Success Story Of IAS Topper Anand Vardhan: यूपीएससी का सफर हर कैंडिडेट के लिए अलग अनुभव वाला होता है. कोई यहां पहले प्रयास में सफलता प्राप्त कर लेता है, तो किसी को अपना सपना पूरा करने के लिए कई सालों तक संघर्ष करना पड़ता है. आज आपको यूपीएससी सिविल सर्विस परीक्षा 2016 में ऑल इंडिया रैंक 7 प्राप्त कर आईएएस अफसर बनने वाले आनंद वर्धन की कहानी बताएंगे, जिन्होंने बिहार के एक गांव से निकलकर यूपीएससी में सफलता हासिल की. उन्हें यह सफलता अपने चौथे प्रयास में मिली.


12वीं के बाद पढ़ाई के लिए दिल्ली आए
आनंद वर्धन मूल रूप से बिहार के रहने वाले हैं. वे पढ़ाई में हमेशा से होशियार थे और उनकी इंटरमीडिएट तक की पढ़ाई अपने शहर में हुई. इसके बाद आनंद ने इंजीनियरिंग में अपना करियर बनाने का मन बनाया. इसके लिए वे दिल्ली आ गए और उन्हें दिल्ली यूनिवर्सिटी में दाखिला मिल गया. इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल करने के बाद उन्हें नौकरी मिल गई. अब तक उनके मन में यूपीएससी का कोई ख्याल नहीं था. लेकिन कुछ समय तक नौकरी करने के बाद उन्होंने आईएएस बनने की ठानी.


कई बार हुए फेल, लेकिन नहीं मानी हार 
आनंद ने नौकरी के साथ ही यूपीएससी सिविल सर्विस की तैयारी करने का फैसला किया. उन्होंने वीकेंड्स पर अपनी पढ़ाई के लिए ज्यादा समय दिया, तो हर दिन ऑफिस के बाद कुछ घंटे पढ़ाई के लिए निकाले. हालांकि शुरुआती 3 प्रयासों में वे प्री-परीक्षा में पास नहीं हो पाए. लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और लगातार मेहनत करते रहे. आखिरकार चौथे प्रयास में उनकी किस्मत अच्छी रही और उन्होंने टॉपर्स की सूची में जगह बना कर अपना सपना पूरा कर लिया.


यहां देखें आनंद वर्धन का दिल्ली नॉलेज ट्रैक को दिया गया इंटरव्यू



अन्य कैंडिडेट्स को आनंद की सलाह
आनंद का मानना है कि यूपीएससी में सफलता प्राप्त करने के लिए कोचिंग ज्वाइन करना या न करना आपके ऊपर निर्भर करता है. अगर आपके पास सही गाइडेंस है तो आप बिना कोचिंग के लिए इस परीक्षा की तैयारी कर सकते हैं. वे कहते हैं कि अच्छी रणनीति बनाकर अगर आप लगातार सही दिशा में प्रयास करेंगे, तो एक न एक दिन आपको सफलता जरूर मिलेगी.


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