Gujarat Assembly Polls 2022: बीजेपी ने गुजरात विधानसभा चुनाव में किसी भी मुस्लिम प्रत्याशी को मैदान में नहीं उतारा है. वहीं कांग्रेस ने छह को और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन ने 13 मुस्लिम उम्मीदवारों को चुनाव में मौका दिया है. राज्य में 17 विधानसभा सीटें ऐसी हैं जहां अल्पसंख्यक समुदाय एक बड़ा मतदान केंद्र है. मुस्लिम गुजरात की आबादी का लगभग 10% हिस्सा हैं. 


2017 के विधानसभा चुनावों में इनमें बीजेपी ने 7 और कांग्रेस ने 10 सीटें जीती थीं. वही अगर बात 2012 के चुनावों की करे तो कांग्रेस ने 7 और बीजेपी ने 10 सीटों पर विजय प्राप्त की थी. गुजरात में बीजेपी आखिरी मुस्लिम उम्मीदवार को 24 साल पहले पार्टी से टिकट दिया था. जबकि पिछली बार कांग्रेस ने 1995 में गुजरात विधानसभा चुनावों में 10 या अधिक मुसलमानों को मैदान में उतारा था. 


बेशक बीजेपी ने इस बार भी कोई मुस्लिम उम्मीदवार मैदान में न उतारा हो, लेकिन मुस्लिम वोटों को लुभाने की कोशिश पार्टी जरूर कर रही है. कहा जाता है कि भगवा पार्टी ने विभिन्न अल्पसंख्यक मोर्चों से हजारों मुस्लिम नेताओं और कार्यकर्ताओं को चुनाव प्रचार में मदद करने के लिए भर्ती किया है. पार्टी मुस्लिम वोटों, खासकर पसमांदा मुस्लिम वोटरों को अपने पक्ष में करने के लिए अपने राज्यव्यापी अभियान में पूरी ताकत लगा रही है. 


पार्टी सूत्रों ते मुताबिक, "उनका काम मुस्लिम मतदाताओं को बीजेपी सरकार द्वारा राज्य के मुसलमानों और अन्य अल्पसंख्यकों के लिए शुरू की गई कल्याणकारी योजनाओं के बारे में बताना है." मुस्लिम नेता समुदाय के मतदाताओं के बीच संदेह और भ्रांतियों को दूर करने का भी प्रयास कर रहे हैं. पार्टी सभी विधानसभा जिलों में आक्रामक चुनाव अभियान चला रही है जहां अल्पसंख्यक मतदाता 2017 तक चुनाव के परिणामों को प्रभावित करते रहे हैं. 


गुजरात बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय महासचिव, डॉ. सूफी एमके चिश्ती ने बताया कि हाल ही में हुए गुजरात निकाय चुनाव में मुस्लिम अल्पसंख्यक वाले विभिन्न निकाय वार्डों से बीजेपी के 200 मुस्लिम उम्मीदवार चुने गए थे. चिश्ती ने कहा, "यह दर्शाता है कि मुस्लिम मतदाता किस तरह से बीजेपी नेतृत्व पर भरोसा कर रहे हैं."