UGC Guidelines LIVE Updates: कॉलेज की फाइनल ईयर की परीक्षाओं को लेकर किसी भी वक्त जारी हो सकती है UGC की गाइडलाइन

University Grants Commission ( UGC - यूजीसी ) द्वारा आखिरी साल की परीक्षा और 2020-2021 के एकेडमिक कैलेंडर के बारे में जल्द ही नई गाइडलाइंस जारी की जा सकती है, पहले उम्मीद की जा रही थी ये गाइडलाइंस 1 जुलाई को घोषित होंगे लेकिन कल UGC की ओर से कुछ दिशा-निर्देश प्रकाशित नहीं किये गए. यूजीसी की गाइडलाइंस आने से पहले एक तरफ जहां यूपी सरकार आज उत्तर प्रदेश की सभी यूनिवर्सिटीज और अन्य उच्च शिक्षा संस्थानों में फाइनल ईयर/सेमेस्टर की परीक्षाओं के बारे में फैसला लेने जा रही है. कुहाड समिति के सुझाव के बाद यूजीसी विश्वविद्यालयों के लिए नई गाइडलाइन जारी कर सकती है.

एबीपी न्यूज़ Last Updated: 02 Jul 2020 09:47 PM
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) द्वारा देश भर के विश्वविद्यालयों के लिए अंतिम वर्ष/अंतिम सेमेस्टर की परीक्षाओं के लिए नई गाइडलाइन आज जारी होनी है. जिस इंतजार छात्र और अभिभावक सुबह से कर रहे हैं. लेकिन अभी तक इस मामले को लेकर कोई ऑफिशियल अपडेट सामने नहीं आया है.
देश के मौजूदा हालातों को देखते हुए ऐसा माना जा रहा है कि परीक्षां रद्द की जा सकती हैं. लेकिन जब कोई आधिकारिक जानकारी सामने नहीं आ जाती. इस मामले पर कुछ नहीं कहा जा सकता है.

JEE और NEET परीक्षा को टालने की मांग छात्र और अभिभावकों द्वारा लगातार की जा रही है. कोरोनावायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने हालात की समीक्षा के लिए एक पैनल का गठन किया है. इस कमेटी में NTA के डीजी समेत अन्य एक्सपर्ट शामिल हैं. एनटीए से कहा गया है कि मौजूदा हालात की समीक्षा करके 3 जून तक अपनी रिपोर्ट दाखिल करे. हालांकि मौजूदा हालात को देखते हुए परीक्षा इस वक्त होना मुश्किल दिख रहा है.

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) फाइनल ईयर की परीक्षाओं और एकेडमिक कैलेंडर के बारे में आज किसी भी वक्त गाइडलाइंस जारी कर सकता है. इससे पहले कुछ रिपोर्ट्स में कहा गया था कि गाइडलाइंस 1 जून को जारी हो सकती है. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. ऐसे में सभी स्टूडेंट्स की नजरें UGC के नए दिशा-निर्देश पर टिकी है. क्योंकि इस वक्त अभिभावक और छात्र दोनों नहीं चाहते कि परीक्षाएं आयोजित की जाएं.
अनलॉक-2.0 के बीच कर्नाटक में केंद्र और राज्य सरकार के सभी प्रशिक्षण संस्थान 15 जुलाई से खुल जाएंगे. एक अधिकारी ने यह जानकारी बुधवार को दी. मुख्य सचिव टी.एम. विजय भास्कर ने कहा, "केंद्र और राज्य सरकार के सभी प्रशिक्षण संस्थानों के 15 जुलाई से संचालन की अनुमति दे दी गई है." इन संस्थानों का संचालन शुरू होने से पहले हालांकि इनके लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे. ये दिशा-निर्देश कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग और कार्मिक एवं प्रशासनिक सुधार विभाग द्वारा जारी किए जाएंगे. राज्य में स्कूल, कॉलेज एवं अन्य शैक्षिक संस्थान हालां कि 31 जुलाई तक बंद रहेंगे. सरकार ऑनलाइन शिक्षण के विकल्प पर भी विचार कर रही है.


इस कैलेंडर में दिव्यांग बच्चों की जरूरतों का भी ध्यान रखा गया है. ऑडियो बुक्स, रेडियो कार्यक्रमों आदि के द्वारा छात्रों की जरूरतों को पूरा किया जायेगा.
इस कैलेंडर की सबसे प्रमुख बात यह है कि इन गतिविधियों की मैपिंग छात्रों की सीखने के प्रतिफलों के साथ की गई है. इसके द्वारा अभिभावक और अध्यापक बच्चों की प्रगति पर भी नजर बनाये रखेंगे. इस कैलेंडर में अनुभव आधारित शिक्षा के लिए कला और शारीरिक शिक्षा के साथ साथ योग भी शामिल किया गया है. तनाव और चिंता को दूर करने के तरीके भी इस कैलेंडर में सुझाये गए हैं. फिलहाल इस कैलेंडर में चार भाषाओं के विषयों को शामिल किया गया है जिनमें संस्कृत, उर्दू, हिंदी और अंग्रेजी हैं. इस वैकल्पिक कैलेंडर में ई-पाठशाला, एनआरओईआर और दीक्षा पोर्टल पर अध्यायवार उपलब्ध सामग्री को भी शामिल किया गया है.

