पंजाब में हुए ग्रामीण निकाय चुनावों के नतीजे आम आदमी पार्टी के लिए बड़ी राहत और खुशी की खबर लेकर आए हैं. जिला परिषद और पंचायत समिति चुनावों में आम आदमी पार्टी ने शानदार प्रदर्शन करते हुए यह साफ कर दिया है कि मुख्यमंत्री भगवंत मान और पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल का प्रभाव अब भी जनता के बीच मजबूत बना हुआ है. इन नतीजों ने पंजाब की राजनीति में आम आदमी पार्टी की पकड़ को और मजबूत किया है. इन चुनावी नतीजों के बाद आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं और नेताओं में उत्साह का माहौल देखा जा रहा है. पार्टी इसे अपनी नीतियों, पारदर्शी शासन और जनकल्याणकारी योजनाओं का परिणाम बता रही है. वहीं विपक्षी दलों के लिए ये नतीजे आत्ममंथन का संकेत माने जा रहे हैं. राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि ग्रामीण निकायों में मिली यह सफलता आने वाले विधानसभा और लोकसभा चुनावों में भी पार्टी के लिए मजबूत आधार तैयार कर सकती है. खासकर युवाओं, किसानों और ग्रामीण मतदाताओं के बीच पार्टी की स्वीकार्यता बढ़ना पंजाब की राजनीति में बड़े बदलाव की ओर इशारा करता है. राज्य चुनाव आयोग, पंजाब ने जिला परिषद और पंचायत समिति के आम चुनावों के नतीजे घोषित किए. इन चुनावों के तहत राज्य की 22 जिला परिषदों के 346 जोनों और 153 पंचायत समितियों के 2834 जोनों में सदस्यों का चुनाव हुआ था. जिला परिषद चुनावों में ‘आप’ की बढ़त जिला परिषद चुनावों के नतीजों की बात करें तो आम आदमी पार्टी ने कुल 346 जोनों में से 218 जोनों पर जीत हासिल की है. यह आंकड़ा पार्टी की मजबूत स्थिति को साफ तौर पर दिखाता है. कांग्रेस इस चुनाव में काफी पीछे नजर आई और उसे केवल 62 जोनों पर संतोष करना पड़ा. पंचायत समिति चुनावों में भी दिखा दबदबा पंचायत समिति चुनावों में भी आम आदमी पार्टी का प्रदर्शन बेहद शानदार रहा. कुल 2834 जोनों में से पार्टी ने 1529 जोनों में जीत दर्ज की. कांग्रेस को यहां 611 जोन, शिरोमणि अकाली दल को 449 जोन और बीजेपी को 73 जोन मिले. बीएसपी ने 28 जोन जीते, जबकि 144 जोनों पर निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीत हासिल की. ग्रामीण स्तर पर पंचायत समितियों में मिली यह जीत आम आदमी पार्टी के लिए बेहद अहम मानी जा रही है, क्योंकि इससे साफ होता है कि गांवों में भी सरकार की नीतियों को लोगों का समर्थन मिल रहा है. जिला परिषद सदस्यों को मिलने वाले भत्तेजिला परिषद चुनावों के बाद चुने गए प्रतिनिधियों की जिम्मेदारी अब और बढ़ गई है. पंजाब में जिला परिषद के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष को सरकार की ओर से तय भत्ता दिया जाता है. नियमों के अनुसार, जिला परिषद के अध्यक्ष को हर महीने 15 हजार रुपये का भत्ता मिलता है, जबकि उपाध्यक्ष को 10 हजार रुपये प्रति माह दिए जाते हैं. इसके अलावा जिला परिषद के सदस्यों को बैठकों में शामिल होने के लिए प्रति बैठक 1,000 रुपये की सिटिंग फीस दी जाती है. यह राशि उन्हें जिला परिषद की बैठक में भाग लेने पर मिलती है. यह भी पढ़ें - सेना के साथ इंटर्नशिप का मौका, जानें क्या है आर्मी इंटर्नशिप प्रोग्राम; कौन कर सकता है आवेदन
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