Engineering In Different Languages: अब उर्दू, असमिया और मलयालम जैसी भाषा​​ओं में भी इंजीनियरिंग (Engineering) की पढ़ाई हो सकेगी. एआईसीटीई (AICTE) ने इंजीनियरिंग से जुड़े सभी डिग्री और डिप्लोमा के पहले वर्ष से लेकर आखिरी साल तक सभी भाषाओं में तैयार करने की योजना तैयार की है. इस योजना पर करीब 18 करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि खर्च होगी. अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (AICTE) ने की मानें तो इंजीनियरिंग की पढ़ाई जल्द ही उर्दू, असमिया और मलयालम में होगी. इसके लिए कोर्स तैयार करने का कार्य तेजी से चल रहा है, जो इस वर्ष के अंत तक समाप्त होने की उम्मीद है.

एआईसीटीई (AICTE) ने इंजीनियरिंग से जुड़े सभी डिग्री और डिप्लोमा के प्रथम वर्ष से लेकर अंतिम साल तक के कोर्स को सभी भाषाओं में तैयार करने की योजना तैयार की है. इस दौरान इंजीनियरिंग से जुड़े लगभग 88 सब्जेक्ट्स की पहचान की गई है, जिन्हें इन सभी भाषाओं में इस वर्ष के आखिर तक तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है. आपको बता दें की इन पाठ्यक्रमों को तैयार करने में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की मदद ली जा रही है. इसके अलावा ऐसे तकनीकी शब्दों से बिल्कुल भी छेड़छाड़ नहीं की जा रही है, जो प्रचलन में है.

यूजीसी ने भी दिया सुझावअखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद ने भारतीय भाषाओं में तैयार होने वाली इंजीनियरिंग की किताबों को राज्य के सभी तकनीकी संस्थानों को मुहैया कराने की भी योजना बनाई है. इसके तहत सभी संस्थानों को इन किताबों का एक सेट प्रदान किया जाएगा. एआईसीटीई (AICTE) की मातृभाषा में इंजीनियरिंग की पढ़ाई शुरू करने की पहल को देखते हुए यूजीसी (UGC) ने भी केंद्रीय विश्वविद्यालय सहित सभी उच्च शिक्षण संस्थानों से भारतीय भाषाओं में अपने कोर्स को तैयार करने का सुझाव दिया है. इनमें कुछ ऐसे कोर्स को भी चिन्हित कर लिया गया है, जिनकी पढ़ाई अभी सिर्फ अंग्रेजी में ही कराई जाती है.

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