AICTE Planning To Remove Cap On Engineering Seats: एआईसीटीई, इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्रवेश को लेकर कुछ बड़े बदलाव करने की योजना बना रहा है. इसके तहत कॉलेजों में एक सीमित संख्या में इंजीनियरिंग सीटों पर प्रवेश लेने के नियम को वापस लिया जा सकता है. दरअसल अभी नियम है कि कॉलेज अधिकतम कितनी सीटों पर कैंडिडेट्स को प्रवेश दे सकते हैं. ये बहुत सी बातों पर निर्भर करता है जैसे कॉलेज की कैपेसिटी, इंफ्रास्ट्रक्चर, टीचर्स वगैरह. इन सबके आधार पर एक सीमित संख्या है जितने एडमिशन ही हर साल किसी कॉलेज में होते हैं.

क्या है एआईसीटीई का प्रपोजल

इस बारे में ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन ने प्रपोजल रखा है कि साल 2024-25 से इंजीनियरिंग कॉलेजों पर से ये रोक हटा ली जाए. अभी एक सीमित संख्या में ही एडमिशन होते हैं जिसे कुछ हद तक बढ़ाया जाए. टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक वर्तमान में चेन्नई में ये लिमिट 240 सीट प्रति ब्रांच है. कोई भी कॉलेज किसी भी ब्रांच में अधिकतम इतने एडमिशन ले सकता है. डिमांड और सप्लाई के मिसमैच को देखते हुए इस अपर लिमिट पर विचार किया जा रहा है.

इस आधार पर मिलेगा अप्रूवल

एआईसीटीई का ये भी कहना है कि ये अप्रूवल यूं ही नहीं मिलेगा बल्कि कई पैरामीटर्स पर जांच होने के बाद और सब सही निकलने के बाद इंजीनियरिंग सीटें बढ़ाने की अनुमति मिलेगी. जैसे इंफ्रास्ट्रक्चर की उपलब्धता, फैकल्टी की संख्या वगैरह. सबसे बड़ी बात कि सीटें बढ़ाने की सुविधा उसी कंडीशन में मिलेगी जब संस्थान कोर ब्रांचेस में कम से कम तीन कोर्सेस ऑफर कर रहा है.

क्या कहना है एआईसीटीई का

काउंसिल का कहना है कि साल 2020 में आयी एनईपी के मुताबिक और ग्रॉस इनरोलमेंट रेशियो क देखते हुए अपर लिमिट हटाने पर विचार हो रहा है. ये साल 2024 – 25 की हैंडबुक में प्रपोज किया गया है.

क्या है कॉलेजों का मत

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इस बाबत कॉलेजों की तरफ से मिक्स रिएक्शन आए हैं. जैसे टॉप इंजीनियरिंग कॉलेज इस प्रपोजल से खुश हैं कि  उससे उन्हें कैम्पस एक्सपेंड करने का मौका मिलेगा. वहीं मिड लेवल कॉलेजों का कहना है कि इससे उनके यहां होने वाले प्रवेशों पर उल्टा असर पड़ेगा. 

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