Success Story Of IAS Topper Ashish Kumar: दार्जलिंग के आशीष ने साल 2019 में अपने दूसरे प्रयास में यूपीएससी सीएसई परीक्षा पास की थी. इसके पहले के अटेम्प्ट में आशीष पहली स्टेज यानी प्री में ही फेल हो गए थे. हालांकि अपनी असफलता से निराश होने के बजाय आशीष ने उससे शिक्षा ली और सारी कमियों को दूर करते हुए अगले ही अटेम्प्ट में न केवल सेलेक्ट हुए बल्कि 53वीं रैंक के साथ टॉपर भी बने.


रैंक के अनुसार आशीष को उनका मन-मुताबिक आईएएस पद मिला. आशीष ने साक्षात्कार में परीक्षा के विषय में विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करने के साथ ही अपनी गलतियों के बारे में भी बात की ताकि दूसरे कैंडिडेट्स उनकी गलतियों से सीख लें और उन्हें न दोहराएं. दिल्ली नॉलेज ट्रैक को दिए इंटरव्यू में आशीष ने साझा किए अपने अनुभव.


इन तीन गलतियों से रुका था चयन –


आशीष कहते हैं कि उनके पिछले अटेम्प्ट की तीन गलतियां थी जिनकी वजह से वे फेल हो गए थे. ये थी, बहुत सोर्स रखने के कारण ठीक से रिवीजन न कर पाना, दूसरा पिछले साल के यूपीएससी के पेपर न देखना और तीसरा सही स्ट्रेटजी का न होना. अगर इन तीनों को अलग-अलग एक्सप्लेन करना हो तो कह सकते हैं कि किताबें बहुत अधिक रख लेने से आशीष ने उनसे तैयारी तो कर ली लेकिन जितनी अच्छी तरह उन्हें रिवाइज करना चाहिए था, वह नहीं कर पाए. इससे परीक्षा वाले दिन वे काफी परेशान हुए.


दूसरी समस्या के लिए आशीष कहते हैं कि चाहे आप कितने भी मॉक टेस्ट दे लो लेकिन ये मॉक कभी मुख्य परीक्षा की जगह नहीं ले सकते. अगर यूपीएससी का सही परीक्षा पैटर्न जानना है तो सीएसई के पिछले साल के पेपर देखें. इनसे ही आपको परीक्षा के मूल नेचर का अंदाजा होगा.


अब आते हैं अंतिम लेकिन सबसे जरूरी बात पर और वह है सही स्ट्रेटजी. आशीष कहते हैं तैयारी की शुरुआत से लेकर अंत तक अपने लिए शेड्यूल बनाएं और न केवल शेड्यूल बनाएं उसे फॉलो भी करें. सफलता के लिए यह बहुत जरूरी है.


यहां देखें आशीष कुमार द्वारा दिल्ली नॉलेज ट्रैक को दिया गया इंटरव्यू - 




आशीष का अनुभव –


आशीष बात को आगे बढ़ाते हुए कहते हैं कि सबसे पहले तो अपने लिए योजना अपनी जरूरतों के मुताबिक बनाएं, किसी की कॉपी करके नहीं. आपको दिन के कितने घंटे पढ़ना है, कैसे पढ़ना है, कोचिंग लेनी है या नहीं, ये और ऐसे बहुत से निर्णय आपकी जरूरत पर आधारित होने चाहिए. न कोचिंग लेना बुरा है न इंटरनेट से मदद लेना पर आपको अपने लिए क्या तरीका चुनना है यह आपके ऊपर है.


पढ़ाई के घंटों की जहां तक बात है तो जितने समय में आपका शेड्यूल पूरा हो जाए उतनी देर पढ़िए. यह कैसे करना है यह आपके ऊपर है. अंत में आशीष यही सलाह देते हैं कि पढ़ाई के समय पढ़ाई करें और बहुत अच्छे से करें लेकिन इसके अलावा भी अपने लिए समय निकालें. अपनी हॉबीज को टाइम दें क्योंकि कई बार यह सफर बहुत लंबा हो जाता है. दिमाग फ्रेश नहीं रखेंगे तो मंजिल तक पहुंचना और कठिन हो जाएगा. इन कुछ छोटी लेकिन जरूरी बातों का ध्यान रखेंगे तो सफल जरूर होंगे.


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