केंद्रीय मंत्री निशंक ने कहा, "यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया है कि छात्रों को कम से कम समय कंप्यूटर स्क्रीन के सामने बिताना पड़े. जिनके पास इंटरनेट सुविधा है वो भी और जिनके पास नहीं है वो भी, शिक्षा ग्रहण कर सकते हैं. अध्यापक विद्यार्थियों को मोबाइल पर एसएमएस भेजकर या फोन पर कॉल कर के उनका मार्गदर्शन करें. इंटरनेट सुविधा उपलब्ध होने की स्थिति में अध्यापक, अभिभावक और बच्चे व्हाट्सएप, फेसबुक, ट्विटर, टेलीग्राम, गूगल मेल और गूगल हैंगऑउट द्वारा एक दूसरे से जुड़ सकते हैं और पढ़ाई जारी रख सकते हैं."
कक्षा 1 से 5 के छात्र-छात्राओं की शैक्षणिक गतिविधियां सुचारु रखने के लिए 8 हफ्ते का वैकल्पिक अकादमिक कैलेंडर जारी किया गया है. यह वैकल्पिक अकादमिक कैलेंडर राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) द्वारा बनाया गया है. केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने प्राथमिक स्तर के छात्र-छात्राओं के लिए यह अकादमिक कैलेंडर जारी किया. इससे पहले पहले चार हफ्ते के लिए एक वैकल्पिक कैलेंडर अप्रैल में जारी किया गया था.

अहमदाबाद यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रोफेसर पंकज चंद्रा ने कहा, "हमने तय किया है कि यदि कोई छात्र कैम्पस खुलने पर भी कैम्पस आने में असहज महसूस करता है, तो हम उन्हें ऑनलाइन पढ़ाई करने की सुविधा तब तक मुहैया कराएंगे, जब तक उन्हें यह महसूस नहीं हो जाता कि वे कैंपस में आने के लिए तैयार हैं." अहमदाबाद यूनिवर्सिटी अगस्त में अपना मानसून सेमेस्टर ऑनलाइन शुरू करेगा और उसने इस बात की विस्तृत योजना बनाई है कि हालात सामान्य होने पर कैम्पस को कैसे और कब खोला जाए. हालांकि, सभी छात्रों को यह तय करने की छूट होगी कि वे ऑनलाइन क्लास चाहते हैं या कैम्पस आकर पढ़ाई करना चाहते हैं. यह छात्रों को अपने घरों में सुरक्षित रूप से रहकर शैक्षणिक वर्ष निर्धारित समय पर शुरू करने का मौका देगा. प्रोफेसर चंद्रा ने कहा कि जब भी महामारी की स्थिति में सुधार होगा, हम अपने छात्रों को कैम्पस में ले आएंगे.
कोविड-19 महामारी के बीच, अहमदाबाद यूनिवर्सिटी में दाखिला लेने वाले छात्र इस साल दिसंबर तक ऑनलाइन कक्षाओं में शामिल होने का विकल्प चुन सकते हैं, भले ही कैम्पस इससे पहले ही फिर से खुल जाएं. यूनिवर्सिटी ने गुरुवार को यह घोषणा की. यह निर्णय तब आया है जब यूनिवर्सिटी नए शैक्षणिक वर्ष के दौरान छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कठोर योजनाएं और संचालन प्रक्रियाएं अमल में लाने की कोशिश कर रहा है.मानसून सेमेस्टर के दौरान कैम्पस में पहुंचने की तारीख अनिश्चित है और यूनिवर्सिटी छात्रों को कैम्पस में रिपोर्ट करने के लिए तभी कहेगा जब उनके लिए ऐसा करना सुरक्षित हो.

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) यूनिवर्सिटीज और कॉलेजों के लिए नई गाइडलाइंस जारी कर सकता है. इस समय छात्र यूजीसी की गाइडलाइंस
आने का बड़ी बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार कुहाड समिति के सुझाव के बाद यूजीसी विश्वविद्यालयों के लिए नई गाइडलाइन जारी कर सकती है. यूजीसी की गाइडलाइंस कुहाड समिति की रिपोर्ट के बाद आ सकती है. बता दें कि इस समिति के प्रमुख हरियाणा सेंट्रल यूनिवर्सिटी के कुलपति आरसी कुहाड हैं. कुहाड समिति की ये रिपोर्ट काफी अहम मानी जा रही है. अब देखना होगा कि कुहाड समिति क्या रिपोर्ट सौंपती है.

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) यूनिवर्सिटीज और कॉलेजों के लिए नई गाइडलाइंस जारी कर सकता है. इस समय छात्र यूजीसी की गाइडलाइंस
आने का बड़ी बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार कुहाड समिति के सुझाव के बाद यूजीसी विश्वविद्यालयों के लिए नई गाइडलाइन जारी कर सकती है. यूजीसी की गाइडलाइंस कुहाड समिति की रिपोर्ट के बाद आ सकती है. बता दें कि इस समिति के प्रमुख हरियाणा सेंट्रल यूनिवर्सिटी के कुलपति आरसी कुहाड हैं. कुहाड समिति की ये रिपोर्ट काफी अहम मानी जा रही है. अब देखना होगा कि कुहाड समिति क्या रिपोर्ट सौंपती है.

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) यूनिवर्सिटीज और कॉलेजों के लिए नई गाइडलाइंस जारी कर सकता है. इस समय छात्र यूजीसी की गाइडलाइंस
आने का बड़ी बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार कुहाड समिति के सुझाव के बाद यूजीसी विश्वविद्यालयों के लिए नई गाइडलाइन जारी कर सकती है. यूजीसी की गाइडलाइंस कुहाड समिति की रिपोर्ट के बाद आ सकती है. बता दें कि इस समिति के प्रमुख हरियाणा सेंट्रल यूनिवर्सिटी के कुलपति आरसी कुहाड हैं. कुहाड समिति की ये रिपोर्ट काफी अहम मानी जा रही है. अब देखना होगा कि कुहाड समिति क्या रिपोर्ट सौंपती है.
कोरोनावायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए महाराष्ट्र, नागालैंड, झारखंड, पश्चिम बंगाल, सहित कई राज्यों ने 31 जुलाई तक लॉकडाउन बढ़ा दिया है.
ऐसे में परीक्षा होती है जो छात्रों को एग्जाम सेंटर पर पहुंचने में काफी परेशानी होगी. इन सब बातों को देखते हुए ऐसा माना जा रहा है कि परीक्षाएं रद्द की जा सकती है. इस वक्त सभी छात्र विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) की नई गाइडलाइन जारी करन का इंतजार कर रहे हैं. आज किसी भी समय UGC गाइडलाइन जारी कर सकता है.


