क्लैट 2026 के लिए एग्जाम डेट की घोषणा हो चुकी है. दरअसल इस बार क्लैट 2026 एग्जाम 7 दिसंबर को होगा. क्लैट 2026 के जरिए 5 वर्षीय इंटीग्रेटेड एलएलबी और एलएलएम कोर्सेज में एडमिशन ले सकते हैं. कंसोर्टियम नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी ने परीक्षा के लिए एडमिट कार्ड भी जारी कर दिया है. कंसोर्टियम परीक्षा केंद्र में एंट्री के लिए एडमिट कार्ड होना जरूरी है. एडमिट कार्ड में परीक्षा केंद्र का नाम, परीक्षा का दिन, समय और जरूरी गाइडलाइंस जैसी जानकारियां दी गई है. वहीं उम्मीदवारों को सलाह दी गई है कि वह एडमिट कार्ड डाउनलोड करने के बाद उसमें दी गई सभी डिटेल खास तौर पर नाम, बर्थ डेट, फोटो और सिग्नेचर अच्छी तरह चेक कर लें.वहीं किसी भी गड़बड़ी के मामले में तुरंत कंसोर्टियम से संपर्क करें. क्लैट 2026 परीक्षा से पहले कई लोग इस परीक्षा के बारे में भी जानना चाहते हैं. ऐसे में चलिए आज हम आपको बताते हैं की क्लैट क्या है और इससे किन-किन शानदार नौकरियों का रास्ता खुलता है.
क्या है क्लैट?
कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट यानी क्लैट देश की सबसे प्रतिष्ठित लॉ एंट्रेंस परीक्षाओं में से एक है. इसके जरिए देशभर की 26 नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी में एडमिशन मिलता है. यही वजह है कि हर साल करीब 75 हजार से भी ज्यादा स्टूडेंट्स यह परीक्षा देते हैं. यह परीक्षा बीए- एलएलबी, बीबीए-एलएलबी और बीकॉम-एलएलबी जैसे 5 वर्षीय इंटीग्रेटेड कोर्स के लिए होती है. क्लैट को भारतीय लीगल सेक्टर के सबसे बड़े दरवाजे के रूप में भी देखा जाता है, क्योंकि यह न सिर्फ को पढ़ने का बल्कि बेहतरीन जॉब्स और हाई प्रोफाइल करियर का मौका देता है.
क्लैट के बाद कौन से करियर के रास्ते खुलते हैं?
- क्लैट क्लियर कर एनएलयू से लॉ की पढ़ाई पूरी करने के बाद करियर के कई दरवाजे खुलते हैं. यहां से निकलने वाले ग्रेजुएट्स को देश-विदेश की टॉप कंपनियों में शानदार जॉब ऑफर मिलते हैं. वहीं क्लैट क्लियर करने के बाद कॉरपोरेट लॉयर सबसे हाई डिमांड प्रोफेशन माना जाता है. बड़े बिजनेस ग्रुप, एमएनसी और लॉ फर्म्स कॉरपोरेट लॉयर्स को मोटे पैकेज ऑफर करते हैं . उनकी शुरुआती सैलरी 15 से 25 लाख रुपये सालाना तक जा सकती है.
- क्लैट क्लियर करने के बाद लिटिगेशन लॉयर बनने यानी कोर्ट में प्रैक्टिस का रास्ता भी खुल जाता है. एक्सपीरियंस बढ़ने के साथ कमाई और प्रतिष्ठा दोनों इसमें तेजी से बढ़ती है.
- क्लैट क्लियर करने के बाद एनएलयू से पड़े स्टूडेंट PCS-J जैसी परीक्षा देकर सिविल जज या ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट बनते हैं. यह बहुत प्रतिष्ठित सरकारी नौकरी मानी जाती है.
- वहीं भारत की दिग्गज लॉ फर्म्स भी एलएनयू से ही बड़े स्तर पर हायरिंग करती है, जिसमें स्टूडेंट्स का पैकेज 20 से 30 लाख रुपये तक पहुंच जाता है.
- इसके अलावा क्लैट क्लियर करने के बाद कॉरपोरेट कंपनियां कानूनी और वित्तीय सलाह के लिए लीगल एडवाइजर रखती है.
- वहीं क्लैट करने के बाद सुप्रीम कोर्ट, हाई कोर्ट, थिंक टैंक और सरकारी संस्थानों में लीगल रिसर्च और पब्लिक पॉलिसी से जुड़ा शानदार करियर भी बन सकता है.
कैसा होता है क्लैट का कोर्स?
पहले ग्रेजुएट प्लस एलएलबी में 6 साल लगते थे. लेकिन अब क्लैट के जरिए दोनों की पढ़ाई 5 साल में हो जाती है. वहीं लास्ट 2 साल में स्टूडेंट अपनी पसंद के स्पेशलाइजेशन चुनते हैं. जिसमें कॉरपोरेट लॉ, कॉन्स्टिट्यूशन लॉ, ट्रेड लॉ और क्रिमिनल लॉ आदि शामिल होते हैं. वहीं एक्सपर्ट्स बताते हैं कि किसी भी स्ट्रीम के स्टूडेंट क्लैट दे सकते हैं.
ये भी पढ़ें: ग्रामीण बैंक के क्लर्क को कितनी मिलती है सैलरी, 8वें वेतन आयोग से कितनी बढ़ जाएगी इनकी तनख्वाह?
Education Loan Information:
Calculate Education Loan EMI