विदेश में पढ़ाई करने की इच्छा भारत में रहने वाले ज्यादातर छात्रों की होती है. इसके पीछे वजह बताई जाती है, वहां की बेहतर शिक्षा और भविष्य में अच्छी नौकरी की गारंटी. लेकिन क्या कोई भी भारतीय छात्र जब चाहे विदेश में जाकर पढ़ाई कर सकता है या फिर उसके लिए कोई एंट्रेंस एग्जाम पास करना होता है. आज इस आर्टिकल में हम आपको इन्हीं सवालों से जुड़े जवाब देंगे और बताएंगे कि अगर आप विदेश में जाकर पढ़ाई करना चाहते हैं तो उसका क्या प्रोसेस होगा.


विदेश में पढ़ाई करने का प्रोसेस


अगर आप विदेश में पढ़ाई करना चाहते हैं और उसके लिए पैसे भी कम खर्च करना चाहते हैं तो आपको कुछ एंट्रेंस एग्जाम पास करने होंगे. इनमें GRI, GMAT, SAT, MCAT और LST शामिल है. अगर आप इन एंट्रेंस एग्जाम को पास कर लेते हैं तो इसका मतलब माना जाता है कि आप दुनिया के अलग-अलग देशों में पढ़ाई करने के लिए एलिजिबल हैं.


अंग्रेजी बहुत जरूरी है


अगर आप विदेश में पढ़ाई करना चाहते हैं तो आपको अंग्रेजी आनी चाहिए. आपकी भाषा के लिए भी आपको एक एंट्रेंस एग्जाम देना पड़ता है. कई देश अलग-अलग माध्यमों से परीक्षा लेते हैं और इनमें पास होने के बाद ही आप विदेश में पढ़ाई करने के लिए एलिजिबल माने जाते हैं. इन परीक्षाओं में IELTS, TOEFL और PTI शामिल है. खास तौर से यूरोपियन देशों में अगर आप पढ़ाई करना चाहते हैं तो आपको इन एंट्रेंस एग्जाम को पास करना ही होगा.


कनाडा और अमेरिका का क्या सीन है


कनाडा और अमेरिका में अगर आप पढ़ना चाहते हैं तो आपको ग्रेजुएट रिकॉर्ड एग्जाम पास करना होगा. यह एक तरह का एलिजिबिलिटी टेस्ट होता है, जिसे पास करने के बाद आप अमेरिका या कनाडा की किसी भी इंस्टीट्यूट में एडमिशन ले सकते हैं. हालांकि, अगर आप अमेरिका में टेक्निकल और साइंस से संबंधित पढ़ाई करना चाहते हैं तो आपको एजुकेशनल टेस्टिंग सर्विसेज की परीक्षा पास करनी होगी. इसके बाद ही आपको यहां के टेक्निकल और साइंस इंस्टीट्यूट में एडमिशन मिलेगा.


ये भी पढ़ें: ये है दुनिया का सबसे महंगा स्कूल, एक साल में देनी होगी 1 करोड़ से ज्यादा फीस


Education Loan Information:

Calculate Education Loan EMI