Success Story Of IAS Topper Shweta Chauhan: श्वेता चौहान की यूपीएससी जर्नी बहुत ही खास रही. उन्होंने देश की इस सबसे कठिन माने जाने वाली परीक्षा में एक नहीं तीन-तीन बार सफलता हासिल की. श्वेता ने तीन अटेम्प्ट्स इसलिए दिए क्योंकि उन्हें मन-माफिक रैंक हासिल नहीं हो रही थी. अंततः जब तीसरे प्रयास में श्वेता ने ऑल इंडिया रैंक 08 हासिल की तब जाकर उनके सफर को मंजिल मिली. इसके पहले भी उन्होंने दो बार कोशिश की और दोनों ही बार उनका सेलेक्शन हुआ. दिल्ली नॉलेज ट्रैक को दिए इंटरव्यू में श्वेता ने अपने यूपीएससी सफर की खास बातें तो शेयर की ही साथ ही यह भी बताया कि एक एवरेज स्टूडेंट भी इस परीक्षा में सफलता हासिल कर सकता है.


फिजिक्स ऑनर्स से ग्रेजुएट हैं श्वेता 


यूपीएससी के क्षेत्र में आने के पहले श्वेता ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के हिंदू कॉलेज से फिजिक्स ऑनर्स की डिग्री ली है. इसी दौरान उन्होंने यूपीएससी सीएसई परीक्षा देने का मन बनाया और तैयारी शुरू कर दी. श्वेता की तैयारियां इतनी बैलेंस्ड थी कि साल 2013 में पहले ही अटेम्प्ट में उनका सेलेक्शन हो गया और रैंक मिली 573. इसके बाद साल 2014 में वे परीक्षा में नहीं बैठी और 2015 में 474 रैंक के साथ फिर सफल हुईं. श्वेता को इससे भी तसल्ली नहीं हुई और उन्होंने पुरानी कमियों पर काम करते हुए फिर से एग्जाम दिया और इस बार सारे रिकॉर्ड तोड़कर सीधे टॉपर बन गईं. श्वेता मानती हैं कि अगर कोई स्टूडेंट पढ़ाई में एवरेज है तो भी यह एग्जाम क्लियर कर सकता है.


प्री और मेन्स को इंटीग्रेटेड मानकर करें तैयारी 


श्वेता पहली सलाह यही देती हैं कि इस परीक्षा की तैयारी के समय प्री और मेन्स को अलग-अलग परीक्षा मानकर तैयारी करने के बजाय साथ में ही दोनों के लिए प्रिपेयर करें. बस इस बात का ध्यान रखें कि जब प्री परीक्षा में केवल एक महीना रह जाए तो सिर्फ इसी पर फोकस करने लगें.


यूपीएससी सीएसई की तैयारी के लिए वे सिलेबस को बहुत अच्छे से पढ़ने की सलाह देती हैं. वे कहती हैं कि एवरिथिंग अंडर द सन जैसी कोई चीज यूपीएससी सिलेबस में नहीं होती बल्कि वह बढ़िया तरीके से डिफाइन होता है. अगर आप सिलेबस को ठीक से समझकर तैयारी करेंगे तो सफल जरूर होंगे. इससे आपको पता होगा कि किस विषय से क्या पढ़ना है.


आप श्वेता चौहान का दिल्ली नॉलेज ट्रैक को दिया इंटरव्यू यहां देख सकते हैं...



सीमित सोर्स रखें और एनसीईआरटी जरूर पढ़ें 


श्वेता आगे कहती हैं कि इस परीक्षा में सफल होने का मूलमंत्र है अपने सोर्स सीमित रखना. वे कहती हैं कि अगर आपने बहुत सारी किताबें इकट्ठी कर ली तो न तो कभी कोर्स खत्म होगा और न ही आप समय के अंदर उन्हें रिवाइज कर पाएंगे. इसलिए बाजार में उपलब्ध स्टैंडर्ड बुक्स का ही इस्तेमाल करें और कहीं कुछ न मिले तो इंटरनेट की सहायता लें.


इसके बाद श्वेता आती हैं एनसीईआरटी की किताबों पर. वे कहती हैं कि ये किताबें बहुत से विषयों की प्रारंभिक तैयारी करने में काफी मददगार साबित होती हैं. इनकी मदद लें और संभव हो तो क्लास 6 से 12 की किताबें पढ़ें और समय कम हो तो क्लास 9 से 12 की एनसीईआरटी तो जरूर देखें.


क्या कहता है श्वेता का अनुभव –


श्वेता कहती हैं कि जब आप परीक्षा की तैयारी करने का फैसला लेंगे तो न जाने कितने लोग आपके पास आकर आपको तरह-तरह की निगेटिव बातों से डिमोटिव करने की कोशिश करेंगे. जैसे यह फील्ड केवल टॉपर्स के लिए है, इसमें एवरेज स्टूडेंट्स के लिए कोई जगह नहीं या पहले कोई और कैरियर सेट कर लें फिर यह एग्जाम दें वगैरह-वगैरह. श्वेता कहती हैं कि अगर आपको खुद पर यकीन है और आपको लगता है कि आप यह परीक्षा पास कर लेंगे तो किसी की न सुनें. कोई कुछ भी कहे पर आप अपनी निगाह केवल लक्ष्य पर रखें. यह भी ध्यान रहे कि आप चाहे किसी भी बैकग्राउंड के हों, हिंदी या इंग्लिश या आप पहले पढ़ाई में कैसे भी रहे हों, इन बातों से कोई फर्क नहीं पड़ता. अगर आपने ठान लिया तो फिर सफलता हासिल करने से कोई आपको रोक नहीं सकता.


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