UGC फाइनल ईयर के एग्जाम और शैक्षणिक कैलेंडर को लेकर जल्द गाइडलाइन जारी कर सकता है. स्टूडेंट्स और अभिभावकों की नजरें UGC की नई गाइडलाइंस पर टिकी हुई हैं. कुछ राज्यों में लॉकडाउन को बढ़ा दिया गया है. ऐसे में परीक्षाएं कराना मुश्किल हो गया है, दूसरी तरफ कोरोना के मरीजों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है. आज UGC किसी भी वक्त नई गाइडलाइन जारी कर सकता है. वहीं, पंजाब सरकार ने राज्य विश्वविद्यालयों की सभी परीक्षाओं को 15 जुलाई तक के लिए स्थगित कर दिया है.

देशभर के छात्र फाइनल ईयर और सेमेस्टर एग्जाम के लिए यूजीसी गाइडलाइन्स का इंतजार कर रहे हैं. उत्तर प्रदेश के विश्वविद्यालयों और डिग्री कॉलेजों की ग्रेजुएशन व पोस्ट ग्रेजुएशन की परीक्षाओं को लेकर आज फैसला आएगा. यूपी सरकार यूजीसी की गाइडलाइन्स जारी होने का इंतजार कर रही है. वहीं दूसरी तरफ छात्र लगातार सोशल मीडिया के जरिए परीक्षाएं रद्द किए जाने की मांग कर रहे हैं. इस समय सबकी नजरें यूजीसी की गाइडलाइन्स पर टिकी हुई हैं.
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) विश्वविद्यालयों की फाइनल ईयर/सेमेस्टर की परीक्षाओं और शैक्षणिक कैलेंडर को लेकर आज किसी भी वक्त नई गाइडलाइन जारी कर सकता है. UGC ने पहले कहा था कि विश्वविद्यालयों की फाइल ईयर की परीक्षाओं का आयोजन होना चाहिए. जिसे लेकर फाइल ईयर के छात्रों में काफी नाराजगी देखने को मिली थी. जबकि फर्स्ट ईयर के छात्रों को प्रमोट करने की बात कही गई थी.

सुनिए मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने कमेटी गठित करने को लेकर क्या कहा

JEE Main और NEET परीक्षा को लेकर लगातार बैठकों का दौर जारी है. ये दोनों परीक्षाएं काफी अहम है. JEE परीक्षा 18 से 23 जुलाई 2020 और NEET परीक्षा 26 जुलाई को आयोजित होनी है. हालांकि अभी इनके एडमिट कार्ड को लेकर कोई अपडेट सामने नहीं आया है. कोरोनावायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए छात्र और अभिभावकों द्वारा इसके रद्द किए जाने की मांग की जा रही है. अब HRD मिनिस्ट्री ने परीक्षाओं के आयोजन को लेकर एक कमेटी का गठित की है.
NEET और JEE Main 2020 परीक्षा को लेकर एचआरडी मंत्रालय ने एक समिति बनाई है. यह समिति नीट और जेईई प्रवेश परीक्षाएं कराने को लेकर स्थिति की समीक्षा करेगी. इसके बाद यह समिति कल अपनी रिपोर्ट देगी.
यूजीसी की गाइडलाइन्स अभी जारी नहीं की गई है. ऐसे में क्या उत्तर प्रदेश सरकार, यूपी के विश्वविद्यालय की परीक्षा के बारे में गठित समिति की रिपोर्ट पर विचार कर अपने स्तर से नई गाइडलाइन तैयार करके परीक्षाओं को लेकर यूजीसी की गाइडलाइन से अलग जाकर कोई घोषणा करती है या फिर यूजीसी की गाइड लाइन का इंतजार करेगी. यह आज कुछ देर में स्पष्ट हो सकता है.
क्या है प्रो. एन. के. तनेजा समिति की रिपोर्ट

विश्वविद्यालयों की परीक्षाओं पर सुझाव देने के लिए कुलपति प्रो. एन. के. तनेजा की अध्यक्षता में गठित चार सदस्यीय समिति ने अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंप दी है. जिसमें विश्वविद्यालयों की परीक्षाओं को रद्द करने और स्टूडेंट्स को अगली कक्षा में प्रमोट करने के कई विकल्प सुझाए गए हैं. उत्तर प्रदेश सरकार समिति की इस रिपोर्ट पर आज फैसला लेगी.
उत्तर प्रदेश सरकार आज विश्वविद्यालयों, कॉलेजों और अन्य उच्च संस्थानों की परीक्षाओं के बारे में फैसला लेगा या नहीं. यह स्थिति तो सरकार की ओर से जारी सूचना के बाद ही साफ़ हो पायगी. लेकिन 1 जुलाई को यूजीसी ने गाइड लाइन जारी नहीं की. संभव है कि यूजीसी नई गाइड लाइन आज जारी करदे. गाइडलाइन जारी होते ही देश के लाखों स्टूडेंट्स का इंतजार ख़त्म हो जायेगा.
क्या है प्रो. एन. के. तनेजा समिति की रिपोर्ट

