रायपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव नतीजों की आज घोषणा की जाएगी. इसके साथ ही राज्य में नई सरकार के गठन के लिए रास्ता साफ हो जाएगा. 1 नवंबर 2000 को मध्य प्रदेश से अलग कर छत्तीसगढ़ का गठन किया गया था. जिसके बाद कांग्रेस के कद्दावर नेता अजीत जोगी राज्य के पहले मुख्यमंत्री बने थे. लेकिन सिर्फ 3 साल और 36 दिन के बाद बीजेपी सत्ता पर काबिज हो गई और 15 साल बाद भी वो यहां पर कायम है. 2013 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 49 सीटें (41.04 फीसदी वोट), कांग्रेस को 39 सीटें (40.29 फीसदी वोट), बीएसपी को 1 सीट (4.27 फीसदी वोट) और अन्य को 1 सीट मिली थीं.


कहा जाता है किसी वक्त इस क्षेत्र में 36 गढ़ हुआ करते थे और इसी के आधार पर इसे छत्तीसगढ़ नाम दिया गया था. 90 सदस्यों वाली छत्तीसगढ़ विधानसभा पर पिछले 15 सालों से बीजेपी का भगवा ध्वज लहरा रहा है. लगातार 15 साल तक सत्ता में रहने के बाद बीजेपी के खिलाफ एक सत्ता विरोधी माहौल दिखाई दे रहा है. लेकिन कभी राज्य में कांग्रेस के झंडाबरदार रहे अजीत जोगी ने अलग पार्टी (जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़) बनाकर मुकाबले को रोमांचक बना दिया है. आज हम आपको छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव से जुड़ी ऐसी ही कुछ खास बातें बताते हैं.


90 सदस्यों वाली छत्तीसगढ़ विधानसभा में सरकार बनाने के लिए 45+1 सदस्यों समर्थन की जरूरत होती है.


छत्तीसगढ़ में पिछले 15 सालों से बीजेपी सत्ता में बरकरार है. साथ ही पिछले 15 साल से रमन सिंह प्रदेश की कमान अपने हाथ में लिए हुए हैं.


छत्तीसगढ़ में अब तक चार बार विधानसभा चुनाव हुए हैं. जिनमें लगातार 3 बार बीजेपी ने जीत हासिल की है.


राज्य में लगभग 1.85 करोड़ वोटर्स ने 1,269 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला किया है.


इस बार छत्तीसगढ़ में 76.35 फीसदी वोटिंग की गई जो 2013 के मुकाबले लगभग 1 फीसदी कम थी.


छत्तीसगढ़ का गढ़ फतह करने के लिए पीएम मोदी ने 5, राहुल गांधी ने 19, अमित शाह ने 12 और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने 22 रैलियां की थी.


इन विधानसभा चुनावों में जीत दर्ज करने के लिए नेताओं ने कई बार जुबानी मर्यादा को भंग किया. बीजेपी नेता मनोज तिवारी ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा था कि छठ पूजा करने वाली मां बुद्धिमान बच्चों को जन्म देती हैं लेकिन फिर भी सोनिया गांधी छठ समारोहों को अनदेखा करती रही हैं. वहीं यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने छत्तीसगढ़ में जशपुर में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा था कि इटली से आयातित एजेंटों ने राष्ट्रीय-विरोधी गतिविधियों को अपनाया हुआ है.