CISCE Reduces Syllabus Of Class 10th & 12th: कांउंसिल फॉर द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशंस ने कोरोना की वजह से हुए पढ़ाई के नुकसान को देखते हुए सिलेबस को 25 प्रतिशत कम कर दिया है. 2021 सेशन में सिलेबस को कम करने का कारण बोर्ड ने नंबर ऑफ स्टडी आवर्स का कम होना बताया है. उन्होंने यह भी कहा कि ये सिलेबस एक्सपर्ट्स के साथ बात करके बहुत ही सावधानी से कम किया गया है. सिलेबस में कमी करते वक्त इस बात का ध्यान भी रखा गया है कि किसी भी विषय के कोर कांसेप्ट्स को कोई नुकसान न पहुंचे. स्टूडेंट जब उन्हें पढ़े तो उसे सब समझ आ जाए.


लॉकडाउन के कारण नहीं हो पायीं क्लासेज


बोर्ड ने आगे अपने फैसले के सपोर्ट में कहा कि पिछले तीन महीनों से सीआईएससीई से एफिलेटेड स्कूल बंद हैं. हालांकि स्कूलों ने इस बदले हुए माहौल में ऑनलाइन क्लासेज का कॉन्सेप्ट फॉलो करके पढ़ाई का अधिक से अधिक नुकसान होने से बचाया है फिर भी इस साल एकेडमिक ईयर छोटा हो गया है और इंस्ट्रक्शनल आवर्स भी कम हो गए हैं. यही नहीं बोर्ड ने यह भी कहा कि अगर जरूरत पड़ती है तो भविष्य में सिलेबस में और भी कटौती की जा सकती है. हालांकि कोई भी कटौती करते समय या निर्णय लेते समय स्टूडेंट्स के हितों को सबसे ऊपर रखा जाएगा.


इसके पहले एचआरडी मिनिस्टर भी स्टूडेंट्स, पैरेंट्स और स्टेक होल्डर्स से सिलेबस कम करने के बारे में सुझाव मांग चुके हैं. लेकिन जेईई मेन और नीट जैसी परीक्षाएं एनसीईआरटी के सिलेबस पर बेस्ड होती हैं लेकिन सिलेबस की कटौती का तगड़ा असर पड़ सकता है. इसलिए इस संबंध में फैसला लेना आसान नहीं होगा. अधिकतर कंपटीटिव एग्जाम्स में एनसीईआरटी की किताबें बहुत महत्व रखती हैं. हालांकि एचआरडी मिनिस्टर ने इस बारे में कोई फैसला अभी नहीं सुनाया है लेकिन वे संकेत दे चुके हैं कि सिलेबस में 30 परसेंट तक की कटौती की जा सकती है. ऐसा आशा है कि कुछ समय में सीबीएसई बोर्ड के सिलेबस की स्थिति भी साफ हो जाएगी.


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