Success Story of Pradeep: आईएएस बनने का सपना देश के हर दूसरे छात्र का होता है, लेकिन बेहद कम अभ्यर्थी इस सपने को पूरा कर पाते हैं. आज हम बात कर रहे हैं, ऐसे अभ्यर्थी की जिन्होंने अपने सपने के लिए दो बार यूपीएससी परीक्षा क्रेक की.  बिहार के रहने वाले प्रदीप सिंह का परिवार इंदौर में रहता है. बचपन से ही प्रदीप पढ़ाई में काफी तेज थे और उन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ाई इंदौर से की. आपको बता दें कि प्रदीप सिंह के परिवार की आर्थिक स्थिति ज्यादा अच्छी नहीं थी और 12वीं के बाद उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी करने के लिए दिल्ली जाने का फैसला किया.


प्रदीप के परिवार की बात करें तो उनके पिता पेट्रोल पंप पर काम किया करते है और उनके पास बेटे को दिल्ली भेजने के लिए इतने पैसे नहीं थे और बेटे की पढ़ाई के लिए उन्होंने अपना घर तक बेच दिया था. 12वीं कक्षा के बाद प्रदीप ने दिल्ली में रहकर यूपीएससी परीक्षा की तैयारी करने लगे. पिता द्वारा घर बेचकर पढ़ाने की वजह से प्रदीप काफी दबाव में थे और उन्होंने फैसला किया कि वे जल्द ही यूपीएससी की परीक्षा को पास करके आईएएस अफसर बनने का सपना पूरा करेंगे.


प्रदीप सिंह ने साल 2018 में पहली बार यूपीएससी की परीक्षा दी और ऑल इंडिया में 93वीं रैंक प्राप्त की, लेकिन उनका चयन आईएएस के लिए नहीं हुआ. परीक्षा में सफल होने के बाद प्रदीप का आईआरएस यानी अपॉइंटमेंट इंडियन रेवेन्यू सर्विस के लिए हुआ था. प्रदीप बताते हैं कि 2018 में उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा को पास किया लेकिन आईएएस से सिर्फ एक रैंक पीछे रह गए. इसके बाद उनके पास आईपीएस बनने का भी विकल्प था, लेकिन उन्होंने फॉरेन सर्विस ज्वाइन की.


ज्वाइन करने के बाद प्रदीप ने कुछ दिन की छुट्टी ली और फिर तैयारी में जुट गए. एक रैंक से आईएएस बनने से चूकने के बाद प्रदीप काफी तनाव में थे, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और एक साल की तैयारी के बाद फिर से परीक्षा दी और ऑल इंडिया में 26वीं रैंक हासिल की. इसी के साथ उनका चयन आईएएस के लिए हुआ और उन्होंने अपने सपने को पूरा किया.


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