विश्वविद्यालयों की परीक्षाओं पर सुझाव देने के लिए कुलपति प्रो. एन. के. तनेजा की अध्यक्षता में गठित चार सदस्यीय समिति ने अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंप दी है. जिसमें विश्वविद्यालयों की परीक्षाओं को रद्द करने और स्टूडेंट्स को अगली कक्षा में प्रमोट करने के कई विकल्प सुझाए गए हैं. उत्तर प्रदेश सरकार समिति की इस रिपोर्ट पर आज फैसला लेगी.
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा नई गाइडलाइन्स कल, यानी 1 जुलाई 2020 को जारी नहीं की गई. इससे देश भर के विश्वविद्यालयों और डिग्री कॉलेजों के लाखों स्टूडेंट्स का इंतजार अब बढ़ता जा रहा है. स्टूडेंट्स के मन में परीक्षा को लेकर असमंजस बना हुआ है.
बता दें कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने इससे पहले 30 अप्रैल 2020 को फाइनल परीक्षाओं के लिए नई गाइडलाइंस जारी की थी. इस गाइडलाइन में देश भर के विश्वविद्यालयों और डिग्री कॉलेजों को फाइनल ईयर फाइनल सेमेस्टर की परीक्षाओं को करवाने का निर्देश दिया गया था. लेकिन कोरोना वायरस महामारी की भयावहता के चलते मौजूदा हालात में परीक्षाएं आयोजित नहीं हो पा रहीं हैं.
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बताया कि इस साल राज्य के सभी कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के फाइनल ईयर की परीक्षाएं कैंसिल कर दी गई हैं. राज्य में कोरोना वायरस के बढ़ते मरीजों के कारण लॉकडाउन को 30 जून तक के लिए बढ़ा भी दिया गया था.
देशभर में तेजी से बढ़ते कोविड-19 के मामलों को देखते हुए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) विश्वविद्यालयों की फाइनल ईयर/सेमेस्टर की परीक्षाओं और शैक्षणिक कैलेंडर को लेकर आज नया गाइड लाइन जारी कर सकता है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इसे कल यानी 1 जुलाई को जारी किया जाना था. हालाँकि इसके संबंध में कोई ऑफिशियल नोटिफिकेशन जारी नहीं किया गया है.
कोरोना वायरस की महामारी के चलते गुजरात टेक्निकल यूनिवर्सिटी (जीटीयू) के फाइनल ईयर के स्टूडेंट्स ने भी यूजीसी को पत्र लिखकर परीक्षाएं रद्द करने की मांग की है. साथ ही यह भी कहा है कि पिछले सेमेस्टर की परीक्षा या मेरिट के आधार पर रिजल्ट जारी किये जाएं.
उत्तर प्रदेश के उच्च शिक्षा विभाग ने कोरोना वायरस कोविड-19 संकट के चलते विश्वविद्यालयों की यूजी-पीजी परीक्षाओं के आयोजन के बारे में सुझाव देने के लिए प्रो. एन के तनेजा की अध्यक्षता में चार सदस्यीय समित गठित की थी. समिति ने अपनी रिपोर्ट उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा को सौंप दिया. समिति ने दूसरे प्रदेशों की तर्ज पर यूपी में भी विवि की परीक्षाएं नहीं कराने और स्टूडेंट्स को बिना परीक्षा के प्रमोट करने का सुझाव दिया है.
इन राज्यों में यूनिवर्सिटी और कॉलेज की परीक्षाएं पहले ही हो चुकीं हैं रद्द

महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, ओडिशा, पंजाब और हरियाणा ने कोरोनावायरस महामारी बढ़ते हुए संक्रमण को देखते हुए फाइनल ईयर की परीक्षा सहित अपने राज्य की सभी यूनिवर्सिटी और कॉलेज की परीक्षा रद्द करने का फैसला कर लिया था.
यूपी के राज्य विश्वविद्यालयों और डिग्री कॉलेजों की यूजी और पीजी परीक्षाएं होंगी या नहीं, इसका फैसला आज किसी भी समय आ सकता है. इस फैसले का असर प्रदेश के 18 राज्य विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों के 48 लाख से अधिक स्टूडेंट्स पर होगा.
15 जुलाई तक स्थगित किये गये पंजाब की सभी यूनिवर्सिटी और कॉलेजों के अंतिम सेमेस्टर के एग्जाम

रविवार को पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने पंजाब स्टेट की सभी यूनिवर्सिटीज और कॉलेजों में होने वाली अंतिम सेमेस्टर की परीक्षाओं को स्थगित करने की घोषणा कर दी थी। मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने COVID-19 महामारी के बीच परीक्षाओं के आयोजन पर छात्रों और अभिभावकों द्वारा व्यक्त की गई चिंताओं का जवाब देते हुए 15 जुलाई तक परीक्षा स्थगित करने का फैसला लिया है।
कुछ दिनों पहले केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग-यूजीसी से डिग्री कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में यूजी और पीजी की परीक्षाओं को आयोजित करने और नए शैक्षिक सत्र के बारे में जो गाइडलाइन्स जारी की थी, उस पर फिर से विचार करने के लिए कहा था. इसके आलोक में और कोरोना वायरस के चलते मौजूदा स्थिति के मद्देनजर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ( यूजीसी - UGC ) विभिन्न कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में परीक्षाओं के आयोजन को लेकर नई गाइडलाइंस आज जारी कर सकता है.
कुलपति प्रो.एन के तनेजा की अध्यक्षता वाली चार सदस्यीय समिति ने अपनी रिपोर्ट शासन को सौंप दी है. जिसमें विश्वविद्यालयों की परीक्षाओं को रद्द करने की बात कही गई है. इस रिपोर्ट पर आज मुख्यमंत्री फैसला ले सकते हैं. सूत्रों के मुताबिक आज प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद करीब 48 लाख स्टूडेंट्स के भाग्य की घोषणा कर सकते हैं. उम्मीद है कि सभी विश्वविद्यालयों के लिए प्रमेशन की नीति सामान रखी जायेगी. चौ.चरण सिंह विवि के 3.64 लाख स्टूडेंट भी आज के फैसले का बड़ी बेसब्री से इंतजार कर रहें हैं.
उत्तर प्रदेश में राज्य विश्वविद्यालयों और डिग्री कॉलेजों की परीक्षाओं के बारे में फैसला आज लिया जा सकता है. सोमवार को प्रदेश के मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में बैठक हुई थी. जिसमें यह कहा गया था कि यूजीसी गाइडलाइन्स के बाद 2 जुलाई 2020 को इन परीक्षाओं के बारे में फैसले की घोषणा की जाएगी.
यूजीसी की गाइडलाइन्स कल यानी 1 जुलाई 2020 को जारी नहीं की गई. लाखों स्टूडेंट्स में इसके लिए अब इंतजार बढ़ता जा रहा है. साथ ही उनके मन में असमंजस की स्थिति बनी हुई है. यूजीसी गाइडलाइन्स के बिना विश्वविद्यालय की परीक्षाओं के बारे में क्या उत्तर प्रदेश आज कोई फैसला ले पायेगा. इस पर स्थिति साफ़ होगी या यूजीसी की गाइड लाइन का इंतजार किया जायेगा? ऐसे अनेक प्रश्न स्टूडेंट्स के मन में उठने शुरू हो गए हैं.


