राज्यों - छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, तेलंगाना और राजस्थान, में किसकी सरकार बनने वाली है, इसका ऐलान रविवार (3 दिसंबर) को हो जाएगा. नवंबर महीने में अलग-अलग तारीखों पर पांचों राज्यों में वोट डाले गए थे और आज मतगणना होनी है. भारतीय जनता पार्टी (BJP) के  उम्मीदवारों  के लिए गृहमंत्री अमित शाह भी चुनाव प्रचार में उतरे थे. इनमें छत्तीसगढ़ से बीजेपी उम्मीदवार ओपी चौधरी भी शामिल हैं, जो राज्य की वीआईपी रायगढ़ से मैदान में हैं. 


ओपी चौधरी के लिए वोट मांगते हुए अमित शाह ने कहा था चौधरी को जीता दें, इन्हें बड़ा आदमी मैं बना दूंगा. बड़ा आदमी बनाना मेरा काम है. ओपी चौधरी को खरसिया सीट के बजाय रायगढ़ से मैदान में उतारने का बीजेपी का फैसला कितना सफल हो जाएगा, इसका पता आज चल जाएगा. ओपी चौधरी का मुकाबला यहां कांग्रेस के प्रकाश नायक से है. प्रकाश नायक मौजूदा विधायक हैं और उनके सामने दोबारा विधायिकी जीतने का मौका है. जनता ने इस बार दोनों में से किसको विधायक बनाने का फैसला किया है, ये आज पता चल जाएगा.


पिछली बार छत्तीसगढ़ से लड़ा था चुनाव
साल 2018 के छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में ओपी चौधरी खरसिया सीट से मैदान में उतरे थे. तब उनके सामने कांग्रेस के दिवंगत नेता नंदकुमार पटेल के बेटे उमेश पटेल मैदान में थे. इन चुनावों में ओपी चौधरी को हार का सामना करना पड़ा था. ओपी चौधरी को 77,234 वोट मिले थे, जबकि उमेश पटेल ने 94,201 वोटों के साथ जीत हासिल की थी. ओपी चौधरी को इन चुनावों में 16,967 वोटों से हार मिली थी.


सिर्फ 22 साल की उम्र में बने आईएएस अधिकारी
ओपी चौधरी आईएएस अधिकारी  रह चुके हैं. सिर्फ 22 साल की उम्र में वह आईएएस अधिकारी बन गए थे. उन्होंने पहले ही अटेंप में यूपीएससी क्लीयर कर लिया था. ओपी चौधरी के पिता दीनानाथ चौधरी एक टीचर थे.  चौधरी जब दूसरी कक्षा में पढ़ रहे थे तो उनके सिर से पिता का साया उठ गया. फिर उन्होंने पैतृक गांव से ही स्कूल की पढ़ाई की और ग्रेजुएशन भिलाई से किया. इसके बाद वह यूपीएससी की तैयारी में जुटे गए और सिर्फ 22 साल की उम्र में आईएएस अधिकारी बन गए.


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