संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सर्विस एग्जाम को देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक माना जाता है और हर साल लाखों अभ्यर्थी इस परीक्षा में भाग लेते है. लेकिन कुछ को ही सफलता प्राप्त हो पाती है. इनमें से कुछ छात्र ऐसे भी होते हैं, जो यूपीएससी की परीक्षा को पास करने के लिए कई सालों तक लगातार मेहनत करते हैं और लगातार असफलताओं का सामना करने के बाद भी हार नहीं मानते हैं.


ऐसी ही कुछ कहानी है सुमित कुमार राय की. सुमित झारखंड के धनबाद के रहने वाले हैं. उन्होंने लगातार चार बार असफलताओं का सामना करने के बाद भी हार नहीं मानी और पांचवे प्रयास में सफल होकर वे आईएएस अफसर बने. यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी के करने के दौरान सुमित कुमार राय फुल टाइम जॉब करते थे, जिसे वे छोड़ भी नहीं सकते थे. नौकरी के साथ परीक्षा की तैयारी के लिए वो सुबह 4 बजे उठ जाते थे और ऑफिस जाने से पहले 2-3 तीन घंटे लगातार पढ़ाई करते थे.


इतने ही घंटे की पढ़ाई वह ऑफिस से आने के बाद भी पढ़ा करते थे. सुमित के ऑफिस की टाइमिंग सुबह 8.30 से शाम 6 बजे तक होती थी. ऑफिस के स्ट्रेस के कारण वे कई बार घर आकर पढ़ भी नहीं पाते थे और कई बार इतना थक जाते थे कि कभी तो उनका पढ़ने का मन नहीं होता था. सुमित बताते हैं कि वर्किंग डे में तो पढ़ाई के लिए रोजाना सिर्फ 4-5 घंटे ही समय मिल पाता था, लेकिन वीकेंड में उन्हें काफी ज्यादा समय मिल जाया करता था, जिसका वे भरपूर लाभ उठाते थे.


पूरा हुआ सपना
छुट्टी के दिन सुमित अपने टारगेट को पूरा करने में लगते थे क्योंकि इस दिन अपने टारगेट के हिसाब से पढ़ाई करने के लिए पूरा समय मिलता था. उनके लिए आईएएस बनने का सफर बिल्कुल भी आसान नहीं था. क्योंकि यूपीएससी की परीक्षा में वे लगातार चार बार फेल हुए थे फिर भी उन्होंने हार नहीं मानी और 2018 में सुमित ने यूपीएससी की परीक्षा पास की. ऑल इंडिया में 54वीं रैंक प्राप्त की और अपना आईएएस बनने का सपना सच किया.


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