां पाटीदार समुदाय की संख्या ज्यादा है. इस सीट से कांग्रेस ने राज्यसभा सांसद अमीबेन याग्निक को उम्मीदवार बनाया है.


3. सूरत विधानसभा सीट 


सूरत विधानसभा में आम आदमी पार्टी, कांग्रेस और बीजेपी के बीच त्रिकोणीय लड़ाई देखने को मिलेगी. 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 77 सीट पर जीत हासिल कर बीजेपी को 99 तक ही रोक दिया था. इसके अलावा यहां के नगर निकाय चुनाव में भी आप के 27 उम्मीदवार नगरसेवक बने हैं. इसी वजह से इस सीट पर से आप की अनदेखी नहीं की जा सकती है. गुजरात के सूरत पूर्व विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस पार्टी ने असलम फिराजो भाई को अपना उम्मीदवार बनाया है. बीजेपी के तरफ से अरविंद भाई राणा मैदान में हैं. वहीं आप के तरफ से कंचन जरीवाला को उम्मीदवार बनया गया है. 


4. वीरमगाम विधानसभा सीट 


पाटीदार आंदोलन के प्रमुख नेता हार्दिक पटेल इस सीट से बीजेपी की ओर से चुनावी मैदान में उतरे हैं, लेकिन 2017 के चुनाव में कांग्रेस ने इस सीट पर 75 हजार वोटों के साथ जीत दर्ज की थी. इसलिए इस बार कांग्रेस ने अपने पिछले दावेदार को न बदलते हुए लखाभाई भारवाड़ को ही टिकट दिया है. वहीं आम आदमी पार्टी ने कुवरजी ठाकोर को दावेदारी सौंपी है. वीरमगाम में आप, कांग्रेस और बीजेपी के बीच टक्कर होने की पूरी उम्मीद है. 


5. मोरबी विधानसभा सीट 


लंबे समय से मोरबी बीजेपी का गढ़ रहा है, पार्टी ने 1995 से लगातार 2012 तक सीट जीती थी. मोरबी में अच्छी खासी पाटीदार आबादी है, इसलिए पाटीदार आंदोलन के कारण कांग्रेस को अच्छे वोट तो मिले थे, लेकिन वह बीजेपी के उम्मीदवार कांति अमृतिया से मात्र 3 हजार 419 वोटों के अंतर से हार गए थे. 


6. मानीनगर विधानसभा सीट 


साल 1990 से यह सीट बीजेपी के कब्जे में है. इस सीट से जीत हासिल कर पीएम नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री बने थे. उन्होंने 2002, 2007 और 2014 में इस सीट पर जीत दर्ज की थी. फिलहाल बीजेपी के सुरेश  पटेल मानीनगर से लीड कर रहे हैं. 


7. गोधरा विधानसभा सीट 


गोधरा विधानसभा के क्षेत्र में 2 लाख 79 हजार वोटर हैं, जिसमें से 72 हजार वोटर मुस्लिम हैं, इसलिए यहां के नगर निकाय चुनाव में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) को 7 सीटें हासिल हुई थी. हालांकि गोधरा के विधायक बीजेपी के सी.के राउलजी हैं. 


8. उत्तर जामनगर विधानसभा सीट  


गुजरात चुनावों में यह सीट काफी चर्चा में रह रही है. यहां से बीजेपी ने भारतीय क्रिकेटर रवींद्र जडेजा की पत्नी रिवाबा को टिकट दिया है, जो पहली बार चुनाव लड़ रही है. रिवाबा का सीधा मुकाबला कांग्रेस के बिपेंद्र सिंह जडेजा से होगा. बिपेंद्र सिंह के चुनाव प्रचार के लिए रवींद्र जडेजा की बहन और कांग्रेस महिला विंग की प्रमुख नयनाबा जडेजा कर रही हैं. 


9. दानीलिम्दा विधानसभा सीट 


गुजरात का दानीलिम्दा सीट कांग्रेस के लिए  बेहद अहम है, क्योंकि यह एक अनुसूचित जाति आरक्षित सीट है और कांग्रेस ने इसे पहले 2012 में 14 हजार वोटों से, 2017 में 32 हजार वोटों के अंतर के साथ जीत हासिल कि थी. इस बार के चुनाव में कांग्रेस को बीजेपी, आप और ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन  AIMIM के दावेदारों से चुनौती मिल सकती है. 


10. द्वारका विधानसभा सीट 


बीजेपी के लिए द्वारका सीट पर जीत हासिल करना आसान नजर आ रहा है, क्योंकि इस सीट पर बीजेपी के प्रत्याशी पबुभा मानेक लगातार 1990 से कभी भी नहीं हारे हैं. वह सीट 7 बार जीत चुके हैं. इस सीट पर अहिर समुदाय के लोगों की संख्या ज्यादा है. इसके अलावा यहां ओबीसी, सत्वरस समूह और मानेक समुदाय के लोग तीसरे स्थान पर हैं. 


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