Chhattisgarh Assembly Election 2023: साल के अंत में होने वाले छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के लिए गुरुवार (17 अगस्त) को सामने आए बीजेपी के एक फैसले से यह लगभग तय हो गया है कि इस बार मुकाबला सीएम बघेल बनाम भतीजे बघेल के बीच देखने को मिलेगा.


दरअसल, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता भूपेश बघेल दुर्ग जिले की पाटन विधानसभा सीट से विधायक हैं. इसी सीट से बीजेपी ने सीएम बघेल के भतीजे और दुर्ग से मौजूदा पार्टी सांसद विजय बघेल को उम्मीदवार बनाया है.


पहले भी दो बार दोनों का आमना-सामना विधासभा चुनावों में हो चुका है जिसमें एक-एक बार दोनों को जीत मिली. विजय बघेल 2000 तक कांग्रेस में ही थे, बाद में बीजेपी में आ गए थे. 2008 में उन्होंने पाटन से भूपेश बघेल को 6.37 फीसदी मतों से हराया था. 2013 के चुनाव में भूपेश बघेल ने विजय बघेल को थोड़े ज्यादा अंतर से हरा दिया था. 


कांग्रेस छोड़ बीजेपी में क्यों आ गए थे विजय बघेल?


इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, विजय बघेल ने बीजेपी में आने के पीछे की एक वजह मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को बताया था. उन्होंने कहा था, ''कांग्रेस झूठ का पुलिंदा थी और भूपेश बघेल को बहुत घमंड और अहंकार था. उनके जैसे लोगों को बढ़ावा दिया जा रहा था. 2000 में कांग्रेस छोड़ने के बाद मैंने भिलाई चरोदा से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में नगर निगम का चुनाव लड़ा था और जीत हासिल की थी. तब भूपेश मंत्री थे और दिग्विजय सिंह कांग्रेस के सीएम थे और दोनों ने पार्टी उम्मीदवार के लिए प्रचार किया लेकिन फिर भी मैंने उनके उम्मीदवार के साथ-साथ बीजेपी के उम्मीदवार को भी हरा दिया था.''


विजय बघेल ने कहा था कि वह अटल बिहारी वाजपेयी से प्रेरित हैं और बीजेपी एक ऐसी पार्टी है हर कार्यकर्ता को टॉप पर पहुंचने का मौका देती है. उन्होंने कहा था कि उनके जैसे व्यक्ति को विधायक बनाया गया, फिर सांसद और अब घोषणापत्र तैयार करने का प्रभारी बनाया गया.


गौरतलब है कि इसी जुलाई में बीजेपी ने विजय बघेल को छत्तीसगढ़ के लिए अपनी घोषणापत्र समिति के प्रभारी के रूप में नामित किया था, इसमें वह 30 नेताओं के समूह का नेतृत्व करेंगे. 


छत्तीसगढ़ को लेकर अमित शाह के सर्वे में बीजेपी कितनी मजबूत?


छत्तीसगढ़ में विधानसभा की 90 सीटें हैं. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राज्य में चुनाव की तैयारियों के मद्देनजर जुलाई की शुरुआत में एक समीक्षा बैठक की थी और बीजेपी नेताओं को जीत का फॉर्मूला दिया था.


इस दौरान अमित शाह के आंतरिक सर्वे की बात सामने आई थी, जिसके मुताबिक, बीजेपी को 34 सीटों पर पक्की जीत मिलने का अनुमान जताया गया था, जबकि 14 सीटों पर बीजेपी को जीत के करीब बताया गया था. छत्तीसगढ़ में बीजेपी मौजूदा विधायकों की संख्या 13 है. केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा था कि छत्तीसगढ़ जीतने के लिए जी-जान लगाना होगा. 


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