Success Story Of IAS Topper Akash Bansal: यूपीएससी एक ऐसी परीक्षा है जिसमें एक बार पास होना नाकों चने चबाने के बराबर होता है. लेकिन कुछ कैंडिडेट्स ऐसे भी होते हैं जो एक नहीं दो नहीं बल्कि तीन-तीन बार इस परीक्षा में सेलेक्ट होते हैं, वह भी अच्छी रैंक से. हम बात कर रहे हैं आकाश बंसल की. आकाश ने पहली बार यूपीएससी परीक्षा साल 2016 में दी थी और पहली ही बार में उनका सेलेक्शन भी हो गया था. आकाश को साल 2016 के पहले प्रयास में मिली रैंक 165 और इसके अंतर्गत उन्हें आईआरएस सेवा एलॉट हुई. आकाश ने यहां ज्वॉइन तो कर लिया लेकिन उनका मन अभी भी आईएएस पद पर ही रखा था. नतीजतन उन्होंने दोबारा परीक्षा दी और साल 2017 में फिर सेलेक्ट हुए. इस बार उनकी रैंक पहले से और सुधरी और 130वीं आयी. अच्छी बात यह थी कि सेलेक्शन हो गया था रैंक भी बेहतर थी पर बुरी बात यह थी कि अभी भी आईएएस पद नहीं मिला. इस साल आकाश को एलॉट हुई इंडियन फॉरेन सर्विस पर उन्होंने काफी कंफ्यूजन के बाद इसे ज्वॉइन नहीं किया और आईआरएस सेवा में ही लगे रहे. शायद ऐसा इसलिए क्योंकि वे अभी भी मन में आईएएस का सपना पाले थे और उन्हें कहीं न कहीं यकीन था कि एक न एक दिन उनका यह सपना जरूर पूरा होगा.


तीसरी बार में मिली मन-माफिक रैंक –


आखिरकार सालों की मेहनत के बाद साल 2018 में आकाश को यूपीएससी सीएसई परीक्षा में 76वीं रैंक मिली और उनका आईएएस पद पाने का सपना साकार हुआ. आकाश को यहां तक पहुंचने में बहुत समय लग गया पर उन्होंने कभी हिम्मत नहीं हारी. वरना हमनें ऐसे बहुत से कैंडिडेट्स देखें हैं जो एक साल तो साक्षात्कार राउंड तक पहुंच जाते हैं पर अगले साल प्री के लिए भी सेलेक्ट नहीं होते. देखा जाए तो आकाश ने जमकर रिस्क लिया लेकिन कैलकुलेटेड. उन्होंने पहले प्रयास में मिली आईआरएस सेवा ज्वॉइन करने के बाद ही बाकी अटेम्प्ट्स दिए. काम के साथ पढ़ाई मुश्किल थी पर वे लगे रहे. दिल्ली नॉलेज ट्रैक को दिए इंटरव्यू में आकाश कहते हैं कि इन सालों में वे जान गए थे कि परीक्षा पास करने के लिए कड़ी मेहनत, सही स्ट्रेटजी और गाइडेंस के साथ ही आंसर राइटिंग स्किल्स की बहुत इंपॉर्टेंस है.


 यहां देखें आकाश बंसल द्वारा दिल्ली नॉलेज ट्रैक को दिया गया इंटरव्यू



लिखना है सबसे जरूरी –


साक्षात्कार में बात करते हुए आकाश आगे कहते हैं कि आपकी सफलता 60 प्रतिशत आंसर राइटिंग पर निर्भर करती है. पढ़ तो कोई भी लेता है पर उस पढ़े हुए को प्रभावशाली ढ़ंग से लिख पाना हर किसी के बस की बात नहीं होती. इसके उलट वे यह भी मानते हैं कि आंसर सही तरीके से लिखना इतना भी कठिन नहीं है क्योंकि इसे अभ्यास से पाया जा सकता है. पढ़ाई पूरी करने के बाद जितना हो सके आंसर राइटिंग प्रैक्टिस करें. यह ही आपको सफलता दिला सकता है. वे प्री और मेन्स दोनों परीक्षाओं के लिए टेस्ट पेपर सॉल्व करने पर जोर देते हैं. इससे कैंडिडेट समय के अंदर पेपर हल करना सीख जाता है जो बहुत ही अहम है. वरना अक्सर कैंडिडेट शिकायत करते हैं कि उनका पेपर पूरा नहीं हुआ.


ऐसे लिखें उत्तर –


आकाश कहते हैं कि पिछले साल के पेपर्स देखने के साथ ही टॉपर्स की कॉपी देखें. यह पता करें कि वे कैसे आंसर लिखते हैं जिनसे उन्हें अच्छे अंक मिलते हैं. इसी क्रम में आकाश ने पाया कि प्वॉइंट में आंसर लिखना कई लिहाज से अच्छा होता है. इससे एक तो समय बचता है, दूसरा बात क्रिस्प तरीके से कही जा सकती है, तीसरा पेपर छूटने का डर नहीं रहता. पैराग्राफ में लेंदी आंसर्स लिखने से कई बार प्रश्न छूट जाते हैं. साथ ही सारे अहम बिंदु भी कवर नहीं हो पाते. इसलिए जहां तक संभव हो आंसर्स प्वॉइंट में लिखें और इधर-उधर की बात न करके सीधे मुद्दे की बात पर चर्चा करें. इसलिए खूब पेपर दें, प्रैक्टिस करें. अपने आंसर्स को प्रभावशाली बनाने के लिए उनमें डायग्राम्स, फ्लोचार्ट्स, टेबल्स, फैक्ट्स, डेटा, एग्जाम्पल्स आदि डालें और समय के अंदर पेपर खत्म करें. यह अभ्यास से ही आएगा. ऐसा करने पर आप भी यूपीएससी सीएसई परीक्षा में सफल हो सकते हैं.


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