बिहार विधानसभा की सभी 243 सीटों के लिए दो चरण में मतदान होंगे. चुनाव आयोग ने बताया कि 6 और 11 नवंबर को दो चरणों में मतदान होंगे. वहीं, चुनावी नतीजे 14 नवंबर को घोषित किए जाएंगे.बिहार के मतदाताओं को संदेश देते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा कि हम बिहार के मतदाताओं को आश्वस्त करना चाहते हैं कि चुनाव न केवल अनुकरणीय और सुचारू होंगे, बल्कि कानून-व्यवस्था बनाए रखने पर विशेष ध्यान देने के कारण सबसे शांतिपूर्ण भी होंगे.चुनाव आयोग ने मतदान के अनुभव को बेहतर बनाने के लिए कई बदलाव किए हैं. पोलिंग बूथ पर 12,00 मतदान डाल सकेंगे वोटअब प्रत्येक मतदान केंद्र पर 1,500 की बजाय 1,200 मतदाता मतदान कर सकेंगे, और राज्य भर में मतदान केंद्रों की संख्या बढ़ाई जाएगी. चुनाव आयोग द्वारा कुल 90 हजार से अधिक मतदान केंद्र स्थापित किए जाएंगे. सुरक्षा और सुचारू संचालन सुनिश्चित करने के लिए केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की अतिरिक्त तैनाती की आवश्यकता होगी.2025 के विधानसभा चुनाव इस पूर्वी राज्य में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के तहत मतदाता सूची के शुद्धिकरण के बाद होने वाले पहले चुनाव होंगे, जिसके बाद 7.43 करोड़ मतदाताओं वाली अंतिम मतदाता सूची तैयार हुई, जिसमें 14 लाख पहली बार मतदान करने वाले मतदाता भी शामिल हैं. 22 साल के अंतराल के बाद आयोजित की गई SIR प्रक्रियाज्ञानेश कुमार ने 22 वर्षों के अंतराल के बाद आयोजित एसआईआर की विस्तृत जानकारी और समय-सीमा भी साझा की और बताया कि अंतिम मतदाता सूची सभी राजनीतिक दलों को दे दी गई है. उन्होंने कहा कि मतदाता सूची में सुधार के लिए अनुरोध करने की अवधि आगामी चुनावों के लिए उम्मीदवारों द्वारा नामांकन पत्र दाखिल करने से 10 दिन पहले तक खुली रहेगी.मुख्य चुनाव आयुक्त ने जिला स्तर पर किसी भी प्रकार की फर्जी खबरों को रोकने के लिए चुनाव आयोग की योजनाओं की भी जानकारी दी ताकि गलत सूचनाओं का मुकाबला किया जा सके. उन्होंने यह भी घोषणा की कि 243 निर्वाचन क्षेत्रों में से प्रत्येक के लिए एक अलग पर्यवेक्षक होगा, जबकि पहले एक पर्यवेक्षक एक से अधिक सीटों के लिए जिम्मेदार होता था. सभी दलों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक के बाद चुनाव की तारीखों का ऐलानबिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा चुनाव आयोग के प्रतिनिधिमंडल द्वारा राज्य में चुनाव तैयारियों की समीक्षा पूरी करने, सभी प्रमुख राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक करने और व्यवस्थाओं का आकलन करने के ठीक एक दिन बाद हुई है.जानकारी के अनुसार, दिवाली और छठ जैसे प्रमुख त्योहारों, जो 18 अक्टूबर से 28 अक्टूबर के बीच पड़ते हैं, के साथ ओवरलैपिंग से बचने के लिए कार्यक्रम की सावधानीपूर्वक योजना बनाई गई है. इस विचार का उद्देश्य सुचारू मतदान और अधिकतम मतदान सुनिश्चित करना है. बिहार चुनाव बनेगा देश के लिए उदाहरणचुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा कि बिहार का विधानसभा चुनाव आने वाले समय में सभी चुनावों के लिए एक उदाहरण बनेगा. उन्होंने बताया कि  बुजुर्ग दिव्यांग मतदाता के लिए, पोलिंग स्टेशन ग्राउंड फ्लोर पर होंगे. हिंसा को लेकर जीरो टॉलरेंस की नीति रहेगी. चुनाव आयोग ने अहम ऐलान करते हुए कहा, पोस्टल बैलेट्स की गिनती EVM के लास्ट दो राउंड की गिनती से पहले अनिवार्य होगी. चुनाव आयोग के मुताबिक, बिहार चुनाव में 14 लाख लोग फर्स्ट टाइम वोटर होंगे.

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फेक न्यूज को भी काउंटर करने की तैयारीअगर कोई फेक न्यूज आती है खासकर सोशल मीडिया से तो उसको काउंटर किया जाएगा. ड्रग्स, कैश या अन्य प्रतिबंधित चीजों पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी. उन्होेंने बताया कि 17 नए इनिशिएटिव लिए जा रहे हैं. यह आगे चलकर पूरे देश के चुनावों में लागू होंगे. उन्होंने आगे बताया कि पहली बार बूथल लेवल एजेंट्स को ट्रेनिंग दी गई है. पहले इनकी ट्रेनिंग जिला या विधानसभा लेवल पर होती थी. इस बार चुनाव आयोग के ट्रेनिंग इस्टीट्यूट में बुलाकर इन लोगों को ट्रेनिंग दी गई है.

मतदाता सूची पर भी हुई चर्चाज्ञानेश कुमार ने कहा कि लगभग 22 साल के बाद बिहार में मतदाता सूची में सुधार किया गया. सोशल मीडिया पर इसके बारे में बढ़ा-चढ़ाकर कहा गया. जबकि सत्यता यह है कि सभी के साथ मिलकर इसे सुरक्षित तरीके से संपन्न किया गया. राजनीतिक पार्टियों, अधिकारियों के साथ मिलकर पारदर्शिता के साथ सूची की त्रुटियों को ठीक किया गया. सभी एजेंसियों के साथ मिलकर SOP बनाया गया कि कैसे नए मतदाताओं के पास उनका मतदाता पहचान पत्र दिया जाए. पोलिंग बूथ तक वोटर्स ले जा सकेंगे अपने फोनउन्होंने आगे कहा, देश की प्रगति को ध्यान में रखते हुए पोलिंग स्टेशन के कमरे के ठीक बाहर अपना फोन जमा किया जा सकता है. वोटिंग के बाद वे अपना फोन वापस ले जा सकते हैं. चुनाव आयेग के 40 ऐप को एक जगह समन्वित करते हुए एक ही मदर ऑफ ऑल ऐप की शुरुआत भी बिहार चुनाव के दौरान की जाएगी. पोस्टल बैलेट्स की गिनती EVM के लास्ट दो राउंड की गिनती से पहले अनिवार्य होगा. वोटर्स की संख्या लगभग 7.42 करोड़मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि बिहार में कुल 243 विधानसभा क्षेत्र हैं, जिनमें से 38 अनुसूचित जाति और 2 अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं. मतदाताओं की कुल संख्या लगभग 7.42 करोड़ है, जिनमें 3.92 करोड़ पुरुष और 3.5 करोड़ महिलाएं शामिल हैं. लगभग 4 लाख वरिष्ठ नागरिक और लगभग 14,000 मतदाता 100 वर्ष या उससे अधिक आयु के हैं.

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