महाराष्ट्र सरकार ने 5वीं और 8वीं क्लास के बच्चों के भविष्य को लेकर एक अहम फैसला किया है. सरकार ने इन दोनों क्लासेस में पढ़ने वाले बच्चों की वार्षिक परीक्षाओं को फिर से शुरू करने का निर्णय लिया है. सरकार के इस फैसले के मुताबिक, अगर 5वीं और 8वीं क्लास में पढ़ने वाले बच्चे फेल होते हैं, तो उन्हें पास होने का एक मौका दिया जाएगा. लेकिन अगर दूसरे मौके में भी वो पास नहीं हो पाए तो स्कूल को यह अधिकार होगा कि वह बच्चे को उसी क्लास में रोक ले यानी फेल होने पर अब कोई छूट नहीं मिलेगी. इसकी जानकारी राज्य के स्कूल एजुकेशन डिपार्टमेंट ने दी है.

स्कूल एजुकेशन डिपार्टमेंट ने अपने इस फैसले को लेकर शुक्रवार को एक अधिसूचना जारी की थी. यह अधिसूचना केंद्र सरकार द्वारा 'राइट टू एजुकेशन एक्ट' (RTI 2009) में संशोधन की पृष्ठभूमि के तहत आई है, जिसमें कहा गया था कि 8वीं क्लास तक के सभी बच्चों को अनिवार्य रूप से पास कर दिया जाएगा, यानी जो फेल भी होंगे, वो भी पास कर दिए जाएंगे. हालांकि अब से ऐसा नहीं होगा.

फेल होने पर नहीं किया जाएगा प्रमोट

अधिसूचना में यह सीधे तौर पर कहा गया है कि 5वीं और 8वीं क्लास के अंत में वार्षिक परीक्षाएं आयोजित कराई जाएंगी. अगर इस एग्जाम में कोई बच्चा फेल हो जाता है, तो उसे पास होने के लिए दूसरा मौका दिया जाएगा. दो महीने के बाद दोबारा से एग्जाम कंडक्ट कराया जाएगा. अगर बच्चे ने दूसरा मौका भी गंवा दिया यानी अगर वो दूसरी बार भी परीक्षा पास न कर सका तो उसे उसी क्लास में दोबारा पढ़ना होगा. अधिसूचना में यह भी कहा गया है कि प्रारंभिक शिक्षा जब तक पूरी नहीं हो जाती, तब तक किसी भी बच्चे को स्कूल से निकाला नहीं जाएगा.

सभी स्कूलों में यह नियम लागू

महाराष्ट्र सरकार ने अब राज्यों के तमाम स्कूलों में यह नियम लागू कर दिया है, जैसे- सरकारी स्कूलों, निजी स्कूलों और सरकार से सहायता प्राप्त स्कूलों. अब से इन सभी स्कूलों में यह नियम अनिवार्य रूप से लागू होगा.

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