Rajasthan Assembly Election Result 2023: सर्दी के मौसम में राजस्थान का सियासी पारा गर्म है. प्रचंड बहुमत मिलने के चार दिन बाद भी भारतीय जनता पार्टी (BJP) मुख्यमंत्री के नाम का ऐलान नहीं कर पाई है. यहां सीएम पद के कई दावेदार हैं. हर दावेदार बैकफुट पर खेलते हुए अपने-अपने पक्ष में माहौल बनाने में जुटा है.


प्रदेश की दो बार बतौर मुख्यमंत्री कमान संभाल चुकी वसुंधरा राजे तीसरी बार सीएम बनने के लिए आक्रमक बैटिंग करती दिख रही हैं. पहले उन्होंने अपने समर्थकों के जरिये माहौल बनाया और दावा किया कि 70 विधायक उनके साथ हैं. वहीं, उन्होंने निर्दलीय विधायकों भी बधाई दी. अपने घर के बाहर मोदी की गारंटी के पोस्टर भी लगवा दिए लेकिन वह सीएम बनेंगी या नहीं, इसकी गारंटी नहीं है. बाबा बालकनाथ और अन्य दावेदारों के बीच मैच फंसता दिख रहा है.


सीएम की प‍िच छोड़ने को कोई तैयार नहीं


राजस्थान में बीजेपी ने 7 सांसदों को विधानसभा चुनाव में उतारा था. इनमें से 4 ने चुनाव में जीत दर्ज की है. इन चार सांसदों में से 3 सीएम पद की रेस में हैं. हैरानी की बात ये है कि सभी ने सांसद पद इस्तीफा दे दिया है यानी कोई भी सीएम की रेस से हटने को तैयार नहीं है.



बाबा बालकनाथ और वसुंधरा राजे में टफ फाइट


फिलहाल राजस्थान के सीएम के लिए तिजारा से विधायक बने बाबा बालकनाथ और वसुंधरा राजे के बीच बहुत कड़ा मुकाबला चल रहा है. दोनों के समर्थक अपने पक्ष में माहौल बना रहे हैं. वसुंधरा राजे जहां बगावती तेवर दिखा रही हैं तो बालकनाथ पार्टी के शीर्ष नेताओं को खुश करने की कोश‍िश में जुटे हैं. वसुंधरा राजे ने बुधवार (6 द‍िसंबर) रात्र‍ि में साफ कर द‍िया था क‍ि वह पार्टी से बगावत नहीं करेंगी. उनके लिए पार्टी सर्वोपरी है. इसके बाद ही गुरुवार (7 द‍िसंबर) सुबह वह दिल्ली पहुंच गईं.


बाबा बालकनाथ के पक्ष में ये बात


ति‍जारा व‍िधायक बाबा बालकनाथ भी इस खेल में पीछे हटने को तैयार नहीं हैं. उनके पक्ष में उनकी हिंदुत्व वाली छवि है. इसके अलावा वह ओबीसी वर्ग से भी आते हैं. वह यादव समुदाय से संबंध रखते हैं. ऐसे में बीजेपी उनको सीएम बनाकर ओबीसी वोट बैंक को अपने पक्ष में करने की कोशिश कर सकती है. 


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