हम सब के जीवन में पहले मार्गदर्शक होते है हमारे माता पिता और अक्सर उनकी ही बातें हमारे सफल जीवन का राज बन जाती है. ऐसी ही एक बेटी की आज हम बात करने वाले है जिसकी पिता की एक बात से जिंदगी बदल गई. यूपीएससी की तैयारी करने वाले छात्रों को पहले से जानकारी दे दी जाती है कि ये परीक्षा कितनी कठिन है और सलाह यह भी दी जाती है की कोई दूसरा ऑप्शन अपने हाथ में अवश्य रखे .

 

ऐसी ही छात्रा की बात हम आज करने वाले है जिसने यूपीएससी की तैयारी करने के साथ साथ दूसरा ऑप्शन भी तैयार रखा था, लेकिन किस्मत को उनका 13वी रैंक हासिल कर आईएएस बनना मंजूर था. हरियाणा के पानीपत में जन्मी सोनल गोयल की स्कूली शिक्षा दिल्ली में हुई फिर उनकी ग्रेजुएशन दिल्ली यूनिवर्सिटी के श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स से कंप्लीट हुई और उन्होंने दिल्ली के कंपनी सचिव की डिग्री हासिल की.

 

सोनल गोयल को सिविल सर्विसेज की परीक्षा के बारे में कोई भी जानकारी नहीं थी. फिर एक मैगजीन में सिविल सर्वेंट के आर्टिकल से उनको प्रेरणा मिली और उन्होंने आईएएस बनने का फैसला किया. सोनल गोयल बताती है कि सीएस की तैयारी करते हुए उन्होंने अपने माता पिता को बताया कि वह सिविल सर्वेंट बनना चाहती है. हालांकि उनके पिता नहीं चाहते थे की वे यूपीएससी की तैयारी करें क्योंकि वे जानते थे की यूपीएससी की परीक्षा काफी कठिन होती है. उनके पिता ने फिर एक बात बोली की तुम यूपीएससी की परीक्षा देना चाहती तो दे दो क्योंकि वह जानते थे की सोनल पढ़ाई में अच्छी है पर साथ ही उनके पिता ने यह भी कहा की कोई दूसरा ऑप्शन भी तैयार रखना. सोनल के पिता की इस लाइन ने उनकी जिंदगी बदल दी.

 

मिली सफलता
अपने पिता की बात पर ध्यान देते हुए सोनल ने यूपीएससी की तैयारी करने का फैसला किया साथ ही में उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से एलएलबी में एडमिशन ले लिया और एक फर्म में कंपनी सचिव के रूप में नौकरी भी शुरू कर दी. यूपीएससी की तैयारी करने के बाद वर्ष 2006 में सोनल ने पहली बार परीक्षा दी हालांकि वे उसमें सफल नहीं हो पाई फिर उन्होंने 2007 में फिर से परीक्षा दी और ऑल इंडिया में 13वी रैंक हासिल कर आईएएस बनी.

 


 


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