गुजरात टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी ने कोरोनावायर के बढ़ते मामलों को देखते हुए 2 जुलाई से शुरू होने वाले फाइनल ईयर/सेमेस्टर के एग्जाम्स कैंसिल कर दिए हैं. जीटीयू ने यह भी कहा है कि परीक्षा की चेंज हुई डेट के बारे में जल्द ही सूचना जारी की जाएगी. गुजरात टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी ने ये परीक्षाएं कोरोना के बढ़ते मामलों की वजह से कैंसिल की हैं. बता दें कि देशभर में तमाम स्टूडेंट्स द्वारा परीक्षा कैंसिल किए जाने की मांग उठाई जा रही है.
इस वक्त देशभर के छात्र जहां यूजीसी गाइडलाइन्स का इंतजार कर रहे हैं. इस बीच एक बड़ी खबर सामने आई है. पंजाब में सभी यूनिवर्सिटी परीक्षाओं को स्थगित करने का फैसला किया है. उत्तर प्रदेश के राज्य विश्वविद्यालयों और डिग्री कॉलेजों में ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन की वार्षिक परीक्षाओं को लेकर यूजीसी गाइडलाइन्स की इंतजार कर रहे हैं. इस वक्त तमाम यूनिवर्सिटी के छात्रों द्वारा परीक्षाएं रद्द किए जाने की मांग की जा रही है. इस वक्त सभी की नजरें UGC नई गाइडलाइंस पर टिकी हुई हैं.
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) आज देश भर के विश्वविद्यालयों के लिए अंतिम सेमेस्टर और अंतिम वर्ष की परीक्षाओं के लिए नए दिशानिर्देशों की घोषणा कर सकता है. देश में बढ़ते कोरोनवायरस मामलों को देखते हुए यूजीसी फाइनल ईयर की परीक्षाओं और शैक्षणिक कैलेंडर को लेकर नए दिशानिर्देश जारी कर सकता है. बता दें कि उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद की वार्षिक परीक्षा 2020 का परिणाम बुधवार को घोषित कर दिया गया. मदरसा बोर्ड द्वारा आयोजित मुंशी, मौलवी, आलिम, कामिल और फाजिल की परीक्षा में 1,82,259 परीक्षार्थियों ने हिस्सा लिया था. इसमें से 1,15,650 परीक्षार्थी पास हुए हैं. इस बार बोर्ड परीक्षा में 81.99 फीसद छात्र-छात्राएं पास हुए हैं.

UGC फाइनल ईयर की परीक्षाओं और शैक्षणिक कैलेंडर के बारे में किसी भी वक्त संशोधित दिशा-निर्देशों को जारी कर सकता है. इस वक्त तमाम छात्रों और अभिभावकों की नजरें UGC की नई गाइडलाइंस पर टिकी हुई हैं. अब परीक्षाओं को रद्द किए जाने को लेकर कुछ नहीं कहा जा सकता है.
यूजीसी की गाइडलाइंस जारी होने के बाद ही स्थितियां पूरी तरह स्पष्ट होंगी. CBSE और ISCE बोर्ड की 10वीं, 12वीं की परीक्षाएं रद्द किए जाने के बाद कुछ ऐसे ही फैसले की उम्मीद UGC से छात्र और अभिभावक लगा रहे हैं.
देश में बढ़ते कोरोना संक्रमित मामलों को रोकने के लिए तमाम कदम उठाए जा रहे हैं. इसके बावजूद कोरोना पीड़ित मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है. इस बीच कई सीबीएसई और ISCE बोर्ड 10वीं, 12वीं की परीक्षाएं पहले ही रद्द कर चुका है. ऐसे में आज जारी होने वाली UGC की नई गाइडलाइन में भी कुछ ऐसा ही देखने को मिल सकता है. UGC की नई गाइडलाइन अब किसी भी वक्त जारी की जा सकती है. जिसका इंताजर अभिभावक और छात्र बड़ी बेसब्री से कर रहे हैं. UGC आज यूनिवर्सिटीज की परीक्षाओं को लेकर नए दिशा निर्देश जारी करेगा.

