Gujarat Assembly Elections 2022: गुजरात विधानसभा चुनाव में अहमदाबाद के मध्य विधानसभा क्षेत्र के अंदर आने वाली जमालपुर-खड़िया सीट के लिए कांग्रेस पार्टी (Congress Party) ने  इमरान खेड़ावाला को अपना उम्मीदवार बनाया है. इसके बाद पार्टी के छात्र विंग नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (NSUI) के सदस्यों ने काफी हंगामा मचाया. सदस्यों ने राजीव गांधी भवन में स्थित कांग्रेस पार्टी के दफ्तर में तोड़ फोड़ भी किए.

भारतीय जनता पार्टी (BJP)ने  भूषण भट्ट को अपना उम्मीदवार बनाया है. भट्ट 2017 का विधानसभा चुनाव हार गए थे. हालांकि पार्टी के तरफ से टिकट मिलने पर उन्होंने अपना प्रचार प्रसार करना शुरू कर दिया है. पैसे के बदले दिया गया है टिकटपूर्व नगर निगम पार्षद शाहनवाज शेख के लिए टिकट की मांग करने वाले प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि खेड़ावाला को पैसे के बदले में चुना गया है. हालांकि, खेड़ावाला ने इस दावे का खंडन किया है. उन्होंने कहा कि “विरोध करने वाला एक भी व्यक्ति जमालपुर-खड़िया निर्वाचन क्षेत्र का निवासी नहीं है. सभी बाहरी लोग हैं. इन लोगों को बीजेपी ने बुलाया है. उन्होंने बीजेपी के समर्थन से विरोध किया क्योंकि वे जानते हैं कि वे सीट से हारने वाले हैं." पार्थिव काठवाड़िया ने क्या कहा जीपीसीसी के प्रवक्ता पार्थिव काठवाड़िया ने कहा कि “किसी को भी अनुशासन नहीं तोड़ना चाहिए. असहमति व्यक्त की जा सकती है लेकिन इस तरीके से नहीं. आज से पहले भी उमरेठ, वटवा और कडी जैसी अन्य सीटों के समर्थक भी विरोध जताने पहुंचे थे. हमने उन्हें सुना और वरिष्ठों को सूचित भी किया हैं. हम असहमति नहीं रोक रहे हैं लेकिन यह लोकतांत्रिक तरीके से होनी चाहिए. यह एक अच्छा उदाहरण नहीं है." बीजेपी का गढ़ था 2009 के परिसीमन तक जमालपुर-खड़िया बीजेपी का गढ़ था. हालांकि, ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM)गुजरात के अध्यक्ष साबिर काबलीवाला के मुकाबले में आ जाने से इस बार यहां की लड़ाई त्रिकोणीय होने की संभावना है. खड़िया विधानसभा क्षेत्र में करीब  2.17 लाख वोटर हैं. इनमें करीब 1.13 लाख हिंदू वोटर हैं और 1.04 लाख मुस्लिम वोटर हैं. खेड़ावाला ने क्या कहा खेड़ावाला ने अपने वोट शेयर में किसी तरह की सेंध लगने की संभावना से इनकार किया है. हालांकि हाल में ही 'द इंडियन एक्सप्रेस' को दिए एक साक्षात्कार में, स्वीकार किया था कि एआईएमआईएम कांग्रेस के वोटों को काटने के लिए उम्मीदवारों को मैदान में उतार रही है, जिसमें उनकी अपनी सीट भी शामिल है. उन्होंने कहा, 'मैंने कहा था कि असदुद्दीन ओवैसी की जनसभाओं में भीड़ कम ही नजर आती है. लोगों को अब एहसास हो गया है कि AIMIM बीजेपी की बी टीम है और वे उत्तर प्रदेश और बिहार चुनावों की तरह उनकी मदद करने आए हैं. क्या हैं इस क्षेत्र के मुद्देउन्होंने कहा कि निवासियों के लिए कोई पार्टी प्लॉट और सामुदायिक हॉल नहीं है. मैं इन दोनों के लिए निर्वाचन क्षेत्र से सटे साबरमती रिवर फ्रंट के साथ जमीन की मांग करूंगा. अन्य दैनिक मुद्दों जैसे सड़क और पानी की आपूर्ति पर पिछले पांच वर्षों में ज्यादातर ध्यान रखा गया है.