देश में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों ने सरकार को सीबीएसई की बोर्ड परीक्षाओं के आयोजन को लेकर दोबारा सोचने पर मजबूर कर दिया है. बता दें कि सीबीएसई की बोर्ड परीक्षाएं 4 मई 2021 से शुरू होनी हैं.वहीं शिक्षा मंत्रालय और केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) इस बात पर विचार कर रहे हैं कि क्या बोर्ड परीक्षाओं को स्कूल के रूप में स्थगित करने की आवश्यकता है या नहीं. वहीं अब से 20 दिन बाद शुरू होने जा रही परीक्षा को लेकर छात्र असमंजस की स्थिति में हैं.


छात्रों और शिक्षकों की सुरक्षा से समझौता नहीं


शिक्षा मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने टीओआई को यह कहा था कि “ इस समय कोरोन संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं इसलिए चर्चा का विषय सिर्फ बोर्ड एग्जाम की तारीखें हैं. परीक्षाओं में तीन हफ्ते बचे हैं. सिचुएशन को देखते हुए कोविड संक्रमण और कंटेनमेंट जोन की संख्या में वृद्धि सहित स्थिति के आकलन को लेकर चर्चा की जा रही है. फिलहाल चर्चा की प्राथमिकता छात्रों और शिक्षकों की सुरक्षा है और इससे समझौता नहीं किया जाएगा. ”


परीक्षा की तारीखों पर पुनर्विचार करने को तैयार है सरकार


वहीं इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, सरकार परीक्षा की तारीखों पर पुनर्विचार करने के लिए तैयार है, हालांकि यह कहना जल्दबाजी होगी कि वे क्या बदलाव करते हैं. हालांकि इस महीने की शुरुआत में सरकार ने दोहराया था कि परीक्षाएं तय कार्यक्रम के अनुसार आयोजित की जाएंगी.


महाराष्ट्र में बोर्ड परीक्षाएं स्थगित


वहीं सोमवार को, महाराष्ट्र शिक्षा मंत्रालय ने घोषणा की थी कि परीक्षाओं को स्थगित कर दिया जाएगा. वर्षा गायकवाड़ ने कहा  था कि,“महाराष्ट्र में मौजूदा कोवडद -19 की स्थिति को देखते हुए, हमने कक्षा 10 वीं और 12 वीं के लिए राज्य बोर्ड परीक्षा स्थगित कर दी है. कक्षा 12 वीं की परीक्षाएं मई के अंत तक होंगी, जबकि 10 वीं कक्षा की परीक्षाएं जून में होंगी. अब नए सिरे से तारीखों की घोषणा की जाएगी." उन्होंने ये भी कहा था कि , "हम सीबीएसई, आईसीएसई, आईबी, कैम्ब्रिज बोर्ड को भी लिखकर उनसे अपनी परीक्षा की तारीखों पर पुनर्विचार करने का अनुरोध करेंगे."


प्रियंका गांधी ने भी बोर्ड परीक्षा रद्द करने के लिए शिक्षा मंत्री को लिखा था पत्र


वहीं पिछले हफ्ते, प्रियंका गांधी वाड्रा ने शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को एक पत्र लिखकर कहा था कि, “यह 'चौंकाने वाली बात है कि सीबीएसई ने माता-पिता द्वारा आशंका व्यक्त करने के बावजूद परीक्षा को आगे बढ़ाने का फैसला किया है. वहीं जब देश में संक्रमण की दूसरी लहर चल रही है तो ऐसे में परीक्षा केंद्रों पर स्टूडेंट्स के इकट्ठा होने से महामारी फैलने का पूरा अंदेशा है.”


उन्होंने ये भी कहा था कि बड़े और भीड़-भाड़ वाले परीक्षा केंद्रों पर छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करना व्यावहारिक रूप से असंभव होगा. इसके अतिरिक्त, प्रकृति और वायरस के प्रसार को देखते हुए, यह सिर्फ उन छात्रों के लिए ही नहीं है बल्कि उनके शिक्षक, पर्यवेक्षक और परिवार के सदस्य जो उनके संपर्क में हैं, उनके लिए जोखिम भरा होगा. उन्होंने ये भी कहा था कि इस संक्रमण के दौरान यदि कोई भी परीक्षा केंद्र हॉटस्पॉट साबित होता है तो  सरकार और CBSE बोर्ड को इस घटना के लिए जिम्मेदार ठहराया जाएगा.


वहीं इस बीच उत्तर प्रदेश में  योगी आदित्यनाथ सरकार ने घोषणा कर दी है कि सभी शैक्षणिक संस्थान जैसे स्कूल, कॉलेज और कोचिंग सेंटर 30 अप्रैल 2021 तक बंद रहेंगे.


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