देश के मेडिकल छात्रों से जुड़ा एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है. खबर है कि NEET PG परीक्षा देने वाले करीब 1.38 लाख अभ्यर्थियों का निजी डेटा लीक हो गया है. बताया जा रहा है कि यह डेटा बेहद सस्ते दाम पर, यानी सिर्फ 3,599 में ऑनलाइन बेचा जा रहा है. सोशल मीडिया पर इस खुलासे के बाद हड़कंप मच गया है और छात्रों के बीच नाराजगी बढ़ती जा रही है.

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पूरा मामला तब सामने आया जब एक अभ्यर्थी ने Reddit पर पोस्ट करते हुए दावा किया कि एक Telegram चैनल पर NEET PG उम्मीदवारों का डेटा बेचा जा रहा है. उस यूजर के अनुसार, चैनल पर 15,000 में डेटा बेचने का विज्ञापन डाला गया था.

अभ्यर्थी ने अपनी जानकारी चेक करने के लिए खुद की रैंक और डिटेल साझा की. उसने बताया कि जिसने डेटा बेचा, उसने बिलकुल सटीक जानकारी दी — उसका नाम, पिता का नाम, ईमेल आईडी, मोबाइल नंबर और राज्य तक सही निकला. इससे यह साफ हो गया कि डेटा लीक असली है.

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ट्विटर (X) पर भी उभरी छात्रों की नाराजगी

यह चौंकाने वाला है! NEET PG छात्रों की निजी जानकारी एप्लिकेशन आईडी, ईमेल, संपर्क नंबर, रोल नंबर ऑनलाइन बेची जा रही है. यह भरोसे का गंभीर उल्लंघन है. यूजर ने आगे लिखा कि इस घटना से छात्रों की गोपनीयता और मेहनत दोनों के साथ विश्वासघात हुआ है. उन्होंने NMC (National Medical Commission) और इस प्रक्रिया में शामिल IT कंपनी से जवाब मांगते हुए कहा कि दोनों को इस लापरवाही पर शर्म आनी चाहिए.

डेटा बिक्री के सबूत भी आए सामने

सोशल मीडिया पर कई यूजर्स ने उस वेबसाइट का स्क्रीनशॉट भी साझा किया है, जहां यह डेटा बिक्री के लिए डाला गया था. वेबसाइट पर लिखा था कि 1,38,456 NEET PG उम्मीदवारों का डेटा सिर्फ 3,599 में उपलब्ध है. बताया जा रहा है कि खरीदारों का भरोसा जीतने के लिए वेबसाइट ने कुछ डेटा सार्वजनिक रूप से भी दिखाया.

इस खुलासे के बाद देशभर में NEET PG अभ्यर्थी और डॉक्टर समुदाय में गुस्सा है. कई लोग पहले से ही परीक्षा प्रक्रिया में पारदर्शिता की मांग कर रहे थे, और अब इस लीक ने उनकी चिंता और बढ़ा दी है.

NBEMS पर बढ़ा दबाव

​रिपोर्ट्स के अनुसार नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशंस इन मेडिकल साइंसेज (NBEMS) पर अब सवाल उठ रहे हैं. दरअसल, अभ्यर्थी पहले से ही सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर चुके हैं, जिसमें उन्होंने परीक्षा प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने, आंसर की और प्रश्नपत्र सार्वजनिक करने की मांग की थी.

सुप्रीम कोर्ट ने मांगा जवाब

इस पूरे मामले में सुप्रीम कोर्ट पहले ही सक्रिय है. 26 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने NBEMS को दो सप्ताह में जवाब देने का आदेश दिया था. तय समय के अनुसार, यह मामला 28 अक्टूबर को फिर से सुना जाएगा.

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