नई दिल्ली: हरियाणा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों में आम आदमी पार्टी को करारी हार का सामना करना पड़ा है. आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता संजय सिंह ने कहा कि हरियाणा और महाराष्ट्र में क्षेत्रीय दलों की मौजूदगी मजबूत होने के चलते उनकी पार्टी को भारी नुकसान हुआ. महाराष्ट्र और हरियाणा में आप को नोटा के पक्ष में पड़े वोट से भी कम वोट मिले. पार्टी ने दोनों राज्यों में जिन 70 सीटों पर चुनाव लड़ा था, सभी पर हार का सामना करना पड़ा.


आप के खराब प्रदर्शन के बारे में सवाल पूछे जाने पर सिंह ने कहा कि कुछ सीटों पर अन्य क्षेत्रीय दलों की मौजूदगी बेहद मजबूत रही. उन्होंने कहा, ''इसलिए हमारे केंद्रीय नेतृत्व ने महाराष्ट्र और हरियाणा के चुनाव प्रचार में हिस्सा नहीं लिया. हमारा पूरा ध्यान दिल्ली पर है.''


दिल्ली में अगले साल हैं चुनाव


राष्ट्रीय राजधानी में अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं जहां आप सत्ता में है. आप ने हरियाणा की 90 सीटों में से 46 पर उम्मीदवार उतारे थे जबकि महाराष्ट्र में उसने 24 सीटों पर चुनाव लड़ा था. चुनाव आयोग के अनुसार दोनों राज्यों में अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली पार्टी के अधिकतर उम्मीदवारों को 1,000 से भी कम मत मिले.


चुनाव आयोग के अनुसार हरियाणा में आप का मत प्रतिशत 0.48 प्रतिशत जबकि नोटा का मत प्रतिशत 0.53 प्रतिशत रहा. महाराष्ट्र में पार्टी का मत प्रतिशत 0.11 प्रतिशत था जबकि नोटा का 1.37 प्रतिशत था. आप ने अप्रैल-मई में हुए लोकसभा चुनाव के लिये हरियाणा में जननायक जनता पार्टी के साथ गठबंधन किया था लेकिन उसे हार का मुंह देखना पड़ा जिसके कारण यह गठबंधन टूट गया. हरियाणा विधानसभा चुनाव में दुष्यंत चौटाला के नेतृत्व वाली जेजेपी ने 10 सीटें जीती हैं.


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