Success Story Of IAS Topper Rena Jamil: झारखंड के एक छोटे से गांव की रैना जमील आज लोगों के लिए आइडियल बन चुकी हैं. रैना का जन्म ऐसे परिवार में हुआ, जहां उन्हें हमेशा पढ़ाई और आगे बढ़ने के लिए समर्थन मिला. यही वजह है कि रैना खुद को बेहद खुशकिस्मत समझती हैं. कभी भी रैना के परिवार ने उनको दूर कॉलेज जाने से नहीं रोका. यही वजह है कि उन्होंने अपने परिवार का नाम रोशन कर दिया. वह UPSC परीक्षा पास करने से पहले ही काफी डिग्रियां हासिल कर चुकीं थीं. उन्होंने दिल्ली नॉलेज ट्रैक को दिए इंटरव्यू में अपने सफर के बारे में खुलकर बात की. चलिए जानते हैं विस्तार से...

ऐसे हुई सफर की शुरुआतरैना ने शुरुआती शिक्षा गांव के स्कूल से प्राप्त की. जो कि एक उर्दू स्कूल था. उर्दू स्कूल से शिक्षा पूरी करने के बाद उन्होंने ग्रेजुएशन किया और इसके बाद पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की. पोस्ट ग्रेजुएशन के बाद उन्होंने बीएड यानी बैचलर ऑफ एजुकेशन की डिग्री ली. पढ़ाई के दौरान सबसे अच्छी बात ये रही कि उनके घर वालों ने रैना पर किसी तरह का प्रेशर नहीं डाला. पोस्ट ग्रेजुएशन में उनके पास जुलॉजी विषय था. UPSC परीक्षा में भी उन्होंने अपना ऑप्शनल भी जुलॉजी को ही बनाया. तीन डिग्रियां लेने के बाद रैना ने यूपीएससी के क्षेत्र में आने का फैसला किया. 

बड़े भाई ने की मददसाइंस साइड की छात्रा रही रैना को आर्ट्स सबजेक्ट पढ़ने और समझने में शुरुआत में काफी मुश्किलें आईं. इस मुश्किल वक्त में उनके बड़े भाई ने उनका साथ दिया. रैना के भाई कुछ वक्त पहले यूपीएससी परीक्षा के माध्यम से ही आईआरएस सेवा के लिए चयनित हुए थे. 

स्ट्रेटजी बनाना है जरूरीरैना ने बताया कि आपको परीक्षा पास करने के लिए एक अच्छी स्ट्रेटजी बनानी चाहिए और उस पर काम करना चाहिए. स्ट्रेटजी बनाने के लिए आप टॉपर्स के इंटरव्यू देख सकते हैं. साथ ही दूसरे यूपीएससी कैंडिडेट्स से भी सलाह ले सकते हैं. आपको बेसिक्स क्लीयर करना बेहद आवश्यक है. इसमें आपकी मदद एनसीईआरटी की किताबें कर सकती हैं.

देखें रैना जमील द्वारा दिल्ली नॉलेज ट्रैक को दिया गया इंटरव्यू

रैना की सलाह रैना मानती है कि परीक्षा पास करने के लिए धैर्य रखना बेहद जरूरी है क्योंकि दूसरी परीक्षाओं को पास करने की तुलना में इसमें अधिक समय लगता है. रैना को साल 2016 के प्रयास में उन्हें 882 रैंक मिली, जिससे उन्हें इंडियन इंफॉर्मेशन सर्विस मिली. हालांकि उन्होंने ट्रेनिंग तो ज्वॉइन कर ली लेकिन उनका दिमाग हमेशा आईएएस पद की तरफ लगा रहा. यही वजह रही कि उन्होंने फिर से एग्जाम दिया लेकिन ट्रेनिंग के चलते वह तैयारी ठीक से नहीं कर पाई, जिसके चलते वह प्री भी पास नहीं कर पाई. जिसके बाद उन्होंने छुट्टी ली और तीसरी बार में अपनी मंजिल तक पहुंच गईं.


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