उत्तर प्रदेश के राज्य विश्वविद्यालयों और डिग्री कॉलेजों में ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन की वार्षिक परीक्षाओं को लेकर निर्णय 2 जुलाई को आएगा. UGC आज नई गाइडलाइंस जारी कर सकता है. अगर आज UGC की नई गाइडलाइंस आती हैं तो यूपी सरकार निर्णय लेने से पहले उस पर भी विचार कर सकती है. उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ने कहा है कि 1 जुलाई को जारी होने वाली HRD मिनिस्ट्री की गाइड लाइन देखने के बाद ही दो जुलाई को फैसला लिया जाएगा. हालांकि अभी तक UGC की नई गाइडलाइंस जारी नहीं हुई है.
UGC आज विभिन्न कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में परीक्षाओं को लेकर नए दिशा निर्देश जारी कर सकता है. कुछ दिनों पहले यूजीसी ने गाइडलाइंस जारी की थी. जिसमें केवल फाइनल ईयर की परीक्षाएं करवाने और बाकी ईयर के छात्रों को इंटर्नल ऐसेसमेंट के आधार पर प्रमोट करने की बात कही गयी थी. कोरोनावायरस के इस वक्त में स्टूडेंट्स और अभिभावकों के बीच फाइनल ईयर की परीक्षाओं को आयोजित कराने को लेकर नाराजगी देखी गई थी.


सीबीएसई और ISCE बोर्ड की 10वीं, 12वीं की परीक्षाएं रद्द किए जाने के बाद यूजीसी परीक्षाओं को लेकर कोई बड़ा फैसला सुना सकता है. हालांकि अभी तक इसे लेकर कोई ऑफिशियल जानकारी सामने नहीं आईं है कि परीक्षाएं रद्द होंगी या नहीं. जिस वजह से बैचलर और पोस्ट ग्रेजुएशन कर रहे छात्रों के बीच असमंजस की स्थिति बनी हुई है. UGC विश्वविद्यालय की परीक्षाओं को लेकर नए दिशा निर्देश कभी भी जारी कर सकता है.
यूजीसी ने इससे पहले मई में फाइनल परीक्षाओं के लिए नई गाइडलाइंस जारी की गई थी. जिसमें यूनिवर्सिटीज और कॉलेजों को निर्देश दिया गया था कि वे फाइनल ईयर सेमेस्टर के एग्जाम को आयोजित करवाएं. साथ ही कहा गया था कि अन्य छात्रों को पहले की परीक्षाओं के आधार पर अगली कक्षा में प्रमोट किया जाए.
पंजाब यूनिवर्सिटी ने फाइनल सेमेस्टर की परीक्षाओं को किया स्थगित

पंजाब यूनिवर्सिटी भी UG और PG की फाइनल ईयर की परीक्षाओं के बारे में कोई फैसला लेने से पहले यूजीसी की गाइडलाइन्स का इंतजार करेगी. गाइडलाइन्स जारी होने के बाद ही यह पता चल पायेगा कि विश्वविद्यालयों की परीक्षाएं रद्द होगी या नहीं. कुछ दिनों पहले HRD मंत्री ने यूजीसी से कहा था कि परीक्षा आयोजित करने और नया शैक्षणिक सत्र शुरू करने को लेकर उसने जो दिशा-निर्देश जारी किए हैं, उन पर वह फिर से विचार करे.
पंजाब ने राज्य विश्वविद्यालयों की फाइनल ईयर की परीक्षायें 15 जुलाई तक के लिए स्थगित कर दी है. राज्य सरकार की ओर से जारी बयान के मुताबिक, इस मामले पर अंतिम फैसला यूजीसी की ओर से जारी होने वाले नए गाइडलाइन्स पर निर्भर करेगा. दिल्ली विश्विविद्यालय के टीचर्स ने भी यूजीसी से विश्विद्यालय की परीक्षाएं रद्द करने की मांग की है. इसके पहले महाराष्ट्र, ओडिशा, मध्यप्रदेश और हरियाणा ने भी यूनिवर्सिटी की फाइनल ईयर की परीक्षायें स्थगित करने का फैसला ले लिया है.
पंजाब यूनिवर्सिटी ने फाइनल सेमेस्टर/ईयर की परीक्षाएं 15 जुलाई तक के लिए स्थगित कर दी हैं. यह फैसला पंजाब सरकार के उस फैसले के बाद आया जिसमें पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने राज्य के विश्वविद्यालयों के फाइनल ईयर की परीक्षाओं को 15 जुलाई तक के लिए स्थगित करने का निर्देश दिया है.
जब से सीबीएसई और आईसीएससीई बोर्ड की 10वीं, 12वीं की परीक्षाएं रद्द हुई हैं. तब से विश्वविद्यालयों और डिग्री कॉलेजों की परीक्षाएं भी रद्द होने के आसार बढ़ने लगे हैं. आज यूजीसी की नई गाइड लाइन जारी हो सकती है. इस गाइड लाइन में क्या होगा? परीक्षाएं रद्द होगी या फिर इसे तय समय पर आयोजित करवाई जाएगी. इसे लेकर विश्वविद्यालयों के UG व PG के स्टूडेंट्स के बीच असमंजस की स्थिति बनी हुई है.
कोरोना वायरस महामारी के चलते देश के अधिकांश बोर्ड्स और परीक्षा संस्थाओं ने अनेक परीक्षाओं को या तो रद्द कर दिया है या फिर स्थगित कर दिया है. ऐसे में विश्वविद्यालयों और डिग्री कॉलेजों के फाइनल ईयर के स्टूडेंट्स यूजीसी की गाइडलाइन्स जारी होने और गाइड लाइन में परीक्षाओं को रद्द करने के सापेक्ष निर्देशों की अपेक्षा मन में लिए इंतजार कर रहे हैं.
यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन (यूजीसी) यदि आज नई गाइडलाइंस जारी कर दिया तो इस गाइडलाइन्स के आधार पर इस एकेडमिक सेशन से लेकर पेंडिंग परीक्षाओं तक के बारे में फैसला लिया जा सकेगा.
डीयू शिक्षक संघ के अध्यक्ष ने लिखा लेटर परीक्षाएं रद्द करने की मांग

