NCERT & UNESCO Releases Guidelines For Safe Online Learning: आजकल कोविड-19 की वजह से अधिकतर स्टूडेंट्स ऑनलाइन लर्निंग पर निर्भर हैं. चाहें कक्षाएं हो चाहे परीक्षाएं सभी कुछ ऑनलाइन ही आयोजित हो रहा है. इसके अलावा भी स्टडी मैटिरियल से लेकर कोर्स कंटेंट तक सबकुछ ऑनलाइन उपलब्ध है. और तो और बच्चों को व्यस्त रखने के लिए छुट्टियों में एक्सट्राक्यूरिकुलर एक्टीविटीज़ की ऑनलाइन क्लासेस चलायी जा रही हैं. कहने का तात्पर्य यह है कि बच्चों का इंटरनेट से नाता काफी गहरा हो गया है. जैसा कि सिक्के के दो पहलू होते हैं, वैसा ही यहां भी है. जहां इंटरनेट के तमाम फायदे हैं, वहीं नुकसान भी हैं. साइबर बुलिंग इसका सबसे बड़ा उदाहरण है. ऐसे बहुत सी समस्याओं से बच्चों को बचाने के लिये एनसीईआरटी और यूनेस्को ने मिलकर ऑनलाइन लर्निंग गाइडलाइंस जारी की हैं. इसमें कुछ बातों का खास ख्याल रखने के लिये कहा गया है जो इस प्रकार हैं.


डूज़ –




  • स्ट्रांग पासवर्ड बनायें जो आसानी से कोई क्रैक न कर पाये.

  • सोशल नेटवर्किंग साइट्स इस्तेमाल करने से पहले उनकी प्राइवेसी सेटिंग भली प्रकार पढ़ लें.

  • जिन लोगों को जानते हों केवल उन्हीं से कम्यूनिकेट करें. जैसे रियल वर्ल्ड में स्ट्रेंजर्स को एंटरटेन नहीं करते वैसे ही वर्चुअल वर्ल्ड में भी न करें.

  • सोशल मीडिया साइट्स पर फोटोज़ और वीडियोज़ डालते समय सावधानी रखें. कोई सिक्योरिटी फीचर उपलब्ध हो तो उसका प्रयोग करें.

  • इस बात का ध्यान रखें की आपका कंप्यूटर सिस्टम केवल आपके जानने वाले और भरोसे के लोग ही एक्सेस करें.

  • अगर एकाउंट हैक होने की शंका हो तो तुरंत रिपोर्ट करें.

  • स्ट्रांग सिक्योरिटी सिस्टम पर इनवेस्ट करें.

  • केवल वैरीफाइड ओपेन सिस्टम और लाइसेंस्ड सॉफ्टवेयर तथा ऑपरेटिंग सिस्टम का प्रयोग करें.

  • कंप्यूटर में ऑटोमेटिक एंटीवायरस सॉफ्टवेयर और ऑपरेटिंग सिस्टम अपडेट्स डालें.


डोंट्स –




  • अपना पासवर्ड सीक्रेट रखें. माता-पिता के अलावा किसी से न शेयर करें.

  • अपनी पर्सनल इंफॉर्मेशन जैसे उम्र, पता फोन नंबर वगैरह किसी को न बतायें, इससे आइडेंटिटी थेफ्ट हो सकती है.

  • सोशल मीडिया साइट्स पर ऐसी चीजें न डालें, जिससे किसी की भावनाएं हर्ट हो सकती हों.

  • सोशल मीडिया पर कुछ भी पढ़ने के बाद बिना वैरीफाई करे उसे आगे फॉरवर्ड न करें.

  • अपने दोस्तों की जानकारी भी वेबसाइट्स पर न डालें, इससे उन्हें खतरा हो सकता है.

  • इस्तेमाल न कर रहे हों तो एकाउंट लॉगआउट कर दें, ऐसे ही खुला न छोड़ें.

  • फेक प्रोफाइल्स न बनायें.

  • पब्लिक नेटवर्क अथवा कंप्यूटर पर अपनी पर्सनल डिवाइसेस जैसे हार्ड ड्राइव आदि इस्तेमाल न करें.

  • ब्लॉक फाइल्स को न खोलें और हर पॉप-अप पर क्लिक न करें.


सारी सावधानियों के बाद भी अगर कोई समस्या आती है तो इसकी शिकायत करें. साइबर बुलिंग एक दंडनीय अपराध है. इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एक्ट 2000 और इंडियन पीनल कोड के तहत इसकी रिपोर्ट जरूर करानी चाहिये.


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