Success Story Of IAS Topper Niketan Bansilal Kadam:  निकेतन बंसीलाल की कहानी दूसरे लोगों को भी प्रेरणा देती है. वह नासिक, महाराष्ट्र के एक छोटे से गांव के रहने वाले हैं. कड़ी मेहनत और लगन के बाद आखिरकार साल 2018 में यूपीएससी सीएसई परीक्षा में वह सेलेक्ट हुए. साथ ही सिक्योर की गई रैंक से उन्हें आईपीएस पद मिला. इस तरह निकेतन ने पूरे परिवार का नाम रोशन किया. उन्होंने दिल्ली नॉलेज ट्रैक को दिये इंटरव्यू के दौरान अपनी जर्नी को लेकर खुलकर बात की.


2 साल की नौकरी
उनका बचपन काफी गरीबी में गुजरा. उनके पिता किसान थे और उनकी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी. निकेतन ने शुरुआती शिक्षा जिला परिषदीय स्कूल में मराठी मीडियम में की. इसके बाद उन्होंने डिप्लोमा किया और एक कॉलेज से बीटेक किया. बीटेक के बाद उनकी आईटी कंपनी में नौकरी लग गई. उन्होंने लगभग 2 साल तक यहां नौकरी की. लेकिन अच्छी सैलेरी होने के बाद भी उनका मन जॉब में नहीं लग रहा था. इसलिए उन्होंने यूपीएससी जैसे क्षेत्र में आने का फैसला किया. 


ऐसे मिली सफलता
यूपीएससी की तैयारी के लिए निकेतन ने दिल्ली आने का फैसला किया. यहां आकर वह पढ़ाई में जुट गये. पहले दो अटेम्पट्स में उनका सेलेक्शन नहीं हो पाया. लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और तीसरी बार में वे तीनों चरण पास कर गए. निकेतन का ऑप्शनल एंथ्रोपोलॉजी था.


यहां देखें निकेतन बंसीलाल द्वारा दिल्ली नॉलेज ट्रैक को दिए इंटरव्यू का वीडियो 



ऐसे करें तैयारी की शुरुआत
निकेतन कहते हैं कि तैयारी हमेशा जीरो से शुरू करें. जो कैंडिडेट ये समझकर तैयारी करता है कि मुझे ये आता है इसमें तैयारी की आवश्यकता नहीं है उन्हें दिक्कत होती है. टेस्ट दें लेकिन सीमा में. अधिक टेस्ट देना फायदेमंद नहीं होता है. पिछले साल के पेपर्स देखें और उनसे तैयारी करें.


निकेतन की सलाह
निकेतन कहते हैं कि प्री और मेन्स की तैयारी साथ करें. जमकर रिवीजन करें. टेस्ट सीरीज दें पर अधिक फोकस पिछले साल के क्वैश्चंस पर करें. तैयारी के साथ फिजिकल एक्सरसाइज और मेडिटेशन पर भी ध्यान देना चाहिए. ये दोनों चीजें बेहद जरूरी है.


 


 


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