Delhi Assembly Election Result 2025: दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए शनिवार को जारी मतगणना के आए रुझानों से अब लगभग स्पष्ट हो गया है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) 27 साल बाद दिल्ली की सत्ता में वापसी करने जा रही है. रुझानों के मुताबिक आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक अरविंद केजरीवाल और पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया सहित सत्तारूढ़ दल के कई अन्य प्रमुख नेता चुनाव हार गए हैं.

इस बार दिल्ली के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को मिली हार का एक बड़ा कारण सामने आ रहा है. इस बार विधानसभा चुनाव में दिल्ली के मध्यम वर्ग और पूर्वांचली मतदाताओं ने बीजेपी का साथ दिया है. इस वजह से वो 27 साल के बाद दिल्ली में सरकार बनाने जा रही है. 

पूर्वांचली मतदाताओं ने निभाया अहम रोल

बीजेपी पश्चिमी दिल्ली, पूर्वी दिल्ली, दक्षिणी दिल्ली, मध्य दिल्ली और नई दिल्ली की अधिकांश मध्यम वर्गीय बहुल सीटों पर आगे चल रही है. इसके अलावाबीजेपी  उन 25 सीटों पर भी आगे चल रही है जहां पूर्वांचली मतदाताओं (पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार के लोग) का प्रभाव ज्यादा है. भाजपा को सबसे ज्यादा बढ़त पश्चिमी दिल्ली और नई दिल्ली जिलों में मिली है,जहां 2020 में उसे कोई सीट नहीं मिली थी. 

दक्षिणी दिल्ली जिले की 15 विधानसभा सीटों में से भाजपा 11 सीटों पर आगे चल रही है. 2020 के चुनावों में आप ने 14 सीटें जीती थीं. यमुना पार क्षेत्र की 20 सीटों में भाजपा ने 12 से अधिक सीटों पर महत्वपूर्ण बढ़त बना ली है, जबकि आप आठ सीटों पर आगे है. ये इलाका अनाधिकृत कॉलोनियों से भरा हुआ है. बीजेपी ने 2015 और 2020 के चुनावों में यहां केवल 3 और 8 सीटें जीती थीं.

दिल्ली का मध्यम वर्ग हुआ आम आदमी पार्टी से नाराज

इस बार के विधानसभा चुनाव में मध्यम वर्ग भी आम आदमी पार्टी से नाराज नजर आ रहा है. पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को इस बार भी हार का सामना करना पड़ा था. वहीं, दूसरी तरफ बीजेपी ने मिडिल क्लास को खुश करने की कोशिश की. बीजेपी ने  12 लाख रुपये तक की आय को कर-मुक्त कर दिया गया. इसके अलावा दिल्ली चुनाव से ठीक पहले 8वें वेतन आयोग की घोषणा भाजपा के लिए फायदेमंद रही. 

बीजेपी ने इस बार चुनाव में दिल्ली के मतदाताओं को आश्वासन दिया कि अगर वह जीतती है तो वह मुफ्त बिजली और मुफ्त बस यात्रा जैसी योजनाओं को बंद नहीं करेगी. इसका फायदा भी बीजेपी को हुआ.