Election Result 2022:  गुजरात चुनाव के बाद अब तस्वीर साफ है. एक बार फिर राज्य में भारतीय जनता पार्टी की सरकार लौट रही है. कांग्रेस का प्रदर्शन निराशाजनक है तो वहीं पहली बार राज्य की इतनी अधिक सीटों पर चुनाव लड़ रही आम आदमी पार्टी पांच सीटों पर जीत दर्ज करती दिख रही है. आप की सीटें बेशक कम लग रही हों लेकिन आप ने गुजरात में पंजाब वाला ट्रेंड कायम रखा है. पंजाब में भी जब पहली बार आम आदमी पार्टी चुनाव लड़ी थी तो 20 सीटों पर जीत दर्ज कर राज्य में अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई. अगले विधानसभा चुनाव में आप ने पंजाब में सरकार बना ली.


गुजरात में भी इस बार आप ने अपनी उपस्थिति पांच सीटें जीतकर दर्ज करवा ली है. अब अगले विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी राज्य में अपनी स्थिति मजबूत करना चाहेगी. अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगा लेकिन अगर पार्टी ने पंजाब वाला पॉलिटिकल ट्रेंड गुजरात में भी कायम रखा तो AAP के नेता अरविंद केजरीवाल उसी स्थिति में होंगे जिस स्थिति में इस वक्त देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं. दरअसल, देश में बीजेपी के बैक टू बैक चुनाव जीतने की सबसे बड़ी वजह खुद प्रधानमंत्री का चेहरा है. ठीक इसी तरह अगर केजरीवाल गुजरात में आगे आने वाले चुनाव में प्रदर्शन करते हैं तो PM मोदी की तरह उनका चेहरा भी जीत का पर्याय बन सकता है.


इस बार दावे गलत साबित हुए


गुजरात में पहली बार सभी सीटों पर लड़ाई लड़ रही आम आदमी पार्टी का प्रदर्शन आप संयोजक अरविंद केजरीवाल के दावों के अनुरूप नहीं दिख रहा है. चुनाव प्रचार के दौरान 100 सीटों का दावा करने वाली पार्टी इस चुनाव में 5 सीटों सिमटकर रह गई. 


किस पार्टी को इस बार कितने प्रतिशत वोट


चुनाव आयोग के अनुसार भारतीय जनता पार्टी को राज्य में 53.36 प्रतिशत लोगों ने समर्थन दिया है और यह पार्टी 149 सीटों पर लीड कर रही है. वहीं आदमी पार्टी 5 सीटों पर लीड कर रही है. कांग्रेस को 22 सीटों पर आगे है. 


पिछले चुनाव की तुलना में बीजेपी का पदर्शन


इस बार बीजेपी के प्रदर्शन को 2017 में हुए गुजरात विधानसभा चुनाव से तुलना करें तो पिछले चुनाव में बीजेपी ने 99 सीटों से जीत दर्ज की थी तो कांग्रेस 77 सीटें हासिल करने में कामयाब हुई थी. इस चुनाव के परिणाम को देखें तो ये साफ नजर आ रहा है कि आम आदमी पार्टी के मैदान में उतरने का फायदा बीजेपी को मिली है. वहीं का आम आदमी पार्टी के आने से कांग्रेस पार्टी का वोट शेयर कम हुआ है. 


अरविंद केजरीवाल ने गुजरात में पार्टी को मुख्य मुकाबले में लाने के लिए पिछले 6 महीने काफी मेहनत की है. उन्होंने अपना पूरा फोकस अच्छी शिक्षा व्यवस्था और मुफ्त बिजली देने पर रखा. आम आदमी पार्टी ने गुजरात के लोगों के सामने अपने गवर्नेंस मॉडल को पेश करने और उन्हें रिझाने की कोशिश की. साथ ही इस राज्य में कई दौरे किए और दर्जनों रैलियां कीं.


कांग्रेस के कम सीटें मिलने का एक कारण 'भारत जोड़ो यात्रा' को भी माना जा रहा है. दरअसल इस यात्रा में व्यस्त रहने के कारण कांग्रेस का चुनावी अभियान आक्रामक नहीं रहा. जिसके फायदा बीजेपी और आप को मिला. बीजेपी ने भी आम आदमी पार्टी को ही कांग्रेस से बड़ी चुनौती माना और आम आदमी पार्टी के नेता बीजेपी स्टार प्रचारकों के निशाने पर रहे.


क्यों नहीं चली गुजरात में आप की झाड़ू


दिल्ली के सीएम और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल चुनाव प्रचार के दौरान दावा किया था कि इस बार उनकी पार्टी 100 सीटें जीतने में कामयाब हो जाएगी लेकिन उनकी यह भविष्यवाणी वास्तविकता से बहुत दूर है. यह पार्टी पहली बार गुजरात की 182 सीटों पर चुनाव लड़ रही है लेकिन नतीजों को देखें तो इसके लिए 40 प्रतिशत के बीच वोट हासिल करना असंभव है. 


हालांकि इस पार्टी को भविष्य में जनता तीसरे विकल्प के रूप में जरूर देखेगी. आप का इतिहास देखें तो इस पार्टी ने दिल्ली-पंजाब के अपने पहले चुनाव में भी  यह कुछ ऐसा प्रदर्शन है किया था. साल 2013 में आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में अपने पहले चुनावों में 29.49 प्रतिशत वोट शेयर और 2017 में पंजाब में 23.72 फीसदी वोट हासिल किए थे. 


लेकिन साल 2015 में इसी पार्टी ने शानदार जीत दर्ज की थी. उस चुनाव में आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में 67 सीटों पर जीत हासिल कर 54.34 वोट पाए, जबकि बीजेपी 32.19 फीसदी और कांग्रेस का वोट शेयर 9.65 फीसद पर आ गया. इसके अलावा साल 2020 में राजधानी में हुए चुनाव में आप ने एक बार फिर अपनी जीत को दोहराते हुए 62 सीटों और 53.57 फीसदी वोट शेयर हासिल पर कब्जा किया.


ऐसा ही कुछ पंजाब में भी हुआ था. आम आदमी पार्टी साल 2017 में पंजाब विधानसभा चुनावों में 112 उम्मीदवार खड़े किए और 20 सीटें जीतने के बाद दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी. वहीं साल 2022 में 92 सीटें अपने नाम कर जीत हासिल कर ली


गुजरात में आंकड़ों का खेल समझें


गुजरात में बीजेपी केवल एक पॉलिटिकल पार्टी नहीं, बल्कि यह एक ऐसा तंत्र है जो पिछले 37 साल से सत्ता पर काबिज है. गुजरात में पिछले छह विधानसभा चुनाव परिणामों के विश्लेषण के अनुसार साल 1995 से लगातार जीतती आ रही बीजेपी 42.51 फीसदी से 49.05 प्रतिशत के बीच वोट शेयर हासिल करने में सफल रही है. 


इसी पार्टी ने साल 2002 के चुनाव में अपना सबसे बेहतर प्रदर्शन किया था. 2002 में हुए चुनाव में बीजेपी ने 49.85 फीसदी वोट शेयर के साथ 127 सीटों पर जीत दर्ज किया था. दूसरी तरफ इस राज्य की दूसरी बड़ी पार्टी कांग्रेस बीजेपी से हारते रहने के बावजूद साल 1995 के 32.86 फीसदी वोट शेयर का 2017 में 41.44 फीसद तक बढ़ाने में कामयाब रही. 2017 विधानसभा चुनाव में राहुल गांधी के आक्रामक प्रचार अभियान से कांग्रेस ने 77 सीटों पर जीत हासिल की थी.