Majeed Memon Viral Post Fact Check: लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर चल रहे चुनाव प्रचार के बीच सोशल मीडिया पर एक पोस्ट वायरल हो रही है. इसमें दावा किया जा रहा है कि शरद पवार की एनसीपी ने अजमल कसाब के वकील माजिद मेमन को राज्यसभा सांसद बनाया, जबकि भाजपा ने उज्ज्वल निकम को सांसद का टिकट दिया, जिन्होंने कसाब पर मुकदमा चलाया और उसे मौत की सजा दिलाई. सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म (यहां, यहां और यहां) पर इसे शेयर किया जा रहा है.




इस पोस्ट का आर्काइव्डवर्जन यहां देख सकते हैं.


क्या किया जा रहा है दावा?


वायरल पोस्ट में दावा किया जा रहा है कि शरद पवार ने अजमल कसाब के वकील माजिद मेमन को राज्यसभा सांसद बनाया, जबकि भाजपा ने कसाब को मौत की सजा दिलाने वाले अभियोजक उज्ज्वल निकम को सांसद का टिकट दिया.


क्या है फैक्ट?


भारत के मशहूर क्रिमिनल लॉयर माजिद मेमन, अजमल कसाब के मुकदमे से नहीं जुड़े थे. उन्होंने अप्रैल 2014 से अप्रैल 2020 तक NCP से राज्यसभा सांसद के रूप में काम किया. 2022 में माजिद मेमन ने NCP छोड़ दी तृणमूल कांग्रेस (TMC) में शामिल हो गए. भाजपा ने मुंबई 26/11 आतंकी हमले के मुकदमे में सरकारी वकील उज्ज्वल निकम को मुंबई उत्तर मध्य लोकसभा सीट से टिकट दिया है. इसलिए पोस्ट में किया गया दावा भ्रामक है.


ऐसे सच आया सामने


फैक्टली की टीम ने वायरल दावे की प्रामाणिकता की जांच करने के लिए हमने रेलिवेंट कीवर्ड सर्च किया और पाया कि भाजपा ने वकील उज्ज्वल निकम को मुंबई उत्तर मध्य लोकसभा सीट से टिकट दिया था. उज्ज्वल निकम ने मुंबई 26/11 आतंकवादी हमले के मुकदमे में सरकारी वकील के रूप में अजमल कसाब को मौत की सजा दिलाकर देश भर में पहचान हासिल की थी. उन्होंने कई अन्य हाई-प्रोफाइल मामलों में भी सरकारी वकील के रूप में काम किया है, जैसे कि 1993 के मुंबई सीरियल विस्फोट, शक्ति मिल्स गैंगरेप केस, अहमदनगर रेप और मर्डर केस (यहां, यहां और यहां).




टीम की खोज के दौरान, यह सामने आया कि चूंकि 26/11 मुंबई आतंकवादी हमले के मामले में अजमल कसाब का बचाव करने में किसी भी वकील की दिलचस्पी नहीं थी, इसलिए अदालत ने निष्पक्ष सुनवाई सुनिश्चित करने और कानूनी सहायता प्रदान करने के लिए कई वकीलों (यहां, यहां और यहां) को नियुक्त किया. प्रत्येक आरोपी को निष्पक्ष सुनवाई का अधिकार है और आरोपी का बचाव न करने से यह असंभव है. इस कड़ी में कसाब को वकील के रूप में प्रमुख वकील अब्बास काजमी मिले थे, हालांकि असहयोग के कारण बाद में उन्हें हटा दिया गया था. इसके बाद के.पी. पवार को कसाब का वकील बनाया गया. इससे अलग अमीन सोलकर और फरहाना शाह ने बॉम्बे हाई कोर्ट में कसाब का बचाव किया था. वहीं राजू रामचंद्रन ने कसाब की मौत की सजा के खिलाफ अपील के दौरान सुप्रीम कोर्ट में उसका पक्ष लिया था. दूसरी तरफ गोपाल सुब्रमण्यम ने सुप्रीम कोर्ट में अजमल कसाब की मौत की सजा के पक्ष में दलील दी थी.


क्या निकला निष्कर्ष?


सभी फैक्ट को देखकर साफ है कि माजिद मेमन अजमल कसाब मुकदमे से नहीं जुड़े थे. उन्होंने यह भी साफ किया था कि उन्हें कसाब का बचाव करने में कोई दिलचस्पी नहीं है (यहां और यहां). माजिद मेमन ने 1993 के मुंबई सिलसिलेवार विस्फोटों जैसे विभिन्न हाई-प्रोफाइल मामलों में बहस की थी. वह आपराधिक मामलों में कई फिल्मी सितारों और प्रमुख हस्तियों के भी केस लड़ चुके हैं. मजीद मेमन अप्रैल 2014 से अप्रैल 2020 तक (यहां और यहां) एनसीपी से राज्यसभा सांसद थे. 2022 में माजिद मेमन ने NCP छोड़ दी और तृणमूल कांग्रेस (TMC) में शामिल हो गए थे.


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Disclaimer: This story was originally published by Factly and republished by ABP Live Hindi as part of the Shakti Collective.