Goa Elections 2022:  उत्तर में महाराष्ट्र, दक्षिण और पूर्व में कर्नाटक की सरहद और पश्चिम की ओर अरब सागर की लहरों से घिरा गोवा यूं तो आबादी के लिहाज से देश का चौथा सबसे छोटा राज्य है, लेकिन अब राजनीति का ऐसा 'अंगूर' बन गया है, जिस पर हर पार्टी की नजर है. अगर तमाम भारतीय राज्यों से तुलना करें तो गोवा में सबसे ज्यादा प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद है. 450 साल तक पुर्तगाल के अधीन रहे गोवा में अब विधानसभा चुनाव के कुछ ही दिन बचे हैं. 


मगर क्षेत्रफल के हिसाब से सबसे छोटे राज्य की लड़ाई आसान नहीं होने वाली. कांग्रेस, बीजेपी और स्थानीय पार्टियों के साथ-साथ आम आदमी पार्टी और ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस ने भी राज्य के गलियारों में डेरा डाल लिया है.



(गोवा में बीजेपी नेताओं के साथ जेपी नड्डा)

Punjab Election 2022: पंजाब में किसान संगठनों की पार्टी के नेता बलबीर सिंह राजेवाल चलाते हैं 'सच की दुकान'


राज्य की 40 विधानसभा सीटों के लिए जंग कैसी रहेगी और कौन बाजी मारेगा, ये तो आने वाले कुछ महीनों में पता चल ही जाएगा लेकिन राज्य में किस समुदाय का क्या हाल है और चुनावों में किसका सिक्का चलता है, आइए जानते हैं. फिलहाल गोवा में बीजेपी की सरकार है. उसके पास अपने 25 विधायक हैं और एक निर्दलीय का समर्थन है. हाल ही में बीजेपी के दो विधायकों कार्लोज अल्मेडिया और एलिना सालदना ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया था. 


गोवा में किस समुदाय का कितना है दबदबा


साल 2011 की जनगणना के आंकड़ों के मुताबिक, गोवा एक हिंदू बहुल राज्य है. राज्य में करीब 66.08 प्रतिशत हिंदू (963,877 लाख) हैं. गोवा के दोनों जिलों (नॉर्थ गोवा और साउथ गोवा) में हिंदू बहुल आबादी है. 15 लाख की आबादी वाले गोवा में 8.33 प्रतिशत आबादी मुस्लिमों (1.22 लाख) की है. हिंदुओं के बाद सबसे ज्यादा तादाद राज्य में ईसाइयों की है.



(हाल ही में बीजेपी से इस्तीफा देकर एलिना सालदना ने थामा था आप का हाथ)

UP Elections: यूपी में वोटरों को लुभाने में जुटी राजनीतिक पार्टियां, क्या असली खेल खेलेंगे साइलेंट वोटर?


राज्य में करीब 25.10 प्रतिशत ईसाई (3.66 लाख) रहते हैं. ऐसे में गोवा में हिंदुओं के बाद सत्ता में सबसे ज्यादा दबदबा ईसाइयों का है. गोवा ऐसा राज्य है, जहां महज 0.04 प्रतिशत अनुसूचित जनजाति रहती है. यहां 0.10 प्रतिशत सिख और 0.08 प्रतिशत बौद्ध और जैन समुदाय के लोग रहते हैं. अन्य धर्मों को मानने वाले लोग सिर्फ 0.02 प्रतिशत हैं. प्रवासी या गैर-गोवा भारतीय मूल के निवासियों की आबादी 50% से अधिक है, जो मूल गोवा की आबादी से अधिक है.