New UG Course: हर क्षेत्र की तरह शिक्षा के क्षेत्र में भी लगातार बदलाव हो रहे हैं. इसी क्रम में अब नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत यूजीसी चार वर्ष का अंडर ग्रेजुएट कोर्स लांच करने जा रहा है. ये कोर्स सोमवार को लांच किया जाएगा. इस चार साल के कोर्स में कुल 08 सेमेस्टर होंगे. इस कोर्स को पूरा करने के बाद छात्र सीधे पीएचडी कर सकेंगे. हालांकि, पीएचडी करने के लिए उन्हें तय शर्तों को पूरा करना होगा.

इस नए कोर्स में एडमिशन लेने वाले छात्रों को एक वर्ष बाद अपने विषय बदलने की छूट होगी. वहीं, 1 या 2 वर्ष के बाद कोर्स छोड़ने और तीन वर्ष के गैप के बाद  छात्र फिर से एडमिशन ले सकेंगे. छात्रों को 7 वर्ष में डिग्री पूरी करने की छूट होगी. वहीं, जो छात्र दूसरे या चौथे सेमेस्टर के बाद पढ़ाई छोड़ देंगे, उन्हें सर्टिफिकेट या डिप्लोमा का प्रमाण पत्र मिलेगा. यूजीसी अध्यक्ष प्रो. एम जगदीश कुमार के अनुसार मौजूदा च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम में सुधार किया गया है. साथ ही एफवाईयूपी के लिए नया करिकुलम और क्रेडिट फ्रेमवर्क तैयार किया गया है.

करिकुलम के आधार पर सभी विश्वविद्यालय और कॉलेज अंडर ग्रेजुएट प्रोग्राम तय कर अगले सत्र से लागू कर पाएंगे. मौजूदा च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम के साथ 3 वर्षीय यूजी प्रोग्राम में रजिस्टर्ड छात्र-छात्राएं भी कार साल का यूजी प्रोग्राम कर सकते हैं. रिपोर्ट्स के अनुसार छात्रों को एक ब्रिज कोर्स करना होगा.

इस प्रोग्राम में मिलेगा सब कुछइस कोर्स के लांच होते ही अंडर ग्रेजुएशन के छात्रों को मल्टीपल डिसिप्लिन की पढ़ाई करने मौका मिलेगा. वह प्रोग्राम छोड़ने या फिर से एडमिशन पाने, सिंगल मेजर, डबल मेजर डिग्री व ऑनर्स डिग्री, डिप्लोमा व सर्टिफिकेट प्रोग्राम के विकल्पों को चुन पाएंगे. रिपोर्ट्स के अनुसार यह टेक्निकल, वोकेशनल कोर्स, प्रोफेशनल, इंटर्नशिप, कौशल व क्षमता विकास कोर्स समेत समग्र शिक्षा का एक पूरा पैकेज होगा.

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