12वीं कक्षा एक स्टूडेंट की लाइफ का सबसे महत्वपूर्ण फेज होती है. यह किसी भी छात्र के करियर का निर्णायक मार्ग है. 12वीं के छात्रों को न केवल अपनी पढ़ाई पर ध्यान देना होता है बल्कि करियर के लिहाज से भी ऑप्शन को सेलेक्ट करना होता है. हालांकि कुछ स्टूडेंट्स अपने करियर प्लान को लेकर एकदम क्लियर होते हैं लेकिन कुछ कंफ्यूज  रहते हैं कि उन्हें किस फील्ड में जाना है. यहां हम नॉन मेडिकल फील्ड के स्टूडेंट्स के लिए करियर ऑप्शन लेकर आए हैं. नॉन मेडिकल फील्ड के छात्र इन विकल्पों में से कोई भी चुन सकते हैं और अपना करियर शानदार बना सकते है. चलिए जानते हैं कि 12वीं बाद नॉन मेडिकल स्टूडेंट्स क्या-क्या कोर्स कर सकते हैं.


1-इंजीनियरिंग 


नॉन मेडिकल स्टूडेंट्स के लिए इंजीनियरिंग की फील्ड करियर के लिहाज से काफी बेहतरीन है. 12वीं के बाद स्टूडेंट्स बीई, बीटेक या BArch का ऑप्शन चुन सकते हैं. इन कोर्सेस में एडमिशन पाने के लिए एंट्रेंस एग्जाम जैसे जॉइंट एंट्रेंस एग्जाम (JEE) क्वालिफाई करना होता है. सीबीएसई द्वारा हर साल जेईई एग्जाम आयोजित किया जाता है. ज्यादातर इंजीनियरिंग कॉलेज JEE के स्कोर पर ही स्टूडेंट्स को एडमिशन देते हैं.


2-मैनेजमेंट कोर्स कर संवारे करियर


नॉन मेडिकल स्टूडेंट्स 12वीं के बाद मैनेजमेंट कोर्स का ऑप्शन चुन सकते हैं. मैनेजमेंट फील्ड में जाने के लिए स्टूडेंट्स बीबीए यानी बैचलर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन के तीन वर्ष के कोर्स में एडमिशन ले सकते हैं. इसके अलावा छात्र बीएमएस या बैचलर ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज कोर्स का ऑप्शन भी चुन सकते हैं.


3- कंप्यूटर एप्लीकेशन साइंस 


आईटी फील्ड में इंटरेस्टेड स्टूडेंट्स 12वीं के बाद कंप्यूटर एप्लीकेशन साइंस का ऑप्शन चुन सकते हैं. हालांकि इस क्षेत्र को चुनने वाले छात्रों की लॉजिक स्किल्स अच्छी होनी चाहिए.टेक्नोलॉजी के आगमन के साथ  कंप्यूटर एक्सपर्ट्स की डिमांड भी तेजी से बढ़ गई है. 12वीं नॉन-मेडिकल फील्ड के बाद छात्र आसानी से कंप्यूटर एप्लीकेशन साइंस कोर्स को कर सकते हैं. ये कोर्स डीयू, आईपी यूनिवर्सिटी और सिम्बायोसिस इंस्टीट्यूट ऑफ कंप्यूटर स्टडीज से किया जा सकता है.


4- बैचलर ऑफ मास कम्यूनिकेशन 


अगर आपको रेडियो जॉकी, न्यूज प्रेजेंटर, कंटेंट राइटर, या जर्नलिस्ट जैसी जॉब्स अट्रैक्ट करती हैं तो बैचलर ऑफ मास कम्यूनिकेशन में ग्रेजुएशन करना एकदम सही ऑप्शन है. बैचलर ऑफ मास कम्युनिकेशन भारत और विदेशों में पर्याप्त गुंजाइश वाला 3 साल का डिग्री कोर्स है.  


5-होटल मैनेजमेंट 


दिनों दिन हॉटल्स की संख्या बढ़ने के साथ ही हॉसपिटैलिटी इंडस्ट्री में भी काफी स्कोप बढ़ गया है.  इसलिए, होटल मैनेजमेंट कोर्स भी  दिन-ब-दिन पॉपुलर होता जा रहा है. इस फील्ड में इंटरेस्ट रखने वाले छात्र 12वीं के बाद आसानी से इसमें एडमिशन पा  सकते हैं. इस करियर को चुनने के लिए कम से कम 12वीं पास होना चाहिए. उसके बाद कोर्स की अवधि और शुल्क के आधार पर एक उम्मीदवार संबंधित क्षेत्र में एक सर्टिफिकेट और डिप्लोमा कोर्स कर सकता है. यदि कोई छात्र सरकारी संस्थानों में एडमिशन चाहता है, तो उसे एक कॉमन एंट्रेंस टेस्ट पास करना होगा. बता दें कि होटल मैनेजमेंट का काम अब सिर्फ होटलों तक ही सीमित नहीं रह गया है अब  यह कई अन्य विभागों जैसे ऑपरेशन, फूड और बैवरेजेस से भी जुड़ा हुआ है. होटल मैनेजमेंट के लिए जरूरी स्किल हॉस्पिटैलिटी स्किल होना चाहिए. इसके साथ ही होटल मैनेजमेंट का कोर्स करने के इच्छुक स्टूडेंट्स में कम्यूनिकेशन स्किल और सोशल स्किल्स भी होने चाहिए. अच्छे इंटरपर्सनल स्किल्स वाले छात्र 12वीं नॉन-मेडिकल के बाद इन करियर विकल्पों पर विचार कर सकते हैं.


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