जहां एक ओर ऐसी संभावना पाई जा रही है कि यूजीसी आज 1 जुलाई 2020 को नई गाइडलाइन्स जारी करने वाला है. वहीं दूसरी ओर देश की राजधानी में स्थित दिल्ली विश्विविद्यालय के शिक्षकों ने भी यूजीसी से विश्विद्यालय की परीक्षाएं रद्द करने की मांग की. डीयू शिक्षक संघ के अध्यक्ष राजीव रे ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष प्रो.डीपी सिंह को एक पत्र भेजा है जिसमें उन्होंने विश्वविद्यालय की परीक्षाओं को रद्द करने की मांग की.
पंजाब में 15 जुलाई तक राज्य विश्वविद्यालयों की सभी परीक्षएं हुई स्थगित

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने 15 जुलाई तक के लिए राज्य विश्वविद्यालयों की सभी परीक्षाओं को स्थगित कर दिया है. इससे संबंधित आदेश भेज दिए गए है. उन्होंने कहा कि राज्य में कोरोना महामारी की स्थिति के आकलन के बाद ही कोई फैसला किया जाएगा.
HRD मिनिस्टर ने कहा था फाइनल ईयर स्टूडेंट्स को देनी होगी परीक्षायें

एक तरफ जहां फाइनल ईयर और सेमेस्टर एग्जाम यूजीसी गाइडलाइन्स 2020 के आज जारी होने का इंतजार किया जा रहा है, वहीं दूसरी तरफ HRD मिनिस्टर डॉ रमेश पोखरियाल निशंक ने सम्बन्धित मामलें पर 24 जून को कहा था कि अंतिम वर्ष या सेमेस्टर के छात्रों को परीक्षाएं देनी होंगी।
विश्वविद्यालयों और कॉलेजों की फाइनल ईयर की परीक्षाओं को लेकर यूजीसी आज नई गाइडलाइन्स जारी कर सकती है. हालाँकि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने इसकी आधिकारिक सूचना नहीं दी है.
यूजीसी ने इससे पहले मई में दिये थे दिशा निर्देश
University Grants Commission (यूजीसी) ने इससे पहले मई में परीक्षा को लेकर में दिशा-निर्देश संशोधित किए थे। तब सभी यूनिवर्सिटी की फाइनल परीक्षाओं को लेकर गाइडलाइंस जारी की गई थी जिसमें कॉलेजों ओर यूनिवर्सिटीज को निर्देश दिया गया था कि वे फाइनल ईयर/ सेमेस्टर की परीक्षाओं को आयोजित करवाएं इसके अलावा अन्य स्टूडेंट्स को पहले की परीक्षाओं के आधार पर अगली कक्षा में प्रमोट किया जाए.
यूजीसी ने इससे पहले मई में दिये थे दिशा निर्देश

University Grants Commission (यूजीसी) ने इससे पहले मई में परीक्षा को लेकर में दिशा-निर्देश संशोधित किए थे। तब सभी यूनिवर्सिटी की फाइनल परीक्षाओं को लेकर गाइडलाइंस जारी की गई थी जिसमें कॉलेजों ओर यूनिवर्सिटीज को निर्देश दिया गया था कि वे फाइनल ईयर/ सेमेस्टर की परीक्षाओं को आयोजित करवाएं इसके अलावा अन्य स्टूडेंट्स को पहले की परीक्षाओं के आधार पर अगली कक्षा में प्रमोट किया जाए
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में एक बैठक की गई. इस बैठक में राज्य विश्वविद्यालयों की परीक्षाओं के संबंध में गठित कमेटी की रिपोर्ट पर विचार किया गया. इस कमेटी ने विश्वविद्यालयों की परीक्षाओं को रद्द कर स्टूडेंट्स को अगली कक्षा में प्रमोट करने की सिफारिश की है.
यूजीसी की गाइडलाइन्स में क्या फैसला आएगा? इसके बारे में अभी कुछ नहीं कहा जा सकता है लेकिन गुजरात टेक्निकल यूनिवर्सिटी (GUT), दिल्ली विश्विविद्यालय के शिक्षकों ने भी यूजीसी से विश्विद्यालयीय परीक्षाएं रद्द करने की मांग की है. इसके अलावा कुछ राज्यों ने अपने यहां विश्वविद्यालय की परीक्षाओं को कोरोना वायरस के चलते रद्द कर दिया है.
यूजीसी आज 1 जुलाई 2020 को किसी भी समय विश्वविद्यालयों और कॉलेज की फाइनल ईयर/ सेमेस्टर परीक्षाओं को लेकर नई गाइडलाइन्स जारी कर सकती है. उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा कि परीक्षाओं को लेकर जो समिति बनी है उस पर फैसला यूजीसी की गाइडलाइन्स आने के बाद 02 जुलाई को लिया जायेगा.
उत्तर प्रदेश की 18 यूनिवर्सिटी और कॉलेजेस के 48 लाख से अधिक विद्यार्थियों पर होगा इसका असर होगा

उत्तर प्रदेश के यूनिवर्सिटी और डिग्री कॉलेजों की अंडर ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट की परीक्षाएं होंगी या नहीं इसका फैसला कल यानी 2 जुलाई को होना है। उत्तर प्रदेश की 18 यूनिवर्सिटी और कॉलेजेस के 48 लाख से अधिक विद्यार्थियों पर होगा इसका असर होगा। उच्च शिक्षा विभाग ने कोरोना संकट के दौरान यूनिवर्सिटी की परीक्षाओं के आयोजन के लिए चार सदस्यीय समित गठित की थी। समिति ने अपनी रिपोर्ट उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा को सौंपते हुए दूसरे प्रदेशों की तर्ज पर यूपी में भी परीक्षायें नहीं कराने और विद्यार्थियों को बिना परीक्षा के प्रोन्नत करने का सुझाव दिया था। अगर आज यूजीसी की गाइडलाइंस आज आ जाती है तो योगी सरकार कल 2 जुलाई को अंतिम फैसला लेते समय इन गाइडलाइंस पर भी विचार करेगी.
GTU के छात्रों ने भी की है परीक्षाएं रद्द करने की मांग

वहीं, Gujarat Technical University (GTU) के फाइनल ईयर के छात्रों ने यूजीसी (University Grants Commission) को पत्र लिखकर परीक्षाएं रद्द कर पिछले सेमेस्टर की परीक्षा या मेरिट के आधार पर रिजल्ट जारी करनवाने की मांग की है.
योगी सरकार फाइनल ईयर/ सेमेस्टर परीक्षाओं पर फैसला UGC की गाइडलाइन आने के बाद ही लेगी

University Grants Commission (UGC), यूनिवर्सिटी और कॉलेज की फाइनल ईयर/ सेमेस्टर परीक्षाओं को लेकर नई गाइडलाइन्स आज 1 जुलाई 2020 को जारी कर सकता है. ऐसा इसलिए माना जा रहा है क्योंकि उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा था कि परीक्षाओं को लेकर जो समिति बनी है उस पर फैसला यूजीसी की गाइडलाइन्स आने के बाद 02 जुलाई को लिया जायेगा.
CTET, ICSE और CBSE की परीक्षायें पहले ही हो चुकी हैं स्थगित

आपको बतादें कि पिछले सप्ताह CBSE बोर्ड ने कक्षा 10वीं और 12वीं बोर्ड की पेंडिंग परीक्षाएं रद्द का थीं उसके बाद CISCE बोर्ड ने भी ICSE और ISC की परीक्षायें रद्द कर दी थीं. उसके अगले ही दिन CTET की परीक्षा जो 5 जुलाई को होनी थी उसे कोरोना के चलते स्थगित कर दिया गया था
महाराष्ट्र, ओडिशा, मध्यप्रदेश और हरियाणा में यूनिवर्सिटी की फाइनल ईयर की परीक्षायें पहले ही हो चुकीं है स्थगित

महाराष्ट्र, ओडिशा, मध्यप्रदेश और हरियाणा द्वारा यूनिवर्सिटी की फाइनल ईयर की परीक्षायें स्थगित करने का फैसला लिया जा चुका है. वहीं पंजाब ने भी सभी विश्वविद्यालय की परीक्षाएं 15 जुलाई तक स्‍थगित करने का ऐलान किया है. बाकी राज्यों में होने वाली परीक्षायें आज के यूजीसी (University Grants Commission) फैसले पर निर्धारित है.
दिल्ली यूनिवर्सिटी में भी परीक्षायें रद्द करने की मांग बड़ी है

दिल्ली यूनिवर्सिटी के टीचर्स ने भी यूजीसी (University Grants Commission) से यूनिवर्सिटी की परीक्षाएं रद्द करने की मांग की। डीयू शिक्षक संघ के अध्यक्ष राजीब रे ने एक बार फिर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष प्रो.डीपी सिंह को पत्र लिखकर यह परीक्षा रद्द करने की मांग की.

बैकग्राउंड

UGC Guidelines Live Updates 2020: विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC), विश्वविद्यालयों और कॉलेज की फाइनल ईयर/ सेमेस्टर परीक्षाओं को लेकर नई गाइडलाइन्स आज किसी भी वक्त जारी कर सकता है. ऐसा इसलिए माना जा रहा है क्योंकि उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा था कि परीक्षाओं को लेकर जो समिति बनी है उस पर फैसला यूजीसी की गाइडलाइन्स आने के बाद 02 जुलाई को लिया जायेगा. हालांकि अभी तक यूजीसी ने नई गाइडलाइन्स जारी नहीं की है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार कुहाड समिति के सुझाव के बाद यूजीसी विश्वविद्यालयों के लिए नई गाइडलाइन जारी कर सकती है. यूजीसी की गाइडलाइंस कुहाड समिति की रिपोर्ट के बाद आ सकती है. 

आपको बतादें कि यूजीसी ने मई 2020 में यूनिवर्सिटी की फाइनल परीक्षाओं के लिए नई गाइड लाइन्स जारी की थी. जिसमें कॉलेजों ओर विश्वविद्यालयों को निर्देश दिया गया था कि वे फाइनल ईयर/ सेमेस्टर की परीक्षाओं को आयोजित करवाएं. इसके अलावा अन्य स्टूडेंट्स को पहले की परीक्षा के आधार पर अगली कक्षा में प्रमोट किया जाए.




बाद में केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने कोविड -19 की मौजूदा हालात को देखते हुए एक समिति बनाई थी जिसे संशोधित गाइडलाइन्स जारी करने के लिए कहा गया था. इसके अलावा पिछले सप्ताह एआईसीटीई के चेयरमैन ने कोरोना वायरस कोविड-19 को देखते हुए नई गाइडलान्स जारी करने की बात कही थी. इसके साथ ही यह भी कहा था कि यह गाइड लाइन्स एआईसीटीई, बार काउंसिल ऑफ इंडिया, आर्किटेक्ट काउंसिल, फार्मेसी काउंसिल की सलाह से बनाई जायेगी.

आपको बतादें कि पिछले सप्ताह सीबीएसई ने कक्षा 10वीं और 12वीं बोर्ड की पेंडिंग परीक्षाएं रद्दकर दी गई. उसके अगले ही दिन CTET की परीक्षा जो 5 जुलाई को होनी थी उसे कोरोना के चलते स्थगित कर दिया गया था. इसके अलावा देश के कई बोर्डों ने भी कक्षा 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं को रद्द कर दिया गया है. इसके अलावा सीबीएसई ने स्कूलों को आदेश जारी कर कहा कि वे कक्षा 9वीं और कक्षा 11वीं के फेल स्टूडेंट्स को अगली कक्षाओं में प्रमोट करें.


- - - - - - - - - Advertisement - - - - - - - - -

TRENDING NOW

© Copyright@2024.ABP Network Private Limited. All rights reserved.